हवा-पानी के लिए हरियाली जरूरी / शिक्षा-मूल्य पर कार्यशाला / जीएनएसयू में नया सत्र शुरू / एक शाम रफी के नाम

पांच सालों से हरियाली संवृद्धि के लिए सामूहिक पौधरोपण

डालमियानगर (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। साल-दर-साल बढ़ रहे ग्लोबल वार्मिंग से पूरी पृथ्वी संकट में है और इस पर मौजूद जीव-जगत पर अस्तित्व में बने रहने का खतरा मंडरा रहा है। बढ़ती मानव आबादी और उसकी गतिविधियों से हरियाली कम होते जाने से पानी और प्राणवायु आक्सीजन की कमी होती जा रही है। पानी और हवा का हरियाली से अन्योन्याश्रय संबंध है। इसलिए पेड़-पौधों का संरक्षण आवश्यक है। डालमियानगर उद्योगसमूह (समापन में) के प्रशासनिक भवन परिसर में पिछले पांच सालों से हरियाली संरक्षण और संवृद्धि के उद्देश्य से ही स्वयंसेवी स्तर पर पौधरोपण किया जा रहा है। रोहतास उद्योगसमूह के प्रबंधक एआर वर्मा के नेतृत्व में पांच सालों में शीशम, सागवान, गमहार, आंवला, आम, अमरूद, अर्जुन आदि के करीब ढाई हजार पौधे रोपे गए। एआर वर्मा ने बताया कि कारगिल विजय दिवस पर के 101 पौधों का रोपण रोहतास उद्योगसमूह में कार्यरत कर्मचारियों एमपी सिंह, श्रीनिवास सिंह, सुरेश प्रसाद सिंह, और पूर्व कर्मचारियों एएन दीक्षित, गिरजानन्दन सिंह, गोरखनाथ विमल और स्थानीय नागरिकों प्रो. अजित सिंह, पीएनबी (राजपुर) के प्रबंधक जयप्रकाश सिंह, उर्मिला देवी, बिहारीलाल जोशी (राजभोग) आदि के सामूहिक सहयोग से किया गया। श्री वर्मा ने बताया कि डालमियानगर में हर साल पौधरोपण कर प्रकृति का हरित फेफड़ा तैयार करने का कार्य सामूहिक प्रयास से किया जा रहा है। बीते सालों में बड़ी संख्या में रोपे गए पौधे अब वृक्ष में भी तब्दील होने लगे हैं। पौधरोपण के बाद पौधों को नियमित सिंचने का काम महत्वपूर्ण होता है। अन्यथा रोपे गए पौधे और रोपने में लगाया गया समय-श्रम नष्ट हो सकता है।
उधर, जनकल्याण मोर्चा की ओर से भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री अजयकुमार सिंह के नेतृत्व में पानी और पेड़ संरक्षण पर गोष्ठी का आयोजन कर जनता से पानी और हरियाली को बचाने के लिए स्थानीय स्तर पर सामूहिक मुहिम चलाने की अपील की गई। बताया गया कि देश और दुनिया में जल का संकट मंडरा रहा है। पेड़ से ही भूमिगत जलस्तर कायम रह सकता है और हवा भी शुद्ध बनी रह सकती है। अभी तक विकास के लिए पेड़ों और जंगल की सैकड़ों सालों से अंधाधुंध कटाई की जाती रही है। अब वैज्ञानिक शोधों से यह बात पूरी तरह समझ में आ चुकी है कि पेड़ों को, धरती की हरियाली को बचाना बेहद जरूरी है। भूमिगत जलस्तर को बनाए रखने के लिए वर्षा जल का संचय बेहद जरूरी है और मोटरपंपों के जरिये जमीन से पानी का दोहन पर भी लगाम लगाना जरूरी है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशान्त राज)

 

शिक्षा के मूल्य पर कार्यशाला में साझा किए गए अनुभव

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। सीबीएसई द्वारा संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल के सभागार में शिक्षा का मूल्य (वैल्यू एजुकेशन) पर शिक्षक-शिक्षिकाओं के लिए संयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए संतपाल स्कूल के अध्यक्ष डा. एसपी वर्मा ने कहा कि वैल्यू एजुकेशन हर विद्यार्थी की जरूरत है। इससे विद्यार्थियों में नैतिकता की भावना और परिवार-समाज के प्रति जिम्मेदारी का विकास होता है। प्राचार्य आराधना वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि बच्चों में नैतिक मूल्य का अभाव होता जा रहा है, जबकि इसे व्यक्ति में कायम रखना परिवार, समाज और देश की मजबूती के लिए जरूरी है।
कार्यक्रम में सीबीएसई से सम्बद्ध रोहतास जिला के 15 विद्यालयों के शिक्षक-शिक्षिकाओं संतपाल स्कूल से एस हाजरा, शुभम प्रिया, ऋचा प्रियदर्शी, एसपी सिंह, जीएस रेजीडेंसियल से स्वाति चमडिय़ा, संजय दीवान, प्रज्ञा निकेतन से पंकज कुमार, रीना वर्मा, बाल विकास विद्यालय से सरोज कुमार, अखिलेश कुमार, बुद्धा मिशन से जय कुमार राम, कमलेश पासवान, डीएवी स्कूल से विनय कुमार, कृष्णानंद प्रसाद, डीएवी (कटार) से धीरेन्द्र कुमार सिंह, सुषमा सिंह, डेडीकेटेड पब्लिक स्कूल (करवंदिया) से राधा कुमारी, नंदकिशोर पांडेय, स्काटिश सेंट्रल स्कूल से अजय कुमार, संगीता सिन्हा, प्रियंका कुमारी, अरूण कुमार तिवारी, ईश्वरचंद्र विद्यासागर स्कूल से आशीष चतुर्वेदी, एबीआर फाउंडेशन स्कूल से ज्ञानेश्वर नाथ, प्रेमलाल राय, सरस्वती विद्या मंदिर (तिलौथू) से देवमंगल सिंह, राजेश कुमार सिंह, सनबीम (डेहरी-आन-सोन) से श्रीनारायण पांडेय, महेंद्र प्रसाद राम, डीएवी (डेहरी-आन-सोन) से मनोज कुमार सिन्हा, डीएवी (विक्रमगंज) से राजेंद्र कुमार सिंह ने शिक्षा के मूल्य के महत्व पर अपने-अपने अनुभवों को साझा किया और समय की जरूरत के अनुरूप विद्यार्थियों के मानस में इसके वैचारिक प्रतिरोपण पर भी चर्चा की।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अर्जुन कुमार, मीडिया प्रभारी, संतपाल स्कूल)

 

जीएनएसयू में प्रबंधन, पुस्तकालय विज्ञान, वाणिज्य, पत्रकारिता के सत्र शुरू

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के अंतर्गत संचालित कालेजों-संस्थानों में प्रबंधन, लाइब्रेरी साइंस, कामर्स, पत्रकारिता एवं जनसंचार और अन्य विभागों में नए सत्र का पाठ्यक्रम आरंभ हो चुका है। सभी संकायों के विद्यार्थियों का सामूहिक ओरिएंटेशन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जीएनएसयू के सचिव गोविंदनारायण सिंह ने कहा कि संस्थान का डिग्री प्रदान करना ही नहीं है बल्कि छात्रों को उस सांचे में ढालना है ताकि वे अपने उज्ज्ववल भविष्य के साथ परिवार के दायित्व का निर्वाह करते हुए समाज-देश की सेवा भी कर सकें। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि विद्यार्थी अपने जीवन के नए चरण में प्रवेश कर रहे हैं। अपने तन-मन से शिक्षा की सिद्धि हासिल करें और अपना जीवन चरितार्थ करें। ओरिएंटेशन कार्यक्रम का संचालन प्रबंधन संस्थान की शिक्षक पम्मी कुमारी ने किया। सूचना तकनीक विभाग के डा. अभिषेक और पत्रकारिता एवं जनसंचार के अमित मिश्रा ने अपने-अपने विषय के बारे में जानकारी रखी।
उधर, जीएनएसयू के नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. श्रवण कुमार ने पिछले दिनों आणविक प्रजनन की भूमिका के महत्व पर अपने व्याख्यान में बताया कि इससे धान, गेहूं की उन्नत किस्में तैयार हो रही हैं और कृषि उत्पादन बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि बीजों में सूक्ष्म जीन के स्तर पर सुधार कर ही हम बढ़ती जनसंख्या की खाद्यान्न जरूरत की पूर्ति कर पा रहे हैं। बढ़ती जनसंख्या ने प्राकृतिक संसाधनों का बहुत अंधाधुंध तरीके से दोहन किया, जिस कारण खाद्यान्न उत्पादन पर भी असर पड़ा। कृषि के क्षेत्र में इसके लिए निरंतर शोध जारी है कि कम पानी अथवा ज्यादा पानी दोनों परिस्थिति में अधिक उत्पादन देने वाला बीज बनाया जा सके।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)

