पटना ( कार्यालय प्रतिनिधि)। बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के वरीय उपाध्यक्ष और साहित्यिक त्रैमासिकी ‘भाषा भारती संवाद’ के प्रधान संपादक नृपेंद्रनाथ गुप्त नहीं रहे। रविवार के सुबह दस बजे पटना के एक निजी अस्पताल में उनका निधन हो गया। वे 89 वर्ष के थे।
साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डा. अनिल सुलभ ने बताया कि श्री गुप्त के निधन से हिन्दी ने अपना अनन्य सेवक और उन्होंने अपना आत्मीय शुभेच्छु, सहयोगी और मार्ग-दर्शक खो दिया है। राष्ट्र-भाषा हिन्दी के लिए उनके मन में जो त्याग और वलिदान की भावना थी वह अन्यत्र कम ही दिखाई देती है। वे एक प्रेरक व्यक्तित्व थे। उन्होंने अनेकों सैकड़ों लोगों को हिन्दी और साहित्य की ओर उन्मुख किया, जिनमे से अनेक आज साहित्य में प्रतिष्ठित स्थान रखते हैं।
प्रवक्ता बिन्देश्वर प्रसाद गुप्त ने बताया कि अस्वस्थता के बावजूद वे पिछले विगत दो अप्रैल को बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन पटना (बिहार) के 41 वें दो दिवसीय राष्ट्रीय महधिवेशन तथा कवि सम्मलेन में सक्रिय रूप से अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुये सम्मेलन को सफल बनाने बनाया।
शोक व्यक्त करने वालों में सम्मेलन के उपाध्यक्ष और वरिष्ठ लेखक जियालाल आर्य, डा. शंकर प्रसाद, डा. उपेन्द्र नाथ पाण्डेय, सम्मेलन के प्रधानमंत्री डा. शिववंश पाण्डेय, बिहार विधान परिषद के पूर्व सभापति जाबिर हुसैन, पूर्व कुलपति प्रो. अमरनाथ सिन्हा, वरिष्ठ गीतकार पं. बुद्धिनाथ मिश्र, प्रो शेफालिका वर्मा, राम उपदेश सिंह ‘विदेह’, उषा किरण खान, बिन्देश्वर प्रसाद गुप्ता , मृत्युंजय मिश्र ‘करुणेश’, डा. कल्याणी कुसुम सिंह, डा. मधु वर्मा, सुनील कुमार दूबे, श्यामजी सहाय, कवि बच्चा ठाकुर, पूनम आनंद, डा. अर्चना त्रिपाठी, आराधना प्रसाद, डा. शालिनी पाण्डेय, बाँके बिहारी साव, प्रो. बासुकी नाथ झा, प्रो. किरण घई, इम्तियाज़ अहमद करीमी, कुमार अनुपम, भगवती प्रसाद द्विवेदी, डा. सुलक्ष्मी कुमारी, डा. ध्रुब कुमार, डा. मेहता नगेंद्र सिंह, ओम् प्रकाश पाण्डेय ‘प्रकाश’, डा. शिव नारायण, आचार्य विजय गुंजन, मुकेश प्रत्युष, डा मनोज गोवर्द्धनपुरी, कवि हेमंत कुमार, परवेज़ आलम, जय प्रकाश पुजारी, शमा कौसर, डा आर प्रवेश, प्रो सुखित वर्मा, गीता शॉ पुष्प, पंकज प्रियम, नीरव समदर्शी, रामनाथ राजेश आदि साहित्यकार हैं।
वे अपने पीछे दो पुत्र आलोक कुमार गुप्त एवं विवेक कुमार गुप्त समेत पूरे परिवार को शोक-संतप्त छोड़ गए हैं।
बिन्देश्वर प्रसाद गुप्ता ,पटना (बिहार)
( इनपुट : निशांत राज)