बहादराबाद (हरिद्वार)-विशेष प्रतिनिधि। युवाओं को सेवा को अपना धर्म बनाना चाहिए। अपने भीतर की प्रेरणा को पहचानें और स्वयं को राष्ट्र सेवा में अर्पित कर दें। उक्त बातें उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय में युवा महोत्सव के अंतर्गत आयोजित गुरुवार को छात्र संघ समारोह में मुख्य अतिथि भारत माता मंदिर के अधिष्ठाता महामंडलेश्वर ललितानंद गिरि महाराज ने कहा।
उन्होंने कहा कि समाज के भिन्न-भिन्न रूपों में ईश्वर की मौजूदगी है। यदि कोई ईश्वर की आराधना करना चाहता है तो उसे वंचित वर्ग की सेवा को अपना धर्म बनाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से कहा कि वे अपने भीतर की प्रेरणा को पहचानते हुए अपनी परंपराओं का सदैव सम्मान करें।
गिरी महाराज ने इस बात पर भी जोर दिया कि संस्कृत और प्राचीन विद्याओं के विकास के लिए सरकार और समाज, दोनों को मिलकर संयुक्त रूप से प्रयास करने चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने कहा कि भारत विविधताओं का देश है। इन विविधताओं को एक सूत्र में पिरो कर भारत को श्रेष्ठ और विकसित करने में युवा पीढ़ी की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि बीते दशकों में भारतीय युवा मानस को इस तरह से बदला गया कि वह भारतीय इतिहास, परंपरा और मान्यताओं को संदेह की दृष्टि से देखनें लगा। उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि वे बाहरी और भीतरी, दोनों स्तरों पर संघर्ष करते हुए एक भारत और श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को साकार करने के लिए कार्य करें।
कुलपति ने घोषणा कि उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय अपने छात्र-छात्राओं के शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक विकास के लिए उन्हें देश के क्रांति- तीर्थों की यात्रा कराएगा। इसकी शुरुआत गुजरात के मांडवी से की जाएगी, जहां महान क्रांतिकारी श्यामजी कृष्ण वर्मा के स्मृति स्थल का निर्माण किया गया है।
मुख्य वक्ता आरएसएस के जिला संघचालक रोहिताश कुमार ने कहा की हमारे युवाओं को अपनी प्रेरणा शिवाजी महाराज, ऋषि दयानंद, स्वामी विवेकानंद, सुभाष चंद्र बोस और डॉ. कलाम जैसी हस्तियों में ढूंढनी चाहिए। युवाओं के आगे बढ़ने की दिशा से ही देश की दिशा निर्धारित होगी। उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति काफी तेजी से बढ़ रही है। जिला संचालक ने युवाओं को सुझाव दिया कि वे अपने उद्देश्यों में पूरी तरह स्पष्ट हों और उस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए अपने संकल्प को मजबूत करके आगे बढ़ें।
विश्वविद्यालय सभागार में हुए कार्यक्रम में वक्ताओं ने देश के निर्माण में युवाओं की भूमिका को विशेष रूप से रेखांकित किया।
समारोह का संचालन डॉ. शैलेश तिवारी ने किया। इस अवसर पर प्रो. दिनेश चमोला, उपकुलसचिव दिनेश कुमार, डॉ. अरविंद नारायण मिश्र, डॉ. प्रकाश पंत, डॉ. राम खंडेलवाल डॉ. उमेश शुक्ल, डॉ. प्रतिभा शुक्ला, डॉ. श्वेता अवस्थी, बिंदुमती द्विवेदी, आइक्यूएसी के डायरेक्टर डॉ. कामाख्या कुमार आदि समेत अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे।
रिपोर्ट : डॉ. सुशील उपाध्याय
(इनपुट: निशांत राज)