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पटना / नालंदा (बिहार )-कार्यालय प्रतिनिधि। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने दुनिया में शांति और सद्भावना की स्थापना के लिए हमारी जीवन शैली और सोच के हर पहलू का पुनर्मूल्यांकन करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी कहा कि हमें लोगों के जीवन में तनाव घटाने और उन्हें सुखी और प्रसन्न बनाने का मार्ग खोजना होगा। रविवार को राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में छठे धर्म-धम्म अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन-2021 का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि धर्म-धम्म परंपराओं में कोविड के बाद विश्व के सामने उभरती चुनौतियों के लिए समग्र और समावेशी जवाब मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय को एक बार फिर ज्ञान की शक्ति के माध्यम से भारत को बाहरी दुनिया से जोड़ने के लिए ‘सेतु और नींव’ के रूप में काम करना चाहिए। शिक्षा के इस महान केंद्र को रचनात्मक सहयोग की भावना से प्रत्येक छात्र के लिए एक परिवर्तनकारी शैक्षणिक अनुभव प्रदान करना चाहिए।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने दुनिया के सबसे बड़े आत्मनिर्भर नेट.जीरो कैंपस बनाने की दिशा में प्रयास करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय की सराहना की। साथ में कुलपति प्रो. सुनैना सिंह की सराहना करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के उसी गौरव को फिर से हासिल करने की दिशा में प्रयास किए जाने चाहिए।

श्री नायडू ने आशा व्यक्त की कि यह सम्मेलन दुनिया को मानवता के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए नए सबक और सूक्ष्म दृष्टि प्रदान करेगा और इसके लिए आध्यात्मिक मूल्यों परआधारित नए विचारों को साझा करने की सम्भावना पैदा करेगा । सम्मेलन को संबोधित करते उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडूजलवायु परिवर्तन के भयंकर परिणामों के बारे में चेताते हुए उपराष्ट्रपति ने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर जीने पर जोर दिया। अपनी जड़ों की ओर लौटने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्वजों की उस पारंपरिक जीवन शैली को पुन अपनाना चाहिए जिसमें वे अपने पर्यावरण और प्रकृति के साथ मैत्रीवत जीवन जीते थे।
इस अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री फागू चौहानए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमारए श्रीलंका की परिवहन मंत्री श्रीमती पवित्रा वन्नियाराची, इंडिया फाउंडेशन के निदेशक ललिता कुमार मंगलम आदि उपस्थित थे।
रिपोर्ट,तस्वीर : पीआईबी (पटना), इनपुट : निशांत राज