बिहार, असम में भीषण बाढ़/ पूर्व विधायक रालोसपा में/ हैकर ने ठगे दस हजार

बिहार और असम बाढ़ के प्रकोप का कर रहे सामना

नई दिल्ली/पटना/पंचग्राम (असम)-सोनमाटी टीम। कोरोना महामारी के मौजूदा व्यापक दौर में पूर्वी भारत के दो प्रदेश बिहार और असम बाढ़ के प्रकोप का भी सामना कर रहे हैं। जहां उत्तरी बिहार का हिस्सा हिमालय की तलहटी के करीब है, वहीं असम दो बड़ी नदियों ब्रह्म्ïापुत्र और बराक की घाटियों में बसा है। बिहार का उत्तरी सीमावर्ती हिस्सा हिमालय के नेपाल क्षेत्र से आने वाली नदियों के कारण हर साल इस आपदा को झेलता है। 36फीसदी अधिक बारिश होने से बाढ़ के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्थिति की समीक्षा की है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने पूर्वीचंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, खगडिय़ा, शिवहर, समस्तीपुर, बेगूसराय के जिला अधिकारियों को अलर्ट किया है। असम को तो 19 फीसदी ज्यादा बारिश में ही भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है।

40 फीसदी असम डूबा पानी में :

राष्ट्रीय बाढ़ आयोग के अनुसार, असम का 1.5 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र बाढ़ की चपेट में है, जो राज्य का करीब 40 फीसदी हिस्सा है। अभी तक असम के 33 में से 27 जिलों में 40 लाख लोग प्रभावित हैं। 108 लोग की मौत हो चुकी है। 50 हजार से अधिक लोग पूरी तरह बेघर-बार होकर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। एक लाख हेक्टेयर से अधिक खड़ी फसल का नुकसान हो चुका है। असम की कुल करीब 3.5 करोड़ की आबादी में 15-20 फीसदी को हर साल बाढ़ का कहर झेलना पड़ता है। यह पूर्वी राज्य हर साल आम तौर पर औसतन 200 करोड़ रुपये का नुकसान झेलता है। 2004 की बाढ़ में तो करीब आठ सौ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। असम में ब्रह्मपुत्र सहित सभी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इसकीमार संरक्षित वन्यजीवों पर भी पड़ी है। वन्यजीवों केलिए आरक्षित काजीरंगा नेशनल पार्क में 6 गैंडों सहित 96 वन्यजीवों की मौत हुई। दुलर्भ प्रजाति के 61 हिरन लापता हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान का 90 प्रतिशत भाग पानी में डूबा हुआ है। अवैध वन्यजीव शिकार निषेध के लिए बने 223 शिविरों में से 99 जलमग्न हो चुके हैं। असम के मुख्यमंत्री सोनोवाल ने काजीरंगा नेशनल पार्क का दौरा कर वन्यजीव सुरक्षा के मद्देनजर वन अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए।

संपादन : कृष्ण किसलय, (इनपुट : पटना में निशांत राज, असम में चितरंजनलाल भारती, नोएडा में संजय सिन्हा)

श्यामविहारी राम रालोसपा से लड़ेंगे चुनाव!

(श्यामविहारी राम)

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। चेनारी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व जदयू विधायक श्यामविहारी राम की रालोसपा से चुनाव लडऩे की तैयारी है, यदि रालोसपा को महागठबंधन में सीट बंटवारे में चेनारी विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिल गया तो। श्यामविहारी राम के रालोसपा-प्रवेश की विधिवत घोषणा डेहरी-आन-सोन में होगी। डेहरी-आन-सोन के पानीटंकी निवासी श्री राम कोई तीन दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। अपने आरंभिक दिनों से वह बसपा की राजनीति करते रहे। चुनाव जीतने की सफलता जदयू में आने के बाद मिली। वह 2010 में जदयू में आए और चेनारी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़कर विधायक बने। उन्होंने करीब तीन हजार मतों से राजद के ललन पासवान को हराया था, जो जदयू छोड़कर राजद में गए थे। 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद-कांग्रेस ने साथ चुनाव लड़ा तो टिकट कांग्रेस के खाते में चला गया और कांग्रेस के मंगल राम एनडीए गठबंधन के रालोसपा प्रत्याशी ललन पासवान से चुनाव हार गए। अब ललन पासवान जदयू रालोसपा छोड़कर जदयू में हैं। इस स्थिति में लंबे समय से चेनारी कार्यक्षेत्र रहे श्यामविहारी राम के लिए जदयू से टिकट मिलने की गुंजायश नहींरह गई, क्योंकि ललन पासवान वर्तमान विधायक हैं। श्यामविहारी राम ने सोनमाटीडाटकाम को फोन कर बताया कि वह 26 जुलाई को रालोसपा का दामन थामेंगे।

रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज

मित्र-भाव का दोहन कर हैकर ने 10 हजार की चपत लगाई

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। संतपाल स्कूल के संगीत-कला शिक्षक तापस सेन गुप्ता का फेसबुक आईडी को मिसेज मुंडा नाम के हैकर ने हैक कर लिया। जानकारी तापस सेन गुप्ता को तब हुई, जब हैकर द्वारा इनके शुभचिंतकों-संबंधियों से हास्पिटल में इलाज के नाम पर मैसेंजर एप से रकम की मांग की गई। लोगों ने तापस सेन गुप्ता को फोन कर बताया। तापस सेन गुप्ता ने मैसेज और फोन काल के जरिये लोगों को बताया कि मेरे फेसबुक को किसी ने हैक कर लिया है। इसके बावजूूूद मोहन बाबू से हैकर ेने चैट कर और मित्र-भाव का दोहन कर दस हजार रुपये ठग लिए गए।

अर्जुन कुमार, शिक्षक सह मीडिया प्रभारी, संतपाल स्कूल

  • Related Posts

    धान-परती भूमि में रबी फसल उत्पादन हेतु उन्नत तकनीक की जानकारी दी गई

    पटना – कार्यालय प्रतिनिधि। धान-परती भूमि में सिंचाई व नमी की कमी के कारण फसल उत्पादन में समस्या आती है। साथ ही, पर्याप्त दलहन एवं तिलहन की अल्पावधि किस्मों की…

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में आयोजित किया गया मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) विशेष संवाददाता। गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित नारायण कृषि विज्ञान संस्थान के पादप रोग विभाग द्वारा सात दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम का सकुशल समापन आज किया गया।…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    धान-परती भूमि में रबी फसल उत्पादन हेतु उन्नत तकनीक की जानकारी दी गई

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में आयोजित किया गया मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण

    नारायण कृषि विज्ञान संस्थान में आयोजित किया गया मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण

    लोजपा (आर) की बैठक, आगामी चुनाव योजना पर हुई चर्चा

    उद्यमी योजना के लाभुकों को दिया गया प्रथम व द्वितीय किस्तों की राशि व प्रशस्ति पत्र

    उद्यमी योजना के लाभुकों को दिया गया प्रथम व द्वितीय किस्तों की राशि व प्रशस्ति पत्र

    उन्नत बकरी पालन किसानों की आजीविका का आधार : डॉ. अनुप दास

    उन्नत कृषि तकनीक द्वारा धान-परती भूमि प्रबंधन

    उन्नत कृषि तकनीक द्वारा धान-परती भूमि प्रबंधन