डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। जमुहार स्थित गोपालनारायणसिंह विश्वविद्यालय परिसर में अंतर-महाविद्यालय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा और संस्थान के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने संयुक्त रूप से किया। इन्होंने खेल के आरंभ होने का प्रतीक मशाल जमा कर खिलाडिय़ों की टीम को सौंपा और खिलाडिय़ों की टीम ने खेल मैदान की परिक्रमा पूरी कर खेल की शुरुआत की औपचारिकता पूरी की।
खेल-कूद से शरीर रहता है स्वस्थ, प्रतियोगिता में खेल-भावना जरूरी
इस अवसर पर अपने संबोधन में कुलपति डा. एमएल वर्मा ने कहा कि विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ खेल-कूद में भी अपना समय-प्रबंधन कर भाग लेना चाहिए, क्योंकि खेल-कूद से शरीर स्वस्थ बना रहता है और स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निर्माण होता है।
प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने कहा कि खेल प्रतियोगिता युद्ध जैसा मारो-मरो वाली या कारोबार जैसी गलाकाट प्रतिस्पर्धा नहींहै। यह स्वस्थ खेल भावना है, जिसमें प्रतिस्पर्धा के बावजूद कोई अवरोधक स्पर्धा नहींहोती। खेल भावना का अर्थ जोडऩा है। आयोजन की सफलता में एक-दूसरे के सहयोगात्मक रुख का बहुत महत्व है।
प्रबंध संस्थान के निदेशक डा. कुमार आलोक प्रताप, डा. अशोक कुमार देव, ला-कालेज के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह, नर्सिंग कालेज के प्रभारी प्राचार्य नितेश कुमार, पारामेडिकल इंस्टीट्यूट के प्राचार्य डा. यतीन्द्र कुमार सिंह, फार्मेसी कालेज के प्रभारी अफरोज अहमद के साथ महाविद्यालयों के प्राध्यापक उपस्थित थे।
(रिपोर्ट व तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)
अति पिछड़ा वर्ग में शामिल होने के लिए राजनीतिक दृष्टि से जागें रौनियार
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। रौनियार वैश्य समाज की स्टेशन रोड स्थित त्रिमूर्ति मैरेज हाल में हुई बैठक में पटना के सम्मेलन में भाग लेने का आह्वान किया गया। बैठक की अध्यक्षता रौनियार समाज के नगर अध्यक्ष कृष्णनंदन प्रसाद गुप्ता ने की और संचालन उपाध्यक्ष अशोक प्रसाद गुप्ता ने किया। रौनियार समाज का सम्मेलन 30 दिसंबर को पटना के बापू सभागार में आयोजित किया गया है।
बैठक को रौनियार समाज के नंदलाल गुप्ता, राजू गुप्ता, सरोज गुप्ता ने संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि रौनियार समाज राजनीतिक दृष्टि से जागृत हो। सभी जातियां अपना दम दिखाकर ही राजनीतिक लाभ प्राप्त कर रही हैं। रौनियार वैश्य समाज को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने की जरूरत है।
(सूचना व तस्वीर : संजय गुप्ता)