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सूर्य को अर्घ्य-अर्पण के साथ छठव्रत संपन्न, कैदियों ने भी किया छठ, लायंस क्लब ने बांटे मास्क/ बिना कोचिंग बिहारी छात्र यूपीएससी में उत्तीर्ण

विदा हुआ सूर्य-उपासनाका चार दिवसीय व्रत छठ

(सोन नद, डेहरी-आन-सोन में अर्घ्य-अर्पण)

पटना/डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय चेतावनी के बावजूद कहीं भी कोरोना का डर लोगों में नहीं दिखाई दे रहा है। जबकि कोविड-19 के एहतियात के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के एक-अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री निवास में परिवार के साथ छठ पूजा की और आवास परिसर में बने छोटे तालाब में उन्होंने अघ्र्य दिया। बिहार की नई सरकार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कटिहार शहर के बीएमपी छठ घाट पर भगवान भास्कर की उपासना की तो उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने अपने आवास पर छठ पूजा की। राज्य भर में नहाय-खाय, खरना और शाम-सुबह के अध्र्य वाला चार दिनों का छठव्रत उगते सूर्य को जलार्पण के साथ संपन्न हुआ। सोन नद तट के सबसे बड़े शहर में डेहरी-आन-सोन में भी हजारों छठव्रतियों ने निष्ठापूर्वक छठव्रत रखा और सूर्य-पूजन किया। जलार्पण के बाद प्रसाद-ग्रहण कर छठव्रतियों ने दो दिन का अपना उपवास समाप्त कर व्रत पूरा किया। इसके बाद पूजा-घाटों पर और फिर घर-घर प्रसाद वितरण किया गया। सोन तट पर शहर-गांवों से लाखों की संख्या में छठव्रतियों के परिजन-मित्र उपस्थित होकर प्रसाद प्राप्त किया। हालांकि भीड़ में कोविड-19 की बंदिशें टूट गई थीं, क्योंकि न मास्क था, न सेनेटाइजर और न ही दो गज की दूरी। हालांकि छठ के मौके पर शहरों-गांवों के स्थानीय संगठनों ने नदी और तालाब घाटों तक जाने वाले मार्ग में साफ-सफाई और रोशनी की व्यवस्था की। इसके साथ ही कोरोना जागरूकता का प्रसार किया और मास्क का वितरण भी किया।

जेलों में भी महिला-पुरुष कैदियों ने किया छठ :

(सोन नद, डेहरी-आन-सोन में सूर्य-पूजन)

राज्य की कई जेलों में सलाखों के भीतर भी न केवल हिन्दू कैदियों-बंदियों ने बल्कि मुस्लिम कैदियों ने भी छठ-व्रत किया। जेलों के भीतर छठ पर्व के नहाय-खाय, खरना और शाम-सुबह के अध्र्य चार दिन से पहले ही छठ गीत गूंजने लगे थे। पिछले सालों की तरह पटना के बेउर जेल में इस साल भी तीन दर्जन से अधिक पुरुष और महिला कैदियों ने नियम-निष्ठा के साथ छठ व्रत किया। बेउर के सहायक जेल अधीक्षक संजय कुमार के अनुसार, छठव्रतियों के लिए जेल परिसर में जलकुंड बनाया गया और पूजन-सामग्री, प्रसाद आदि की व्यवस्था जेल प्रशासन की ओर से की गई। मोतिहारी जेल में भी बंदियों ने विधिपूर्वक छठ पर्व किया, जिनमें मुस्लिम कैदी भी शामिल थे। यहां हिदू-मुस्लिम दोनों ने मिलकर तालाब (छोटा कुंड) का निर्माण किया और उसे सजाया। मोतिहारी जेल अधीक्षक विदु कुमार के अनुसार, महिला-पुरुष व्रतधरियों को जेल प्रशासन द्वारा नए वस्त्र, फल, पूजन-सामग्री आदि की व्यवस्था की गई। गोपालगंज मंडल कारा के जेल अधीक्षक जलज कुमार के अनुसार, महिला वार्ड की कैदी नीलम देवी, गीता देवी, शांति देवी, रुक्मणि देवी आदि डेढ़ दर्जन महिला कैदियों और पुरुष वार्ड के अजीत चौधरी, विक्की जायसवाल सहित आधा दर्जन पुरुष कैदियों ने छठ पर्व किया।

