पटना में काव्य संध्या / डेहरी में याद किए गए राजेन्द्र यादव / रोहतास में होगी फिल्म शूटिंग

सेतु बनते यान चलते, शूल में हम पांव धरते…

पटना (सोनमाटी प्रतिनिधि)। कविता और पाठक का रिश्ता लगातार कमजोर होता जा रहा है। कोई कविता तभी जनमानस में जीवित बनी रह सकती है, जब उसमें काव्य तत्व होगा, पद्यात्कता होगी, गतिमान नदी, झरना की तरह मन को झंकृत कर देने वाला कवितापन होगा। साहित्य परिक्रमा और भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में संयोजित काव्य संध्या गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि, नाटककार सतीश कुमार सिन्हा ने यह बातें कहीं। गोष्ठी श्री सिन्हा के आवास (कुसुमांचल) के परिसर में किया गया, जिसमें राजधानी नगर पटना के डेढ़ दर्जन कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। इस सारस्वत आयोजन का सरस संचालन वरिष्ठ कवि-कथाकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने किया। अर्से बाद राजधानी में संयोजित हुई इस तरह की सर्जनात्मक साहित्यि-गोष्ठी का समापन रंजन कुमार के धन्यावाद-ज्ञापन के साथ हुआ।
गोष्ठी का आरंभ नरेन्द्र कुमार की कविता से हुआ- गंवई लड़के नाच रहे हैं, अबीर उड़ा रहे हैं, रंग मल रहे हैं, अपने हिस्से के दु:ख से बेखबर ! इसके बाद गहबर गोवर्धन ने गजल सुनाई- जफा के दौर से गुजरे हैं इस कदर यारों, दवा दिखाई है देती हमें जहर यारों !  जीवन के नैराश्य के इस काव्य चित्रण के बाद चन्द्र मिश्रा ने अपनी छंदमुक्त रचना बयान की- बहुत बाद में समझ आया, किसी एक ख्वाब के सच होने में, किसी दूसरे ख्वाब का टूट जाना छुपा रहता है। वरिष्ठ कवि सिद्धेश्वर ने कहा- वक्त के पहले चरागों को जलाते क्यों हो, ऐसी तस्वीर जमाने को दिखलाते क्यों हो, मैंने जलती हुई लड़की का लिखा है किस्सा, बात इतनी-सी है अफसाना बनाते क्यों हो? गजलकार संजय कुमार कुंदन ने अपनी नज्म पढ़ी- पता नहीं था जीना मुश्किल कर देगी ये अल्हड़ लड़की, जब प्यारी-सी शोख गजल से पहला-पहला इश्क हुआ था !  कवि विजय प्रकाश ने गीत गाया- मेंहंदी लगी हथेली लेकर दबे पांव आती है, याद तुम्हारी देर रात तक मुझसे बतियाती है !  इसी भाव को अपने सुरीले कंठ से वातावरण को संगीतमय करते हुए गीतकार मधुरेश नारायण ने गाया- शाम की तन्हाइयों में तुम चली आओ, जाओ कहीं दूर मगर लौटकर आ जाओ !
नए तेवर की समकालीन गजल का दौर चला, जिसका अगाज करते हुए समीर परिमल ने सवाल खड़ा किया- भरी महफिल में रूसवा क्यों करें हम, तेरी आंखों को दरिया क्यों करें हम, तुम्हारी दोस्ती काफी नहीं क्या, किसी दुश्मन को जिंदा क्यों करें हम? और, नसीम अख्तर ने पढ़ी- वो आ जाएंगे राह पर आते-आते, करेंगे करम वो सितम ढाते-ढाते !  सुनील कुमार ने सुनाया- दुश्मनों को निढाल रखते हैं, दोस्ती की मिशाल रखते हैं। भगवती प्रसाद द्विवेदी ने गीत-पाठ किया- हाथ-गोड़ हाकिम का है…। वरिष्ठ कथाकार शिवदयाल ने कई क्षणिकाएं सुनाई- दुनिया और दुनियादारी जिसे ताक पर रख छोडऩा था, खुद उठाए फिर रहा हूं, बोझा भारी हो रहा है। अंत में सतीश प्रसाद सिन्हा ने अपने अंदाज में सस्वर पाठ किया- स्वप्न में ही जिंदगी गतिमान, सेतु बनते यान चलते, शूल में हम पांव धरते, कल्पनाएं फूंक देती पत्थरों में प्राण !
(रिपोर्ट, तस्वीर : सिद्धेश्वर 9234760365)

राजेन्द्र यादव जयन्ती पर साहित्यिक संयोजन

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। साहित्य संगम के तत्वावधान में त्रिवेणी सभागार में प्रख्यात साहित्यकार राजेंद्र यादव की जयंती के उपलक्ष्य में साहित्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। वरिष्ठ राजनीतिक एक्टीविस्ट कवि रामनाथ सिंह, वरिष्ठ शिक्षक धीरज कुमार यादव, बीएन सिंह, लालबिहारी सिंह ने राजेंद्र यादव के साहित्यिक आवदान पर प्रकाश डालते हुए यह बताया कि राजेन्द्र यादव ने विषम परिस्थिति में रहकर भी एक सर्वश्रेष्ठ पत्रिका हंस का संपादन किया और कालजयी रचनाएं लिखीं। इस अवसर पर रामनाथ सिंह, कवयित्री संध्या कुमारी और युवा कवि अभिषेक कुमार अभ्यागत ने अपनी कविताओं का पाठ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पत्रिका संपादक सीडी सिंह ने की और संचालन अभिषेक कुमार अभ्यागत ने किया।
(रिपोर्ट, तस्वीर : अभिषेक कुमार अभ्यागत)

