10वीं रिजल्ट : लड़कियों ने लहराया परचम, प्रेरणा बिहार और अनुप्रिया रोहतास जिला टापर

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देने वाले संपन्न घरों के बच्चे लक्ष्य के साथ पढ़ाई करते हैं। महादलित लड़की कोमल का मैट्रिक पास हो जाना भी किसी के सीबीएसई टॉप करने से बड़ी खबर मानी जा सकती है। कोमल अपनी महादलित बस्ती की पहली मैट्रिक पास है। पढ़ाई की दोहरी व्यवस्था-पद्धति की नीति हैै। इसलिए यह कहा जा सकता है कि बिहार में राज्य स्तरीय परीक्षा बोर्ड का महत्व यही है कि कोमल जैसी लड़कियां भी पढ़-लिख कर आगे बढऩे का सपना देख सकती हैं।

पटना/डेहरी-आन-सोन/सासाराम (विशेष प्रतिनिधि)। बिहार सीनियर सेकेेंडरी बोर्ड (10वीं मैट्रिक) की परीक्षा मेंंइस वर्ष टॉप-10 में करीब 69 प्रतिशत परीक्षार्थी सफल हुए हैं। प्रथम तीन स्थान पर चार छात्राओं ने कब्जा जमाया है। लड़कियों ने पढ़ाई में फिर अपना परचम लहराया है। परीक्षा का परिणाम यह भी बता रहा है कि सरकारी हाई स्कूलों में शहरी क्षेत्र के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी पढऩे और अंक प्राप्त करने के मामले में आगे हैं। शायद इसलिए भी कि ग्रामीण क्षेत्रों में हाई-फाई निजी स्कूलों का प्रवेश अभी नहीं हुआ है।

बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा ने परीक्षा परिणाम जारी किया। जमुई के सिमुलतला आवासीय विद्यालय की छात्रा प्रेरणा ने 457 अंक (91.4 प्रतिशत) प्राप्तकर राज्य में प्रथम स्थान पाया है।

इसी विद्यालय की प्रज्ञा व शिखा कुमारी ने 454 अंक लाकर राज्य में दूसरा स्थान और अनुप्रिया ने 452 अंक लाकर तीसरा स्थान प्राप्त किया है।

नोखा की अनुप्रिया पहला और अमन तीसरे स्थान पर
रोहतास जिले के नोखा की अनुप्रिया कुमारी ने बिहार की मैट्रिक परीक्षा में 440 अंक प्राप्त कर अपने जिला में पहला स्थान प्राप्त किया है। जिला टॉपर बनी अनुप्रिया कुमारी नोखा स्थित संजय गांधी कन्या हाई स्कूल की छात्रा हैं। नोखा निवासी मनोज कुमार की पुत्री अनुप्रिया कुमारी का सपना डॉक्टर बनने का है और वह मेडिकल व नीट के लिए भी तैयारी करना चाहती हैं। अनुप्रिया की मां शिक्षिका हैं। रोहतास जिले दूसरे टॉपर सुदामा हाई स्कूल, सिधौली के अनुभव राज हैं, जिन्हें 339 अंक प्राप्त हुआ है। जबकि जिले में तीसरे स्थान पर नोखा के ही बुधन चौधरी हाई स्कूल के छात्र अमन कुमार है, जिन्हें 439 अंक प्राप्त हुए हैं।
इस बार पिछले साल से बेहतर परीक्षा परिणाम
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर के अनुसार, पिछले वर्ष करीब 50 प्रतिशत ही परीक्षार्थी सफल हुए थे। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इस वर्ष 21 से 28 फरवरी के बीच आयोजित परीक्षा में करीब 17.7 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे, जिनमें आठ लाख 91 हजार 243 छात्र और आठ लाख 78 हजार 794 छात्राएं थीं। राज्यभर में पहले 10 स्थानों पर आने वाले 23 छात्र-छात्राओं में 16 विद्यार्थी सिमुलतला आवासीय विद्यालय के हैं। इस साल प्रश्नपत्रों के पैटर्न में बदलाव किया गया था। कंपार्टमेंटल परीक्षा जुलाई में होगी और अगस्त में परिणाम जारी किया जाएगा।
उत्तर पुस्तिका गायब होने से रिजल्ट आने में हुई देरी
समिति ने 20 जून को परीक्षा परिणाम जारी करने की घोषणा की थी, लेकिन गोपालगंज मूल्यांकन केंद्र से 42 हजार उत्तर पुस्तिकाएं गायब होने के बाद परीक्षा परिणाम जारी करने की तिथि बढ़ा दी गई। बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड माध्यमिक स्तर की परीक्षा, शिक्षा के लिए कोर्स का नियमन और परीक्षा नियंत्रित करता है। माध्यमिक स्कूल की परीक्षा के अलावा बिहार स्कूल परीक्षा बोर्ड राज्य सरकार की शर्तों के अनुसार शारीरिक शिक्षा में डिप्लोमा सर्टिफिकेट आदि कोर्स भी संचालित करता है।

 

