सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है   Click to listen highlighted text! सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है
देशसमाचारसोन अंचल

शहीद के अंतिम दर्शन को उमड़े लोग / शहर को बदशक्ल बनाती नगर परिषद / सांसद से प्याऊ की मांग / आवास योजना के लिए स्थल चयन कार्य

सीमा पर शहीद जवान का दाह-संस्कार गृह गांव में

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के बार्डर पर पूंछ जिला की कृष्णा नदी घाटी मे तैनात भारतीय सेना के जवान (लांस नायक) रविरंजन सिंह यादव पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई फायरिंग में शहीद हो गए। गुरुवार को उनका शव का दाह-संस्कार के लिए उनकी गृह-भूमि आया। भारत-पाकिस्तान बार्डर पर दोनों देश की सेनाओं की ओर से अपनी सतर्क मौजूदगी दर्ज करने और दुश्मन देश में अवैध सीमा-प्रवेश के प्रति भय पैदा करने के लिए गोला-बारूद की फायरिंग की जाती है। दोनों पक्षों की सहमति से सीज-फायर अर्थात पूर्ण शांति की अवधि निर्धारित होती है।

पाकिस्तानी सेना अकारण सीज-फायर का उल्लंघन कर धुंआधार फायरिंग इसलिए भी करती है कि सीमा के निकटवर्ती गांवों में भय से वीराना जैसी स्थिति हो जाए और वह अपने एजेंट या दशहतगर्द को सीमा-पार (भारतीय जमीन) के जंगल-पहाड़ में भेज सके। पाकिस्तानी सेना ने सीज-फायर का उल्लंघन किया, जिसमें भारतीय जवान शहीद हुआ। पाकिस्तान की इस नापाक करतूत का जवाब रविरंजन सिंह यादव और उनके सिपाही साथियों ने दिलेरी के साथ दिया, जिसमें पाकिस्तान को भी जान-माल की क्षति हुई है। उनका शव दाह-संस्कार के लिए वायुसेना के हेलीकाप्टर से उनके गांव गोपी बिगहा के निकटवर्ती सूअरा हवाई अड्डा के मैदान में उतरा, जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, शहर के नागरिक और आस-पास के गावों के लोग बड़ी संख्या में एकत्र थे।

अंतिम दर्शन के लिए शहीद के गांव पहुंचने वालों में सोन कला केन्द्र की टीम भी थी, जिसमें अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष अरुण शर्मा, कोषाध्यक्ष राजीवकुमार सिंह आदि थे। रविरंजन सिंह यादव (36 वर्ष) डिहरी प्रखंड के गोपी बिगहा गांव के रामनाथ सिंह यादव के बेटा थे और 2002 में आर्मी में भर्ती हुए थे। वह अपने पीछे दो बेटा, एक बेटी और पत्नी छोड़ गए हैं।
(रिपोर्ट : निशान्त कुमार राज, तस्वीर : राजीवकुमार सिंह)

 

ना सड़क बनाया ना नाला, दूसरे के घर में कचरा डाला !

डालमियानगर (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। ना सड़क बना ना नाला, दूसरे के घर में कचरा डाला। कुछ इसी मुहावरी अंदाज में शहर को साफ रखने का डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद का कार्य-कलाप शहर के विभिन्न हिस्सों में पसरा हुआ है। नगर परिषद की जिम्मेदारी शहर को साफ-सुथरा रखना और शहरी नाली-सड़क की समुचित व्यवस्था करना है, जिसके लिए वह होल्डिंग टैक्स वसूल करती है। इसक बजाय गैर जिम्मेदराना तरीके से कहींभी कूड़ा-कचरा डंप करना, नालिया साफ नहींकरना, गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था के प्रति जानबूझ कर बेपरवाह रहना नगरपालिका की फितरत रही है। इस कारण पिछली सदियों का पर्यावरण-मित्र रहा सोन तट का यह डेहरी-आन-सोन अब बदशक्ल बन गया है। शहर के भीतर जगह-जगह खुले में फेेंके गए कूड़े-कचरे के ढेर बारिश के मौसम में प्रदूषण और बीमारी के वाहक बन रहे हैं। इस पर तुर्रा यह कि नगर परिषद का आंतरिक प्रशासन अध्यक्ष और कार्यपालक पदाधिकारी दो-ध्रुवी रुख अंतरकलह का घर भी बना हुआ है। इस बात को पिछले दिनों आते ही कई कार्यपालक पदाधिकारियों के स्थानांतरण और मौजूदा कार्यपालक पदाधिकारी के भी कोर्ट के आदेश से ठहरे होने की स्थिति से समझा जा सकता है। हालांकि अंतरकलह की यह कहानी कुछ और है। फिर भी जाहिर है कि नगर परिषद की स्थिति एक तो करैला दूसरे नीम चढ़ा वाली हो गई है, भले ही पटना से प्रकाशित अखबारों में सेहतनुमा विज्ञापन दिए जाते हों।