फिल्म शूटिंग के लिए रोहतास के पर्वतीय इलाके में आकर्षक लोकेशन

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। बिहार के सीमान्त जिला रोहतास का दक्षिणी पर्वतीय भाग प्राकृतिक सौन्दर्य से समृद्ध है और यह फिल्मों के लोकेशन के लिए बेहतर है। यहां का मनोरम लोकेशन फिल्म निर्माताओं को पसंद है। रोहतास प्राकृतिक संसाधन से इतना भरपूर है कि यहां पहाड़ के पाश्र्व में गांव हंै, झरना है, जंगल है, पहाड़ में गुफाएं हैं। इतना एक साथ बहुत कम जगहों पर उपलब्ध है। इनमें इंद्रपुरी डैम, तुतला भवानी धाम,ताराचंडी धाम आदि आकर्षक चिह्निïत स्थल हैं। इस इलाके में शूटिंग होगी तो उसका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष लाभ कलाकारों और स्थानीय बाजार को भी मिलेगा। यह बात भोजपुरी फिल्म अभिनेता अयाज खान ने प्रेस वार्ता के दौरान कही। अयाज खान ने बताया कि आने वाले दिनों में यहां कई फीचर फिल्म और गीतों के एल्बम के लिए शूटिंग की जाएगी। शहर के लोगों में भी भोजपुरी फिल्म के प्रति रूझान है। पख्तून मूल के मुंबई में जन्मे 40 वर्षीय अयाज खान ने हिंदी फिल्म (जाने तू या जाने ना) और स्टार-वन चैनल के शो (दिल मिल गए में डा. शुभांकर राय की भूमिका) में भी काम किया है। अयाज खान के साथ एक होटल में मौजूद सुजीत जोन प्रोडक्शन के सुजीत शर्मा ने अपनी योजना के बारे में बताया। कहा कि फिल्म की शूटिंग के साथ स्थानीय प्रतिभाओं को अभिनय, कैमरा फोटोग्राफी, फिल्म निर्माण तकनीक आदि का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
(रिपोर्ट, तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप)

सासाराम में डा. जगन्नाथ मिश्र को श्रद्धांजलि

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क। मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान की ओर से भूतपूर्व मुख्यमंत्री डा. जगन्नाथ मिश्र के श्राद्ध-कार्य दिवस के अवसर पर सासाराम में उन्हें सामूहिक श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर ब्राह्म्ïाण समूह भोजन, दरिद्रनारायण भोज का आयोजन किया गया और वंचितों को वस्तुएं दान में भी दी गईं। कार्यक्रम की अध्यक्षता मानवाधिकार संरक्षण प्रतिष्ठान की जिला इकाई के अध्यक्ष अधिवक्ता रामजी चौबे ने की। कार्यक्रम में प्रो. शीतला प्रसाद तिवारी, धनंजय सिंह पैगा, रामनाथ चौबे, भरत सिंह, ब्रदी प्रसाद चौबे, जगनरायण पांडेय आदि भी शामिल हुए।
(वाह्ट्सएप सूचना)

सोन तट पर गणिनाथ चैरिटेबल ट्रस्ट का वैश्य वार्षिकोत्सव

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क। बाबा गणिनाथ महाराज चैरिटेबल ट्रस्ट के तात्वावधान में सोन तट पर झारखंडी मंदिर परिसर में 31 अगस्त को अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा के वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया है। यह जानकारी देते हुए अखिल भारतीय मध्यदेशीय वैश्य महासभा के रोहतास जिला अध्यक्ष सुरेश प्रसाद गुप्ता ने बताया कि इस अवसर पर बाबा गणिनाथ गोविन्द पूजन, सांस्कृतिक प्रस्तुति और पूर्व निर्धारित अन्य कार्यक्रम के साथ सामूहिक प्रसाद वितरण का भी आयोजन किया गया है।
(वाह्टएप सूचना)

खुलेआम मांस बेचने को प्रतिबंधित करने की मांग

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क। डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद से सड़क किनारे खुलेआम पशु मांस बेचने पर प्रतिबंध लगाने की मांग भाजपा के वरीय नेता औप जनकल्याण मोर्चा के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने की है।

अजय कुमार सिंह ने कहा है कि मांस बिक्री के लिए खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 के तहत लाइसेंस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर परिषद, संबंधित थाना से अनुमति अनिवार्य है। नियम को ताक पर रखकर खुलेआम मुर्गा मीट बेचा जाता है।
(वाह्टसएप सूचना)

  • Related Posts

    बाबा नागार्जुन स्मृति सम्मान से नवाजे गए कवि कुमार बिंदु

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन के पटना में हुए 106 वें स्थापना दिवस समारोह एवं 43 वें महाधिवेशन में रोहतास जिले के वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रख्यात कवि…

    विश्व खाद्य दिवस पर डॉ.आशुतोष उपाध्याय की कविता

    डॉ.आशुतोष उपाध्याय की कविता : बेहतर जीवन और बेहतर भविष्य के लिए भोजन का अधिकार   (1) आओ मित्रों! 16अक्टूबर 2024 को, विश्व खाद्य दिवस कुछ इस प्रकार मनायें भोजन…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    खेतीबाड़ी कृषि–क्लिनिक योजना अंतर्गत चयनित प्रशिक्षुओं को कृषि संबंधीत दी गई जानकारी

    खेतीबाड़ी कृषि–क्लिनिक योजना अंतर्गत चयनित  प्रशिक्षुओं को कृषि संबंधीत दी  गई जानकारी

    परिश्रम ही सफलता की कुंजी है : डॉ. महापात्र

    परिश्रम ही सफलता की कुंजी है : डॉ. महापात्र

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    कार्यालय और सामाजिक जीवन में तालमेल जरूरी : महालेखाकार

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या