नई दिल्ली/डेहरी-आन-सोन (कार्यालय प्रतिनिधि)। दिल्ली के एम्स में मेडिसिन विभाग के डॉक्टर आशुतोष विश्वास और उनकी टीम द्वारा की गई एक केस-स्टडी (क्यूरियस केस ऑफ एफेब्रिल डेंगू) का विवरण जरनल ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया में प्रकाशित हुआ है, जिसमें बताया गया है कि डेंगू का असर बिना बुखार के भी हो सकता है। बताया गया है कि आम तौर पर होने वाले डेंगू में मरीज तेज बुखार और शरीर में भयानक दर्द होने की की शिकायत करता है। लेकिन संभवत: यह भारत में पहली तरह का केस-स्टडी है, जिससे पता चलता है कि मधुमेह के मरीज, वृद्ध मरीज लोगों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में बुखार के बिना भी डेंगू हो सकता है।
काटने के बाद कम वायरस छोड़ सकता है डेंगू का मच्छर, जिससे लक्षण हो सकता है बहुत हल्का
डॉक्टर आशुतोष विश्वास का कहना है कि इस तरह का डेंगू खतरनाक हो सकता है, क्योंकि मरीज को पता ही नहीं होता कि डेंगू हो गया है और इससे वे कई बार डॉक्टर के पास भी नहीं जा पाते हैं। इस तरह के डेंगू में बहुत हल्का इंफेक्शन होता है। बुखार नहीं आता, शरीर में ज्यादा दर्द नहीं होता और चमड़ी पर ज्यादा चकत्ते भी नहीं होते। इस कारण मरीज को यही लगता है कि उसे नॉर्मल वायरल हुआ है। खून की जांच से ही पता चलता है कि शरीर में प्लेटलेट्स, सफेद व लाल रक्तकणिका (ब्लड सेल) की कमी है। कई बार डेंगू का मच्छर काटने के बाद खून में बहुत कम वायरस छोड़ता है, जिससे डेंगू के लक्षण भी बहुत हल्के होते हैं। इस साल डेंगू का असर काफी माइल्ड है, इसलिए सतर्क रहने की जरूरत है। माइल्ड डेंगू हो या सीवर डेंगू, खूब पानी पीना चाहिए। पानी पीते रहने और आराम करने से कई बार माइल्ड डेंगू ठीक हो जाता है। जरनल ऑफ फिजिशियन ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक अन्य केस-स्टडी के मुताबिक, थाईलैंड में बच्चों में बिन बुखार वाले डेंगू के अनेक मामले सामने आ चुके हैं।
एनएमसीएच में जांच-किट, विशेष वार्ड और प्लेटलेट की भी व्यवस्था
एनएमसीएच (नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल) की संचालक संस्था देव-मंगल मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव गोविन्दनारायण सिंह और एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह के मुताबिक, एनएमसीएच में डेंगू की जांच और उपचार से बचाव के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। एनएमसीएच में अलग वार्ड की व्यवस्था की गई है और पर्याप्त मात्रा में बुज़ुर्गों, छोटे बच्चों, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग, मधुमेह के मरीज, कैंसर के मरीज आदि में डेंगू होने की आशंका अधिक होती है। डेंगू से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। अगर किसी को शरीर में दर्द, थकान, भूख न लगने, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या हो तो डॉक्टर की सलाह अवश्य लेनी चाहिए। रोहतास जिले और आसपास के जिलों के अस्पतालों में डेंगू जांच करने के केमिकल व उपकरण (टेस्ट कीट) का अभाव होने की खबर है। इस मद्देनजर एनएमसीएच में चिकित्सकों, ब्लड बैंक और पैथोलाजी विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक इस समस्या पर विचार-विमर्श के बाद व्यवस्था की गई है। एनएमसीएच में पर्याप्त संख्या में जांच किट और पर्याप्त मात्रा में खून व प्लेटलेट (लाल रक्त कणिका) मौजूद हैं। 24 घंटे सेवा के लिए एक अलग से चिकित्सक दल बनाया गया है। मरीज या मरीज के परिवार इस संबंध में मोबाइल फोन नंबर 854442540 पर संपर्क कर सकते हैं।
(रिपोर्ट, सूचना व तस्वीर : दिल्ली में संजय सिन्हा, डेहरी-आन-सोन में निशांत राज और भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)
(संपादन : कृष्ण किसलय)