 

एक शाम रफी के नाम : स्वर में छलकेगा प्रेमचंद कालीन समाज का दर्द

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। 31 जुलाई देश और दुनिया की कला जगत की दो बड़ी हस्तियों की पुण्यतिथि और जन्मतिथि है। सांस्कृतिक सर्जना की संवाहक संस्था सोन कला केेंद्र की ओर से 31 जुलाई को स्टेशन रोड स्थित शंकर लाज में सात बजे गीत संध्या (एक शाम रफी के नाम) का खुला संयोजन किया गया है, जिसमेें शहर के प्रतिनिधि गायक राकेश सिन्हा राजू अपने साथी गायिका प्रीति राज और अन्य गायक अपना गायन प्रस्तुत करेंगे। इस संक्षिप्त कार्यक्रम के जरिये दोनों महान हस्तियों का स्मरण किया जाएगा। विश्वकथा साहित्य के अमर हिन्दी रचनाकार प्रेमचंद की कालजयी कृति है गोदान। गोदान पर बनी फिल्म का गीत (पीपरा के पतवा सरीके डोले मनवा…) को महान गायक मोहम्मद रफी ने अपनी अमर आवाज दी है। मोहम्मद रफी ने पहली भोजपुरी फिल्म गंगा मैया तोहे पिअरी चढ़इबो के गीत (सोनवा के पिंजरा में बंद भइल हाय राम…) को अपनी आवाज दी है। इसके अलावा रफी की आवाज में गाए गए भोजपुरी फिल्मों गंगा-जमुना के गीत (नैन लड़ जाई त मनवा में कसक होइबे करी…) और बलम परदेसिया के गीत (गोरकी पतरकी रे….) भी काफी मशहूर रहे हैं।
(रिपोर्ट : निशांत राज)

 

  • Related Posts

    पत्रकार उपेंद्र कश्यप को मिला डाक्टरेट की मानद उपाधि

    दाउदनगर (औरंगाबाद) कार्यालय प्रतिनिधि। फोर्थ व्यूज व दैनिक जागरण के पत्रकार उपेंद्र कश्यप को ज्वलंत और सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने, सोन का शोक, आफत में बेजुबान, सड़क सुरक्षा और…

    पूर्व मंत्री डॉ. खालिद अनवर अंसारी का निधन

    -मुख्यमंत्री ने डॉ. खालिद अनवर अंसारी के निधन पर जताया दुःख, राजकीय सम्मान के साथ होगा उनका अंतिम संस्कार डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार के पूर्व केबिनेट मंत्री सह आंल…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    मशरूम की खेती कर किसान बढ़ा सकते है अपनी आय, शुरु हुआ जीएनएसयू में प्रशिक्षण कार्यक्रम

    मशरूम की खेती कर किसान बढ़ा सकते है अपनी आय, शुरु हुआ जीएनएसयू में प्रशिक्षण कार्यक्रम

    नारायण फार्मेसी संस्थान में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधारित ड्रग डिस्कवरी पर कार्यशाला का आयोजन

    नारायण फार्मेसी संस्थान में आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस आधारित ड्रग डिस्कवरी पर कार्यशाला का आयोजन

    आईसीएआर परिसर पटना में मृदा देखभाल हेतु कार्यशाला का हुआआयोजन

    आईसीएआर परिसर पटना में मृदा देखभाल हेतु कार्यशाला का हुआआयोजन

    मीडिया कार्यशाला में विकसित भारत 2047 और वेब्स समिट पर हुई चर्चा

    मीडिया कार्यशाला में विकसित भारत 2047 और वेब्स समिट पर हुई चर्चा

    हम सभी को अपनी जीवन शैली में सुधार कर के बच्चों एवं वृद्ध व्यक्ति को दिव्यांगता से बचाव के निरंतर प्रयास करना चाहिए : गोपाल नारायण सिंह

    हम सभी को अपनी जीवन शैली में सुधार कर के बच्चों एवं वृद्ध व्यक्ति को दिव्यांगता से बचाव के निरंतर प्रयास करना चाहिए : गोपाल नारायण सिंह

    7 दिसंबर को सासाराम में होगा जदयू का जिला कार्यकर्ता सम्मेलन

    7 दिसंबर को सासाराम में होगा जदयू का जिला कार्यकर्ता सम्मेलन