ब्रेन हेमरेज के शिकार हुए, इलाज के दौरान हुई मौत
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। दो स्थानीय नेता अब हमारे बीच नहीं रहे। पहले अशोक पासवान के निधन का समाचार आया और फिर आई मनोज यादव उर्फ पप्पू की मौत की खबर। दोनों ही खबरें शहर डेहरी-आन-सोन और इसके पाश्र्ववर्ती ग्रामीण क्षेत्र चकहनवा को मर्माहत करने वाली हैं। राजनीतिक धारा के विरोध-भाव और कार्य-रूप को छोड़ दें तो दोनों हंसमुख स्वभाव थे। वरिष्ठ नेता अशोक पासवान लोक जनतांत्रिक पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव थे और पप्पू यादव ग्रामीण क्षेत्र के युवा राजद कार्यकर्ता। अशोक पासवान ब्रेन हेमरेज के शिकार हुए। वाराणसी में इलाज के दौरान सांसारिक गिला-शिकवा को तिलांजलि देकर और अपनी राजनीतिक सक्रियता के अनेक किस्से छोड़कर, दुख के सागर में गोते लगाते परिवारजनों, मित्रों, समर्थकों से खामोशी से अलविदा कह असमय इस दुनिया से रुखसत हो गए। उनका अंतिम दाह-संस्कार डेहरी-आन-सोन के सोन नद तट पर किया गया।
अपराधियों ने मारी थी गोली, वाराणसी में हो रहा था इलाज : चकहनवा ग्राम पंचायत की मुखिया पूनम यादव के पति पप्पू यादव को 25 अप्रैल की रात जेम्स स्कूल के निकट सिकरिया में अपराधियों ने सिर का निशाना लगाकर दो गोलियां मारी थीं। उन्हें गंभीर अवस्था में इलाज के लिए वाराणसी ट्रामा सेन्टर ले जाया गया था, जहां पांच दिनों तक मौत से संघर्ष करते हुए वह जीवन की बाजी हार गए और अपनी पत्नी, दो छोटे बच्चों, परिवारजनों, दोस्तों, कार्यकर्ताओं को शोक-संतप्त बना गए।
उधर, एक अन्य खबर के मुताबिक, सोन कला केन्द्र अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव की बड़ी भाभी सुधा श्रीवास्तव का गाजीपुर में निधन हो गया। सोन कला केेंद्र के संरक्षकों, सलाहकारों, पदाधिकारियों और सदस्यों ने उनके निधन पर संवेदना व्यक्त की। दयानिधि श्रीवास्तव ने कहा है कि उनकी बड़ी भामी मातातुल्य थीं।
(रिपोर्ट, तस्वीर : निशान्त राज )
लाकडाउन 17 मई तक बढ़ा, बिहार के तीसरे कोरोना मरीज की मौत, रोहतास में दस दिन में 52 कोरोना पाजिटिव, दो सौ जांच रिपोर्ट का इंतजार
दिल्ली/डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। दिल्ली से प्राप्त समाचार के अनुसार, लाकडाउन की अवधि भारत सरकार ने 17 मई तक के लिए बढ़ा दी है। यह फैसला प्रधानमंत्री के साथ केन्द्र सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों की हुई बैठक में लिया गया। चिह्निïत रेड जोन (खतरनाक इलाके) वाले 134 जिलों में कड़ी सख्ती बरतने का फैसला लिया गया है। उधर, पटना से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार में तीसरे कोरोना मरीज की 01 मई को मौत हो गई। इधर, लाकडाउन के वाबजूद कोरोना वायरस के तेज प्रसार की खबर से रोहतासवासी भयभीत हैं। राज्य में कोरोना के 12 फीसदी से अधिक मरीज इसी जिले में हैं। