भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था में सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) छोटे देश मॉरीशस से है। भारत में हुए कुल विदेशी निवेश का 21.8 प्रतिशत हिस्सा मॉरीशस का है। इसके बाद अमेरिका और ब्रिटेन का स्थान है। मॉरीशस जैसे देश का भारत में निवेश के मामले में नंबर 1 होना चौंकाता है, क्योंकि टैक्स हैवन मॉरीशस को हवाला के जरिए भारत के ब्लैक मनी को वाइट करने का रूट भी माना जाता है। सिंगापुर और जापान भारत में निवेश के मामले में चौथे और पांचवे स्थान पर हैं।
आरबीआई की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है कि सूचीबद्ध कंपनियों के बजाए गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में एफडीआई का अधिक हिस्सा है। 96 प्रतिशत कंपनियां गैर-सूचीबद्ध कंपनियां हैं। 15,169 कंपनियों ने एफडीआई होने की जानकारी दी है उनमें से 80 प्रतिशत से अधिक कंपनियां अपनी विदेशी कंपनियों की अनुषंगी हैं। यानी उनके किसी एक विदेशी निवेशक के पास 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी है। 17,020 कंपनियों के मार्च 2017 में समाप्त वित्त वर्ष के खाते में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश या फिर विदेशों में उनके प्रत्यक्ष निवेश प्राप्त हुआ था।
आरबीआई की रिपोर्ट में भारतीय कंपनियों की विदेशी देनदारी और संपत्तियों के मामले में विस्तृत जानकारी है।
-सोनमाटी समाचार