निस्वार्थ समाजसेवा लायंस क्लब की वर्क-लाइन : डा.वर्मा

(लायंस क्लब का स्वास्थ्य परीक्षण)

सासाराम (रोहतास) से प्राप्त संवाद के अनुसार, जिला मुख्यालय से पांच किलोमीटर दूर बेदा स्थित सूर्यमंदिर परिसर में लायंस क्लब आफ सासाराम की ओर से मास्क वितरण किया गया और स्वास्थ्य परीक्षण शिविर लगाया गया। इस अवसर पर लायंस क्लब इंटरनेशनल के पूर्व जिलापाल डा. एसपी वर्मा ने कहा कि निस्वार्थ समाजसेवा ही लायंस क्लब की वर्क-लाइन है। लायंस क्लब वर्ष 1962 से ही रोहतास जिला के शहरों के साथ गांवों में भी समाजसेवा का कार्य करता रहा है। लायंस क्लब, सासाराम के वरीय सदस्य डा. दिनेश शर्मा के नेतृत्व में स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। क्लब के सदस्यों ने करीब दो हजार मास्क का निशुल्क वितरण किया। कार्यक्रम में लायंस क्लब आफ सासाराम के अध्यक्ष रोहित वर्मा, सचिव अभिषेककुमार राय, पीआरओ गौतम कुमार, डा. मिराजुल इस्लाम, डा. गिरीश मिश्रा, डा. राकेश तिवारी, डा. विजय कुमार, डा. सरोज कुमार, डा. केपी सिंह, डा. जावेद अख्तर, राकेशरंजन मिश्रा, विजीतकुमार बंधुल, कृष्ण कुमार, किशोरकुमार कमल, पवनकुमार प्रिय, रजनीश पाठक, समरेंद्र कुमार, अरविंद भारती, सूरज अरोरा, विवेक जयसवाल, सुभाष कुमार कुशवाहा, श्यामसुन्दर जयसवाल आदि ने सहयोग किया।

बिना कोचिंग प्रथम प्रयास में यूपीएससी का 54वां रैंक

(मुकुंद कुमार झा)

पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। बिहार के मधुबनी जिला के बाबूबरही प्रखंड निवासी 22 वर्षीय छात्र मुकुंद कुमार झा ने बिना किसी कोचिंग क्लास किए प्रथम प्रयास में ही यूपीएससी (यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन) की परीक्षा पास कर 54वां स्थान प्राप्त किया। मुकुंद कुमार झा स्कूल की शिक्षा के दौरान ही अपना लक्ष्य तय कर उसी के अनुरूप पढ़ाई में अपनी तैयारी कर रहे थे। अंतत: उन्हें कामयाबी हासिल हुई। उनके पिता किसान हैं और मां प्राइमरी स्कूल में पढ़ाती हैं। मुकुंद कुमार झा द्वारा एक इंटरव्यू में बताया गया है कि वह पांचवीं क्लास में आईएएस-पीसीएस के बारे में सुना था। जब उन्हें समझ में आया तो आगे लक्ष्य बनाकर पढ़ाई की। परिवार की स्थिति के कारण उन्होंने कोई कोचिंग नहीं की, खुद ही पढ़ाई की। मुकुंद ने पांचवीं तक पढ़ाई आवासीय सरस्वती विद्यालय से की। 12वींतक की शिक्षा सैनिक स्कूल गोलपाड़ा (आसाम) में पूरी की। फिर उन्होंने पीजीडीएवी कालेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से अंग्रेजी साहित्य में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद एक साल तक यूपीएससी की तैयारी की। तैयारी और पढ़ाई के लिए टाइम-टेबल बनाया। सोशल मीडिया साइट से दूरी बनाई। रोज करीब 10-12 घंटे तक पढ़ाई की। पांच महीना आप्शनल विषय परअपना फोकस किया।

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