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य विभाग के कर्मी मरीजों की कोरोना-चेन की लगातार पड़ताल कर रहे हैं। तीनों नगर निकायों डेहरी-आन-सोन, सासाराम और बिक्रमगंज के अनेक मुहल्लों को सील करना पड़ा है और आवागमन प्रतिबंधित-नियंत्रित करने के लिए पुलिस को पहरे पर बैठाना पड़ा है। जिलाधिकारी पंकज दीक्षित के साथ पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह, अनुमंडलाधिकारी लाल ज्योतिनािथ शाहदेव ने डिहरी अनुमंडल के कई क्वारंटाइन स्थलों का निरीक्षण किया और इस बात का निर्देश दिया कि क्वारंटाइन में रखे गए लोगों को असुविधा नहीं हो। रोहतास जिला में दस दिन में कोरोना मरीज की संख्या एक से बढ़कर 52 हो गई। सबसे पहले 21 अप्रैल को सासाराम की आलू-प्याज कारोबारी परिवार की महिला की रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आई थी। समझा जा रहा है कि लाकडाउन का एहतियात नहीं बरतने और बाहर से आने के बाद क्वारंटाइन में रहने के बजाय छुपाव करने के कारण कोरोना प्रसार की यह नौबत आई है। नाारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) से भेजे गए मरीजों के रक्त नमूनों की जांच रिपोर्ट के पटना से आने का इंतजार है। जो 40 रक्त नमूना 30 अप्रैल को भेजे गए हैं, जिनमें उन चार लोगों के रक्त नमूने भी हैं, जिनकी स्थिति गंभीर बनी रहने से संदेह बना हुआ है। चारों मरीजों की रिपोर्ट जांच में पहले निगेटिव आई थी। पटना से एक मई को एनएमसीएच में प्राप्त अंतिम जांच रिपोर्ट सूची में 07 मरीज कोरोना पाजिटिव हैं जो सभी सासाराम के हैं। इनमें तीन महिला और चार पुरुष हैं। रोहतास जिला के सिविल सर्जन डा. जनार्दन शर्मा ने इसकी पुष्टि की है। एनएमसीएच के चिकित्सक और स्टाफ कोरोना मरीजों के साथ यहां क्वारंटाइन में रखे गए लोगों का इलाज और उनकी देखभाल नियमित कर रहे हैं। यहां कोरोना आपदा के मद्देनजर सरकार की ओर से नोडल स्वास्थ्य अधिकारी और दंडाधिकारी तैनात हैं।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेन्द्र नारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)
‘मुफ्त अनाज’ का वितरण नहीं करेंगे पीडीएस डीलर, हड़ताल पर
दाउदनगर (औरंगाबाद)-विशेष संवाददाता। बिहार फेयर प्राइस डिलर्स एसोसिएशन के आह्वान पर जनवितरण प्रणाली के डीलरों ने प्रधानमंत्री गरीब योजना के अंतर्गत मई-जून के अनाज का उठाव नहीं करने का ऐलान कर हड़ताल कर दी है। हालांकि डीलर नियमित वितरण वाले अनाज का वितरण करेंगे। डीलरों की पहली मांग अनाज वितरण के लिए उपभोक्ता की पहचान के लिए बायोमेट्रिक पास मशीन के उपयोग पर लाकडाउन तक रोक लगाने और मास्क, सेनेटाइजर आदि देने की मांग की है। 50 लाख रुपये का जीवन बीमा करने की मांग भी एसोसिएशन की है। एसोसिएशन के प्रदेश संगठन सचिव मंत्री सुरेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कोरोना महाआपदा के बावजूद हड़ताल करना डीलरों की मजबूरी है। डीलरों के सामने दोतरफा संकट है। सरकार किसी गुलाम की तरह डीलरों से काम कराती है। बताया कि प्रधानमंत्री मुफ्त अनाज वितरण योजना में कोई कमीशन नहीं है। डीलर और मजदूरों के पारिश्रमिक का प्रावधान नहीं है। जबकि कोरोना काल में सरकार पदाधिकारियों-कर्मचारियों को अतिरिक्त भुगतान कर रही है। डीलर की दुकान पर उपभोक्ता को अनाज देने की निगरानी के लिए सरकारी कर्मी की तैनाती की गई है, मगर डीलर को अनाज प्राप्त करते समय शुद्ध वजन-मात्रा की कोई निगरानी नहीं की जाती।
(रिपोर्ट, तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप)
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