पटना (विशेष प्रतिनिधि)। बिहार स्टेट राइस मिल एससोसिएशन के अध्यक्ष एवंं जदयू के वरिष्ठ नेता राजू गुप्ता ने कहा है कि मुबंई के बाद अब गुजरात में भी बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ मारपीट करने और उन्हें भगाए जाने की राजनीति-रणनीति शुरू हो गयी है। खबर है कि कई हजार मजदूर गुजरात छोड़कर अपने वतन (घर) लौट गए हैं। स्थानीय समुदाय में पहले से ही आक्रोश इस बात को लेकर रहा है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूरों के कारण गुजरात के मजदूरों को काम मिलना मुश्किल हो गया है। यह सही है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूर ज्यादा मेहनती हैं, मगर स्थानीय लोगों के बीच गुस्सा फूटने की वजह है कुछ बाहरी लोगों पर बलात्कार और अन्य तरह के अपराध का आरोप।
राजू गुप्ता ने यह सवाल खड़ा किया है कि इस तरह की परिस्थिति क्यों पैदा हुई? आखिर बिहार-यूपी के लोग रोजी-रोटी की तलाश में अपनी मातृभूमि से पलायन करने के लिए मजबूर क्यों रहे हैं? अगर उन्हें अपने ही जिले-राज्य में उनकी योग्यता के अनुरूप काम मिल जाए तो फिर वे मुबंई, गुजरात या प्रदेश की ओर पलायन क्यों करेंगे, जहां उन्हें अपमान मिलता है। उन्होंने कहा है कि संसाधन के अभाव और अपनी सामाजिक संरचना के अलावा आजादी के सत्तर सालों में घटिया राजनीति के कारण भी बिहार और उत्तर प्रदेश ने अपेक्षित विकास नहीं किया।
कभी डालमिया घराने का गुलजार औद्योगिक साम्राज्य था, आज मरघटी सन्नाटा
कभी बिहार में डालमिया घराने का औद्योगिक साम्राज्य था और देश में तब तीन ही आद्यौगिक घराने हुआ करते थे टाटा, बिड़ला और डालमिया। डालमिया परिवार द्वारा रोहतास जिले में सोन नदी किनारे डेहरी-आन-सोन के पाश्र्व में बसाए गए डालमियानगर में देश भर के लोग इसके विभिन्न कारखानों में काम करने के लिए बिहार आते थे। पिछली सदी में बिहार के डालमियानगर की प्रसिद्धि पूरे एशिया में थी, जहां कागज, वनस्पति घी, सीमेन्ट, एस्बेस्टस, केमिकल्स, साबुन आदि के बड़े कारखाने थे। आज उस गुलजार उद्योगनगरी डालमियानगर में मरघटी सन्नाटा पसरा हुआ है और कारखाने की मशीनें कबाड़ के भाव बिककर काटी जा रही हैं। बिहार में तीन हजार के करीब राइस मिलें हैं, जो बंद होने की ओर अग्रसर हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर को भारत का मैनचैस्टर कहा जाता था। जो अपनी इस पहचान से महरूम होने की कगार पर है। इसलिए इस गंभीर स्थिति पर समाज के सभी समुदाय के अग्रणी लोगों को तत्परता से विचार करने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हुआ?
(रिपोर्ट : निशांत राज)
समाज के विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को किया गया सम्मानित
पटना (सोनमाटी समाचार)। राजीव सिन्हा के माता-पिता स्वर्गीय मृदुला सिन्हा और स्वर्गीय राजकिशोर प्रसाद के तृतीय पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में समाज के विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करने वालों को सम्मानित किया गया।
इस कार्यक्रम में जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठनारायण सिंह, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन, पटना जिला अध्यक्ष मोहम्मद इम्तियाज, प्रदेश महासचिव कमलेश धीरज, जदयू के वरिष्ठ नेता राजू गुप्ता आदि ेने भाग लिया।
(तस्वीर : राजू गुप्ता)
ईवीएल विधि से हुआ खून की उल्टी का इलाज, बची महिला की जान
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में खून की उल्टी करती हुई आई महिला मरीज (सुमन) का इलाज ईवीएल चिकित्सा तकनीक से की गई और महिला की जान बच गई। इस इलाज के बाबत जानकारी देते हुए मेडिकल कालेज के गैस्ट्रोलाजी विभाग के अध्यक्ष डा. आसिफ इकबाल ने बताया कि मरीज अस्पताल में आने से पहले कई बार खून की उल्टी कर चुकी थी। उसकी भर्ती इमरजेंसी वार्ड में की गई थी। महिला की इंडोस्कोपी जांच की गई तो पताचला की खाने की नली का निचला हिस्सा फूलकर फट चुका है और वहां होने वाले खून के रिसाव के कारण उसे खून की उल्टी हो रही है। महिला के खून में हीमोग्लोबीन (लाल रक्त कणिका) बेहद कम (चार) हो गई थी और रक्तचाप भी काफी नीचे गिर चुका था। महिला की चिकित्सा ईवीएल विधि से की गई, जो सफल रही।
नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह की सूचना के मुताबिक, महिला अब खतरे से बाहर है और सामान्य अवस्था में आ चुकी है, जो अस्पताल में स्वास्थ्य-लाभ के क्रम में है।