जय हिन्द : गुजरी 20वीं सदी में जंगेआजादी और अब 21वीं सदी की यात्रा का भी साक्षी

= डेहरी-आन-सोन : स्मृतियों का झरोखा =

बिहार के सोन नद अंचल और सोन के तट पर बसे सबसे बड़े शहर डेहरी-आन-सोन का पहला सिनेमाघर है ‘जय हिन्दÓ, जो देश की जंगेआजादी से 20वीं और 21वींसदी के बीते 73 सालों का सोनघाटी के इस इलाके के बदलाव और गुजरते वक्त का साक्षी रहा है। इसकी स्थापना के समय इससे जुड़ी सामाजिक-पारिवारिक रस्साकशी और अंग्रेजी राज से शीत-संघर्ष की घटनाएं अपने समय के समाज और राष्ट्र-राज्य की सत्ता का बैरोमीटर मानी जा सकती हैं। धुर समाजवादियों के एक संपर्क केेंद्र रहे जय हिन्द परिसर (सरावगी भवन) के कालपात्र पर सियासत के मठाधीशी विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने दिल्ली के सिंहासन से डेहरी पहुंचकर पारिवारिक रिश्ते की तरह उपस्थिति की इबारत दर्ज की थी।

उस जमाने में सामाजिक अपराध माना जाता था सिनेमा देखना
प्रसिद्ध कपड़ा कारोबारी झाबरमल सरावगी सिनेमाघर के लिए राजी नहीं थे, क्योंकि उस जमाने में सिनेमा देखना सामाजिक अपराध था। परिवार की रस्साकशी के बीच उनकी पत्नी जमुनी देवी ने बेटे शंकरलाल सरावगी को धन दिया और सरावगी परिवार के नीलकोठी मुहल्ला वाले बागीचे में सिनेमाघर बना। सिनेमाघर स्थापना की कवायद आजादी से वर्षों पहले शुरू हुई, मगर फिरंगी सरकार ‘जय हिन्दÓ नाम पर स्वीकृति देने को तैयार नहीं थी। मामला कोर्ट तक पहुंचा और अंग्रेज कलक्टर से सालों शीत-संघर्ष चला। 15 अगस्त की औपचारिक स्वतंत्रता की घोषणा से तीन माह पहले स्वीकृति मिली और 22 मई 1947 को सिनेमाघर (जय हिन्द) का उद्घाटन हुआ। पहली फिल्म लगी थी ‘भरत मिलापÓ, जो दो हफ्ते चली थी। तब दो ही शो होते थे 6 बजे और 9 बजे। आज जय हिन्द के मालिक शंकरलाल सरावगी के बेटे विश्वनाथ प्रसाद सरावगी है।


पुराने दस्तावेजों में दर्ज अकबरपुर-कोईलवर सड़क है आज का सिनेमा रोड
शहर के एक पुराने भवन के रूप में खड़ा यह सिनेमाघर गवाह है कि इसके निर्माण के समय इसके पूरब-उत्तर की ओर की मुख्य सड़क पर इससे पुराने भवनों में सेन बिल्डिंग, कुमार विला, त्रिपाल कंपनी, बिहारी मिल के भवन थे। सिनेमा रोड-पाली रोड पहले अकबरपुर-कोईलवर सड़क के नाम से जानी जाती थी, जिसके किनारे बड़ी संख्या में ताड़ के पेड़ थे। तब बारून, औरंगाबाद की यात्रा के लिए कोई सोचता नहीं था, क्योंकि सोन नदी पर मौजूद जवाहर सेतु बना नहीं था।

(धारावाहिक-एक …)

(जय हिन्द के मालिक विश्वनाथ प्रसाद सरावगी से बातचीत पर आधारित)

प्रस्तुति : कृष्ण किसलय, तस्वीर : निशान्त राज

Share
  • Related Posts

    शाहाबाद टूरिज्म सर्किट बनाने की भी हुई मांग, राजनेताओं और बुद्धिजीवों का हुआ जुटान

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास) -कार्यालय प्रतिनिधि। देश की राजधानी नई दिल्ली में शाहाबाद के ऐतिहासिक सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से…

    Share

    उपेंद्र कश्यप के पुस्तक “आंचलिक पत्रकारिता की दुनिया” का लोकार्पण

    दाउदनगर (औरंगाबाद) -कार्यालय प्रतिनिधि। अनुमंडल के वरिष्ठ व निर्भीक पत्रकार उपेंद्र कश्यप द्वारा लिखी गई पुस्तक आंचलिक पत्रकारिता की दुनिया का लोकार्पण रविवार को भगवान प्रसाद शिवनाथ प्रसाद बीएड कॉलेज दाउदनगर…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    बीड़ी श्रमिकों के बच्चों को सशक्त बनाने हेतु कल्याण आयुक्त कार्यालय का छात्रवृत्ति जागरूकता अभियान

    बीड़ी श्रमिकों के बच्चों को सशक्त बनाने हेतु कल्याण आयुक्त कार्यालय का छात्रवृत्ति जागरूकता अभियान

    नारायण केयर में राखी उत्सव का आयोजन, बच्चों की बनाई राखियों की प्रदर्शनी और सम्मान

    नारायण केयर में राखी उत्सव का आयोजन, बच्चों की बनाई राखियों की प्रदर्शनी और सम्मान

    फसल विविधीकरण की समीक्षा हेतु कृषि अधिकारियों ने किया प्रक्षेत्र परिभ्रमण

    फसल विविधीकरण की समीक्षा हेतु कृषि अधिकारियों ने किया प्रक्षेत्र परिभ्रमण

    जीएनएसयू में राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम

    जीएनएसयू में राष्ट्रीय अंगदान दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम