बीएड कालेज में उन्मुखीकरण कार्यक्रम, शिक्षक बनने आए छात्र-छात्राओं को दी गई सीख

दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि। भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बी.एड.कालेज के परिसर में गुरुवार को बीएड एवं डीएलएड के छात्र-छात्राओं के उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बीएड एवं डीएलएड के सत्र 2024-26 प्रथम वर्ष के नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं के लिए आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डा. अमित कुमार, संस्था के ट्रस्टी उर्मिला देवी, प्रतिभा कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर किया।

प्राचार्य डा. अमित कुमार ने कह कि शिक्षक बनना गौरव की बात है। राष्ट्र निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण दायित्व लेने की तैयारी छात्र-छात्रा कर रहे हैं। शिक्षक राष्ट्र के निर्माता होते हैं। बेहतर शिक्षक बनना जरूरी है। इसके लिए मन लगाकर समर्पण भाव से अध्ययन करना आवश्यक है।
प्राध्यापकों ने नवप्रवेशित प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ण अनुशासन में रहकर अध्ययन करना चाहिए। महाविद्यालयी शिक्षा में सर्वांगिण विकास होता है। विद्यार्थी को वर्तमान में प्रतिस्पर्धा के युग में अच्छा अध्ययन व नियमित कक्षाएं लेकर दृढ़निश्चयी बनकर अपने लक्ष्य को हासिल करना चाहिए। शिक्षक बनने के लिए किन-किन विषयों पर खुद का ध्यान केंद्रित करना है। कैसे पढ़ाई करनी है। किन-किन लेखकों की पुस्तकों का अध्ययन करना है।

भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद b.ed कॉलेज

सभी नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं ने अपना परिचय बताते कहा कि शिक्षा का मानव जीवन में बहुत महत्त्व है। शिक्षा ही एक ऐसा माध्यम है जिससे मनुष्य में ज्ञान का प्रसार होता है।
कई छात्र-छात्राओं ने अपने संबोधन में कहा कि बेहतर शिक्षक बनकर दिखाएंगे। खुद से संकल्प लिया।

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रोफेसर पंकज कुमार ने करते हुए सभी शिक्षकों का परिचय कराया। बीएड द्वितीय वर्ष की नायला हसन, प्रियंका कुमारी, प्रतिमा कुमारी, माला कुमारी, नेता कुमारी ने स्वागत गान से महाविद्यालय के प्राचार्य, अतिथियों, शिक्षकों एवं नवप्रवेशित छात्र-छात्राओं को स्वागत किया।

मौके पर नीतू जायसवाल, डा. राज आर्यन, प्रभात कुमार, सहायक प्रोफेसर अखिलेश सिंघल, अनूप कुमार कन्नौजिया, रामचंद्र यादव, विनोद कुमार, मो. सोहेल अहमद, निशांत कुमार, सत्या कुमारी, विकाश कुमार, अमीत कुमार, संजय शर्मा, बीएड-डीएलएड ( द्वितीय वर्ष) के छात्र-छात्राओं,अभिभावक एवं अन्य लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्ट : निशांत राज, तस्वीरः आशीष कुमार

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