

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) विशेष संवाददाता। गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नारायण कृषि विज्ञान संस्थान द्वारा आयोजित विशाल किसान मेला शुक्रवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस किसान मेले में रोहतास और औरंगाबाद जिले के साथ ही अन्य जिले से लगभग 700 महिला और पुरुष किसानों ने सहभागिता की। किसान मेले के मुख्य अतिथि प्रो. आरके सिंह ने फोर्ड, राज्य कृषि सलाहकार समिति के सदस्य एवं पूर्व आईआरआरआई प्रतिनिधि एवं पूर्व सचिव/उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली ने कहा कि किसानों के बेहतर भविष्य के लिए किसानों को खेती को व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है जिसमें नवाचारों एवं नवीन तकनीकों का समावेश जरूरी है। उन्होंने उपस्थित किसानों का आह्वान किया की पारंपरिक कृषि से हटकर वैज्ञानिक ढंग से एवं अत्याधुनिक तरीकों को अपनाकर कृषक बेहतर लाभ लेने की आदत डालें।

विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक खेती समय की मांग है। बिना वैज्ञानिक पद्धतियों के अपनाए किसानों की आय और संपन्नता को बढ़ाना एक बड़ी चुनौती है। किसानों को सिर्फ खेतिहर से आगे बढ़ कर कृषि-उद्दमी बनने की ओर अग्रसर होना होगा तभी उनकी संपन्नता सुनिश्चित हो पाएगी।
विश्वविद्यालय के कुलाध्यक्ष प्रो. हरिकेश सिंह ने कहा कि खेती को सम्मान की दृष्टि से देखने की आवश्यकता है। बिना संपन्न किसान के समाज भी संपन्न नहीं हो सकता। इसके लिए किसानों को देश के विभिन्न किसानों द्वारा अपने गई तकनीकों को समझना और अपनाना होगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एमके सिंह ने कहा कि समाज को स्वस्थ बनाने और बनाए रखने में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान होता है। किसानों के वैज्ञानिक दृष्टिकोण से ही स्वास्थ्यवर्धक कृषि संभव है। विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. जगदीश सिंह ने कहा कि खेती में विविधता अतिआवश्यक है। किसानों को धान गेहूं के पारंपरिक खेती के साथ ही विभिन्न प्रकार के सब्जियों, फूलों, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन इत्यादि पर भी ध्यान देना होगा।

देव मंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविंद नारायण सिंह ने कहा कि कृषि उद्यमिता एवं उद्यमिता में विविधता कृषि को स्थाई और लाभप्रद बना सकती है। नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने कहा कि समाज पर अनुकूल प्रभाव डालने एवं समाज सेवा में तत्पर जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एवं हॉस्पिटल के साथ ही गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय निरंतर प्रयासरत है। यह किसान मेला इसी क्षेत्र में एक प्रयास है जिसमें सम्मिलित होकर किसान भाई नए तकनीकों एवं प्रयासों को समझ और अपना सकते हैं।
किसान मेले में प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसमें कृषि स्टार्टअप, आधुनिक कृषि उपकरणों का प्रदर्शन, विभिन्न फसलों के माध्यम से किसानों में आय वृद्धि करने हेतु तकनीकी जानकारी, बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक उत्पाद प्रदर्शन तथा सरकारी बैंकों का कृषि निवेश पर संप्रेषण के साथ ही विभिन्न सरकारी संस्थाओं द्वारा चलाई जा रही कृषि संबंधित जानकारी किसान मेला में आए लोगों को उपलब्ध कराई गई।

मेले में अपने क्षेत्र के नवाचार में प्रसिद्ध कई नामी कंपनियों के स्टॉल लगे जो किसानों को नवीन तकनीकों की जानकारी का स्रोत थी। किसान मेले में विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया एवं अपने नवीन विचारों को विभिन्न मॉडलों के माध्यम से प्रदर्शित किया। मेले में अग्रणी प्रगतिशील किसानों को सम्मानित किया गया। इसके पश्चात नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के प्रथम बैच के कृषि स्नातकों को बिल लोक सेवा आयोग में प्रखंड कृषि पदाधिकारी के पद पर चयनित होने पर सम्मानित किया गया। किसान मेला में किसानों ने विभिन्न क्षेत्र के विशेषज्ञों से संवाद भी किया। इसके उपरांत किसानों ने नारायण कृषि विधान संस्थान के विभिन्न विभागों द्वारा नई एवं वैज्ञानिक विधियों से किए जाने वाले प्रयासों को खेतों पर प्रदर्शित किया जिससे किसान भाई भी इन्हें अपने खेतों पर अपना कर लाभान्वित हों सके। इस किसान मेला आयोजन में कार्य संचालक के रूप में वरिष्ठ शिक्षक प्रो. अशोक कुमार एवं प्रो. धर्मराज सिंह थे जबकि नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के सभी शिक्षकगण इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग प्रदान किया। स्वागत संबोधन संस्थान के निदेशक प्रो. एचके सिंह ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रो. डीआर सिंह ने किया । मंच संचालन डॉ. कुमारी ज्योति ने किया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)