बीस बच्चों को ‘कलाम को सलाम’ सम्मान/ कोरोना आतंक के बावजूद मतदान का जोश

देश के बीस बच्चों को ‘कलाम को सलाम’ सम्मान

(कलाम को सलाम कार्यक्रम में अतिथि)

नई दिल्ली (विशेष संवाददाता)। राजनीति की पाठशाला (संस्था) द्वारा इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में डा. एपीजे अब्बुल कलाम मेमोरियल अवार्ड २०२० प्रदान किया गया। इसके साथ ही कलाम को सलाम कार्यक्रम का भी संयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत बड़ों के साथ २० बच्चों को भी अवार्ड के लिए चुना गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अर्जुन खेल अवार्ड से सम्मानित अशोक ध्यानचंद थे, जो भारतीय हाकी की राष्ट्रीय टीम के भूतपूर्व कप्तान मेजर ध्यानचंद के पुत्र हैं। कार्यक्रम में अवार्ड के लिए चयनित विद्यार्थियों में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से उत्कर्ष कुमार पांडेय, जानवी रावत, भाविक सिंह, हंसिका गौतम, भव्या सिंह, प्रज्ञा शर्मा, लवली सिंह, कार्तिके सोनी और अन्वी स्वरूप शामिल थे। जबकि अन्य राज्यों में उत्तर प्रदेश के लखनऊ और बुलंद शहर से अक्षत मंगलम, अंशिका, आरोही कुशवाहा, अर्णव कुशवाहा का, बंगलुरू से कुमार विवेक का, बिहार से काव्या मिश्रा, अतुल वैभव, अंजनेय चौबे, समृद्धि का, झारखंड से अनुष्का श्रीवास्तव, अभ्यास दीप श्रीवास्तव का चयन किया गया।
राजनीति की पाठशाला और अनीता क्रिएशन्स : राजनीति की पाठशाला हर वर्ष सम्मान प्रदान करने के कार्यक्रम का आयोजन करती है। जिसके लिए समाज हित के लिए कार्य करने वाले लोगों का चयन किया जाता है। इस साल वैश्विक महामारी कोविड-१९ के कारण स्कूलों में कोई गतिविधि नहींहुई। इसलिए राजनीति की पाठशाला द्वारा आयोजित कलाम को सलाम कार्यक्रम में अनीता क्रिएशन्स ने भी संयुक्त भागीदारी की। मंच पर विद्यार्थियों के साथ बड़ों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें हिंदी फिल्म सफाईबाज की लोरी गीत देने वाली डा. नीता सिंह भी हैं। संस्थापिक अनीता पंडित के संयोजन में अनिता क्रिएशन्स बच्चों की प्रतिभा विकास के क्षेत्र में कार्यरत है और उन्हें उचित मंच उपलब्ध कराती हैं, जिसके दायरे में छोटा-बड़ा शहर, कस्बा या गांव के अमीर-गरीब बच्चे हैं। जबकि संस्थापक अजय पांडेय के संयोजन में स्वयंसेवी सामाजिक संस्था राजनीति की पाठशाला देश के संविधान में वर्णित मूल कर्तव्यों के बारे में नागरिक समाज को जागरूक करने का कार्य करती और प्रेरित करती है। राजनीति की पाठशाला यह मानती है कि समाज के हर लोग को राजनीति और संविधान का ज्ञान होना चाहिए, ताकि मौलिक अधिकार और देश की राजनीतिक व्यवस्था को समझा जा सके।

रिपोर्ट, तस्वीर : मनोज पंडित (कार्टूनिस्ट)

कोरोना का आतंक फिर भी एक फीसदी ही कम हुआ मतदान

(मतदान-पूर्व थर्मल स्क्रीनिंग करती स्वास्थ्यकर्मी)

पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। बिहार की 17वीं विधानसभा के गठन के लिए ०३ नवम्बर को दूसरे चरण की ९४ विधानसभा सीटों के लिए मतदान के बाद 07 नवम्बर को तीसरे चरण की ६८ सीटों के लिए मतदान होगा। १० नवम्बर को राज्य के सभी मतदान केेंद्रों पर पड़े मतों की एक साथ गणना होगी। २८ अक्टूबर को हुए प्रथम चरण के निर्वाचन में १६ जिलों के ७१ विधानसभा क्षेत्रों में ५३.५४ प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान का यह प्रतिशत वैश्विक महामारी कोरोना के आतंक के बावजूद पिछले विधानसभा चुनाव से करीब एक फीसदी ही कम है। २०१५ के विधानसभा चुनाव में ५४.७५ प्रतिशत मतदान हुआ था। पहले चरण में २ करोड़ ११ लाख ६ हजार ९६ मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिनमें पुरुषों की संख्या एक करोड़ १२ लाख ७६ हजार ३९६, महिलाओं की संख्या एक करोड़ एक लाख २९ हजार १०१ और थर्ड जेंडर की संख्या ५९९ है। विधानसभा के लिए पहले चरण में १०६६ प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें ९५२ उम्मीदवार पुरुष और ११४ प्रत्याशी महिला हैं। इनमें नीतीश सरकार के मौजूदा ८ मंत्री भी हैं। ७१ विधानसभा क्षेत्रों में क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र चैनपुर और मतदाता संख्या के हिसाब से सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र हिलसा था। गया शहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा २७ और कटोरिया विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम ०५ प्रत्याशी थे।
प्रत्याशी मंत्रियों में शैलेश कुमार (जमालपुर), संतोष निराला (राजपुर), जय कुमार सिंह (दिनारा), कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा (जहानाबाद),रामनारायण मंडल (बांका), प्रेम कुमार (गया शहर), अंतराष्ट्रीय निशानेबाज श्रेयसी सिंह (जमुई), पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (इमामगंज) शामिल हैं। पहले चरण की ७१ सीटों में जदयू के ३५, सहयोगी भाजपा के २९ और विपक्षी राजद के ४२, उसके सहयोगी कांग्रेस के २० उम्मीदवार थे। लोक जनशक्ति पार्टी के ७१ सीटों में ४१ सीटों पर उम्मीदवार थे। मतदान कड़ी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था के साथ कोविड-१९ के बाबत चुनाव आयोग के निर्देश का पालन कर हुआ। सभी ३१ हजार ३८० मतदान केंद्रों पर अद्र्धसैनिक बल के जवान तैनात थे। ३१ हजार ३८० सेट ईवीएम-वीवीपैट मशीन का इंतजाम किया गया था। भोजपुर जिले की शाहपुर विधानसभा क्षेत्र सझौली गांव में राजद प्रत्याशी और निर्दलीय प्रत्याशी के समर्थकों के बीच झड़प में महिला सहित आधा दर्जन लोग जख्मी हुए, जिन्हें निकट के अस्पताल में भर्ती कराया गया।

रिपोर्ट, तस्वीर : निशान्त राज

  • Related Posts

    डेहरी-डालमियानगर नगरपरिषद की सशक्त स्थायी समिति की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि।  डेहरी-डालमियानगर नगरपरिषद सभागार में बुधवार को मुख्य पार्षद शशि कुमारी की अध्यक्षता में सशक्त स्थायी समिति की बैठक हुई, जिसमे शहर के सौंदर्याकरण, रोशनी के लिए…

    एमआईबी ने बुलाई डिजिटल मीडिया एसआरबी की बैठक, डब्ल्यूजेएआई ने दिए अहम सुझाव

    नई दिल्ली – कार्यालय प्रतिनिधि। सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा नेशनल ब्रॉडकास्टिंग पॉलिसी 2024 लाने के संबंध में नई दिल्ली के शास्त्री भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक की गई। बैठक में…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    सायंस कालेज में दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी सह जागरूकता कार्यक्रम का पटना विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया उद्घाटन

    सायंस कालेज में दो दिवसीय फोटो प्रदर्शनी सह जागरूकता कार्यक्रम का पटना विश्वविद्यालय के कुलपति ने किया उद्घाटन

    डेहरी-डालमियानगर नगरपरिषद की सशक्त स्थायी समिति की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

    डेहरी-डालमियानगर नगरपरिषद की सशक्त स्थायी समिति की बैठक, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

    संभावनाओं के द्वार खोलती है पंकज साहा की लघुकथाएं : सिद्धेश्वर

    संभावनाओं के द्वार खोलती है पंकज साहा की लघुकथाएं : सिद्धेश्वर

    एमआईबी ने बुलाई डिजिटल मीडिया एसआरबी की बैठक, डब्ल्यूजेएआई ने दिए अहम सुझाव

    एमआईबी ने बुलाई डिजिटल मीडिया एसआरबी की बैठक, डब्ल्यूजेएआई ने दिए अहम सुझाव

    केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र पटना द्वारा वैशाली जिले में दो दिवसीय आईपीएम ओरियंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

    केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र पटना द्वारा वैशाली जिले में दो दिवसीय आईपीएम ओरियंटेशन प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

    बिहार की राजनीति जाती पर नहीं विकास के आधार पर होनी चाहिए: भगवान सिंह कुशवाहा

    बिहार की राजनीति जाती पर नहीं विकास के आधार पर होनी चाहिए: भगवान सिंह कुशवाहा