डेहरी-आन-सोन (रोहतास, बिहार)। आखिर बिजली मिस्त्री की मौत का जिम्मेदार कौन है? यह सरासर बिजली विभाग की विभागीय लापरवाही का परिणाम है, जिसके कारण एक बार फिर एक बेकसूर की अकारण मौत हो गई। हालांकि पुलिस जांच में यह बात सामने आ सकेगी कि लापरवाही बरतने वाले कौन थे? मगर यह तो तय है कि यह पूरी तरह गैरजिम्मेदाराना और असंवेदनशील रवैये का ही नतीजा है। इस पर तुर्रा यह कि बिजली मिस्त्री की लाश पांच घंटे तक ट्रांसफार्मर से चिपकी रही और विभाग का कोई वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर नहींपहुंचा। किसी विभागीय अधिकारी ने इस बात की जिम्मेदारी महसूस नहींकी, क्योंकि मृत बिजली मिस्त्री सुमन कुमार (अकोढ़ी गोला प्रखंड के धानी बिगहा गांव निवासी) संविदा पर काम करने वाले ठेकेदार और सिर्डी साईं प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अधीन कार्यरत था। हालांकि इस कंपनी के प्रोजेक्ट प्रबंधक की ओर से मुआवजे का आश्वासन दिया गया है।
कोई पहली घटना नहीं
शहर के न्यूएरिया मध्य विद्यालय के निकट (पश्चिमी मोहन बिगहा) स्थित ट्रांसफार्मर पर कार्य करने के लिए मृत बिजली मिस्त्री चढ़ा था और कार्य करने के लिए बिजली की आपूर्ति बंद कर दी गई थी। बिजली की आपूर्ति अचानक कैसे चालू कर दी गई, जिसके चपेट में आकर मिस्त्री की मौत हुई, यह तथ्य अभी सामने नहींआया है। मृतक के साथ तीन अन्य बिजली मिस्त्री भी कार्यरत थे, जिनकी जान बच गई है। बिजली उपकरण के मरम्मत को दौरान इस तरह की मौत की यह पहली घटना नहींहै, मगर इसमें गलती कार्य करने वाले के बजाय उसकी है, जिसने बंद की गई बिजली आपूर्ति को चालू कर दिया।
नंगे तार दे रहे मौत को न्यौता
बिजली विभाग की लापरवाही को पूरे शहर में देखा जा सकता है, जहां कि गलियों में एक पोल से दूसरे पोल तक नंगे तार झूल रहे हैं। घनी आवासीय आबादी के बावजूद गलियों से होकर गुजरने वाले बिजली के नंगे तारों को ढंकने या कवर चढ़ाने का कोई इंतजाम बिजली विभाग की ओर से नहींकिए गए हैं। न ही कभी इसके लिए पहल की गई है या प्रस्ताव तैयार करने की जरूरत भी महसूस की गई है। तारों के नंगे होने के कारण लोग खुलेआम बिजली का अवैध इस्तेमाल भी कर रहे हैं। मीटर कनेक्शन के तारों को सीधे पोल से जोड़े नहींजाने के कारण लोग अपने सामने से गुजर बिजली के तार में टोका (तार का हुक) फंसा कर लोगों को काम चलाना पड़ा पड़ रहा है। इस तरह का उपक्रम जोड़ा मंदिर, जक्खी बिगहा, न्यूएरिया, मोहन बिगहा सहित सभी मुहल्लों में देखा जा सकता है। कभी भी कोई अनहोनी घटना हो सकती है, मगर बिजली व संबंधित सुरक्षा से जुड़े सभी तरह के शुल्क वसूल करने वाला बिजली विभाग अपनी जिम्मेदारी से आंख मुंदे हुए है।
(वेब रिपोर्टिंग : वारिस अली, संपादन व इनपुट : सोनमाटी समाचार डेस्क, तस्वीरें : निशांत राज)