जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई-अगस्त में सेस से 15 हजार करोड़ की आय, इसमें बंटी राज्यों को 58 फीसदी की हिस्सेदारी
पटना/डेहरी-आन-सोन (बिहार) -सोनमाटी समाचार। भारत में आर्थिक सुधार का महाकार्यक्रम जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) इसी साल एक जुलाई से लागू हुआ है और जीएसटी के तहत सेस से होने वाली आय का बंटवारा भी राज्यों के बीच होने लगा है, जो बतौर राज्यों को होने वाले घाटे की क्षतिपूर्ति है। पहले विभिन्न राज्यों में अलग-अलग चीजों के लिए अलग-अलग टैक्स स्लैब थे। अब जीएसटी के बाद चार टैक्स स्लैब 05, 12, 18 और 28 फीसदी ही हैं। इन चार श्रेणियों में अभी 1211 सामानों वे सेवाओं को शामिल किया गया है। पेट्रोल, डीजल जैसे उत्पादों को फिलहाल जीएसटी से अलग रखा गया है। जीएसटी में खाद्य सामग्रियों पर सबसे कम टैक्स 05 फीसदी है। देश में पहले लगने वाले 17 तरह के टैक्स व 23 तरह के सेस की जगह अब एक ही टैक्स स्ट्रक्चर जीएसटी लागू है।
जीएसटीएन के प्रमुख हैं सुशील मोदी
जीएसटी के करदाताओं तक सरलता से पहुंच के लिए जीएसटीएन (गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क) पोर्टल लांच किया गया है, जो करदाताओं के लिए रजिस्ट्रेशन, बिलिंग, रिटर्न व रिफंड का प्लेटफार्म है। कारोबारियों को आनलाइन रिटर्न ही दाखिल करना है। 20 लाख रुपये तक का सालाना कारोबार करने वालों को जीएसटी से मुक्त रखा गया है। जीएसटीएन के संचालन की जिम्मेदारी सूचना तकनीक कंपनी इन्फोसिस को दी गई है। जीएसटीएन पर करदाताओं और सरकार की जरूरतों के हिसाब से 27 तरह के सिस्टम चरणबद्ध क्रम मेंंअपलोड किए जा चुके हैं। जीएसटीएन पर आनी वाली परेशानियों की मानीटरिंग व समीक्षा देश के सभी राज्यों का मंत्रिसमूह करता है, जिसके प्रमुख बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हैं।
इन्फोसिस को दिए जरूरी निर्देश
उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के अनुसार, जीएसटी रिटर्न फाइल करने में आने वाली करदाताओं की दिक्कतों के मद्देनजर इन्फोसिस को सुधार व तेजी के लिए जरूरी निर्देश दिए गए हैं। जीएसटी लागू होने के बाद जुलाई और अगस्त महीनों में टैक्स के अलावा सेस से 15060 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ, जिसमें से राज्यों को 8698 करोड़ रुपयों का उनका हिस्सा दिया जा चुका है। यह रकम राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स में होने वाली कमी के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में दी गई। इसके तहत राज्यों को 58 फीसदी रकम दिया जाना तय किया गया है। जीएसटी के तहत जुलाई में 92283 करोड़ और अगस्त में 90669 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
(वेब रिपोर्टिंग : निशांत राज)