डालमियानगर स्थित रोहतास इंडस्ट्रीज कांप्लेक्स के प्रभारी अधिकारी एआर वर्मा ने डिहरी अनुमंडलाधिकारी को पत्र लिखकर जहां-तहां कूड़ा डंप करने से निजात दिलाने और स्वीकृत रोड, नाला, शौचालय निर्माण के लिए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को निर्देश देने का आग्रह किया है। एसडीएम को लिखे गए पत्र के अनुसार, जिलाधिकारी के आग्रह पर डालमियानगर परिसर के वार्ड-7 (मार्केट एरिया) और वार्ड-9 (हरिजन कालोनी) में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत नगर परिषद को शौचालय रिपेयर करने की इजाजत देने का आदेश हाईकोर्ट कंपनी जज ने दो साल पहले 12 अक्टूबर 2017 को दिया था। कोर्ट ने नगर परिषद के लिए रख-रखाव की शर्त रखी थी, ताकि शौचालय का सही इस्तेमाल हो सके।
कंपनी परिसर (रोहतास उद्योगसमूह समापन में) के आफिसियल लिक्विडेटर (पटना) के आग्रह पर हाईकोर्ट कंपनी जज ने एक साल पहले 23 अगस्त 2018 को डालमियानगर में सड़क और नाला बनाने की 19 प्रस्तावित योजनाओं के लिए अनापत्ति आदेश दिया था। इसी क्रम में कोर्ट ने दिसम्बर 2018 में कूड़ा-कचरा को परिसर से हटाने और नालियों के पानी की निकासी की वैकल्पिक व्यवस्था करने का आदेश भी दिया था। मगर नगर परिषद की ओर से इन पर अभी तक अमल नहीं हो सका है। रोहतास उद्योगसमूह परिसर के वार्ड 6, 7, 8, 9 में डालमियानगर के डीटाइप, सीनियर आफिसर्स बंगला कालोनी, श्रमकल्याण केेंद्र, वार्ड 19 (जक्खी बिगहा लाइट रेलवे कालोनी) और वार्ड 35 (डिहरी सिटी) में कूड़ा डंप किया जा रहा है और गंदी नालियों का पानी गिराया जा रहा है।
(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय)

 

आवास योजना के लिए पात्रता स्थल-चयन का कार्य

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क। डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद में प्रधानमंत्री आवास योजना पर नगर परिषद क्षेत्र के विकास मित्र और सीआरपी की बैठक में अभियंता मोहम्मद हबीब अख्तर ने कहा कि आवास योजना के लाभार्थी पात्रों के लिए स्थल सर्वेक्षण कर भूमि का चयन का कार्य जल्द पूरा कीजिए, ताकि योजना का लाभ पहुंचाया जा सके। बताया कि वैसे लाभार्थियों का चयन करना है, जिनके पास जमीन है पर रहने के लिए मकान नहीं है या फिर मिट्टी का कच्चा या टूटा-फूटा पुराना मकान है। इसमें भूमिहीनों को प्राथमिकता देनी है। शहरी विकास एवं आवास विभाग के निर्देशानुसार नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी और सिटी मैनेजर की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थल-जांच (घर-घर जाकर) की जिम्मेदारी विकास मित्र और सीआरपी को दी गई है।
(वाह्टएप सूचना)

 

सांसद से ग्रामीणों के लिए शहर में जहग-जगह सुविधाजनक प्याऊ की मांग

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी समचार नेटवर्क। सिंचाई विभाग के अतिथिगृह में काराकाट लोकसभा क्षेत्र के सासंद महाबलि सिंह से भाजपा, जदयू और लोजपा के स्थानीय नेताओं भोला सिंह (पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष), बबल कश्यप (लघु उद्योग प्रकोष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष), प्रो. अरुण शर्मा (जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष), प्रकाश गोस्वामी (वरिष्ठ भाजपा नेता) आदि ने क्षेत्र की समस्याओं-आवश्यकताओं के विभिन्न मुद्दों पर वार्ता की। बबल कश्यप की ओर से लोकसभा क्षेत्र के सर्वप्रमुख सोन नद तट के सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन में दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों के लिए मुख्य बाजार के रिंग रोड में जगह-जगह सुविधाजनक प्याऊ (फ्रीजर वाटर प्यूरीफिइर) लगाए जाने से संबंधित ज्ञापन सौंपा गया। बबल कश्यप ने सासंद को बताया कि बाजार, कार्यालयों में आने वाले ग्रामीण इलाके के लोगों को पेयजल का संकट झेलना पड़ता है। वाटर प्यूरीफिइर की देखरेख (मेंनटेनेंस) की जिम्मेदारी स्थानीय लोग और स्वयंसेवी कार्यकर्ता संभालेंगे। सांसद ने इस समस्या के समाधान पर विचार कर निदान करने का आश्वासन दिया।
(व्हाटसएप सूचना)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Click to listen highlighted text!