कोमल का 10वींकी राज्य बोर्ड परीक्षा पास हो जाना भी है बड़ी खबर

कहलगांव (भागलपुर)-सोनमाटी समाचार। बस्ती की महादलित लड़की कोमल का मैट्रिक पास करना भी इस बार 10वीं रिजल्ट की उल्लेखनीय और ऐतिहासिक घटना है। हालांकि कोमल को सिर्फ 42.4 फीसदी अंक ही प्राप्त हुए हैं, मगर यह इसलिए महत्वपूर्ण है कि डेढ़ सदी से आबाद घोघा मुशहरी टोला (भागलपुर) की वह पहली मैट्रिक पास है। 50-60 घरों के उस टोले में आज तक कोई चौथी-पांचवी से आगे नहीं पढ़ पाया था। कोमल का मैट्रिक पास होना इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि उसकी जैसी पारिवारिक पृष्ठभूमि में किसी लड़की का पढऩा जंग जीतने जैसा है। उस परिवेश में जहां हर सुबह यह फिक्र की जाती है कि शाम के खाने का इंतजाम कैसे हो?
अपनी बस्ती की पहली मैट्रिक पास है महादलित लड़की
कोमल के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं और मां ईट-भ_े पर काम करती है। घर में पांच बहनें और एक भाई हैं। मां के बीमार होने पर बदले में मजदूरी करने कोमल को ईट भ_े पर जाना पड़ता है और घर में होने पर भाई-बहनों को संभालना, खाना पकाना पड़ता है। फिर वह रोज समय निकाल कर स्कूल जाती रही। कोमल की बड़ी बहनों ने उतनी पढ़ाई नहीं की, मगर कोमल ने तमाम बाधाओं के बीच लगातार पढ़ती रही। जब उसने दसवीं का फार्म भरा, तब पता चला कि अपने टोले से इस परीक्षा में शामिल होने वाली वह पहली लड़की है। अपने घर और जीवन की परेशानी के बीच पढऩे का उसे कम समय मिल पाता था। वह डरती रहती कि पास कर पायेगी या नहीं? उसने टॉप करने के बारे में तो सोचा ही नहीं था, पर वह पास कर जाना चाहती थी।

सीबीएसई बोर्ड की परीक्षा देने वाले संपन्न घरों के बच्चे लक्ष्य के साथ पढ़ाई करते हैं। इसलिए बिहार में राज्य स्तरीय परीक्षा बोर्ड का महत्व यही है कि कोमल जैसी लड़कियां भी पढ़-लिख कर आगे बढऩे का सपना देख सकती हैं। इसलिए कोमल का मैट्रिक पास होना किसी के सीबीएसई टॉप करने से बड़ी खबर है।

(कहलगाव के पत्रकार प्रदीप विद्रोही के अनुसार)

 

 

रोहतास के प्रतिष्ठित शिक्षाविद एसपी वर्मा कोलकाता में सम्मानित

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी समाचार। शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए प्राइवेट स्कूल्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के कोलकाता में संपन्न हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में रोहतास जिले के प्रमुख शिक्षाविद और इस संगठन के महासचिव एसपी वर्मा को सम्मानित किया गया। उन्हें मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। कोलकाता राष्ट्रीय अधिवेशन में संतपाल सीनियर सेकेंड्री स्कूल के प्रबंधक रोहित वर्मा को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया। प्राइवेट स्कूल्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के कोलकाता राष्ट्रीय अधिवेशन में 28 राज्यों के निजी स्कूल के संचालकों ने भाग लिया था। एसपी वर्मा सासाराम के प्रतिष्ठित संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल, नोखा प्रखंड (रोहतास जिला) के मेयारी के शकर पब्लिक स्कूल और सासाराम के बाल विकास विद्यालय के भी चेयरमैन हैं।

 

डा. मधु उपाध्याय को वीरांगना रानी दुर्गावती सम्मान

संझौली (रोहतास)-सोनमाटी समाचार। महिला सशक्तीकरण, स्वच्छता, दहेज व बाल विवाह उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य और सघन सक्रियता के लिए पटना के बापू सभागार में रोहतास जिले के संझौली प्रखंड की उप प्रमुख डा. मधु उपाध्याय को वीरांगना रानी दुर्गावती सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान पाने वाली वह जिले की एकमात्र महिला है। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणी मिश्रा ने उन्हें प्रतीक चिन्ह व प्रशस्तिपत्र दिया गया। समारोह में अपने-अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभिन्न प्रदेशों की 30 महिलाओं को यह सम्मान दिया गया। सम्मान प्राप्त करने के बाद संझौली आने पर डा. मधु उपाध्याय ने कहा कि यह सम्मान प्रखंडवासियों को समर्पित है।

 

(प्रस्तुति व तस्वीर : निशांत राज)

  • Related Posts

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ और कॉपर टिकट पर बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार द्वारा माय स्टाम्प का विमोचन पटना- कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार के मुख्य पोस्टमास्टर जनरल अनिल कुमार ने गुरुवार…

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    पटना /सोनपुर – कार्यालय प्रतिनिधि। केंद्रीय संचार ब्यूरो, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, पटना द्वारा भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न महत्वाकांक्षी  योजनाओं के माध्यम से देश को…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    कार्यालय और सामाजिक जीवन में तालमेल जरूरी : महालेखाकार

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    25-26 नवंबर को आयोजित होगा बिहार संवाद कार्यक्रम

    25-26 नवंबर को आयोजित होगा बिहार संवाद कार्यक्रम

    विधान परिषद के सभागार में ‘सुनो गंडक’ का हुआ लोकार्पण

    विधान परिषद के सभागार में ‘सुनो गंडक’ का हुआ लोकार्पण