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सोनमाटी टुडे

संगीत शरीर,मन और प्राण तीनों को शुद्धता प्रदान करने में सक्षम है: सिद्धेश्वर

भारतीय युवा साहित्यकार परिषद

पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)।  नए वर्ष में नए संकल्प के साथ संगीत हमारे जीवन को एक गति दे , तमाम उलझन और समस्याओं के बीच हमें तनाव मुक्त रखें , यह कामना करता हूं मैं l वर्तमान समय में संगीत एक ऐसा सशक्त माध्यम है जो व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक व्याधियों से मुक्ति प्रदान करता है,चाहे संगीत गायन वादन नृत्य किसी भी माध्यम से अभिव्यक्त हो l संगीत हमारे शरीर मन और प्राण तीनों को शुद्धता प्रदान करने में सक्षम है l
यह बातें कवि, चित्रकार सिद्धेश्वर ने भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वाधान में हेलो फेसबुक संगीत सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कहा ।

संगीत सम्मेलन की मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध कवयित्री डा. आरती कुमारी ने फिल्मी गीत ”तेरा मेरा साथ रहे, तेरा मेरा साथ रहे … धूप हो, छाया हो, दिन हो की रात रहे।” को गुनगुनाया।
राज प्रिया रानी ने आंधी फिल्म के गीत “तेरे बिना जिंदगी से कोई शिकवा तो नहीं!” की प्रस्तुति दी, तो सिद्धेश्वर ने फिल्म आपके साथ के गीत नए साल पर पहला जाम आपके नाम और मोहम्मद रफ़ी के गीत ”रोका कई बार मैंने दिल की उमंग को” पर अपनी अभिनय प्रस्तुत किया l
जबकि आस्था दीपाली ने गाइड फिल्म के एक गीत पर नृत्य की प्रस्तुति किया l मुरारी मधुकर ने कहा कि मधुर गीतों पर जीवंत अभिनय मनोरम व हृदयस्पर्शी है ।
इस संगीत सम्मेलन में एक से बढ़कर एक पुराने फिल्मों के गीतों को वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया गया l साथ ही साथ
अपूर्व कुमार, डा. संतोष कुमार, पुष्प रंजन, सुनील कुमार उपाध्याय आदि ने मनुष्य के जीवन में संगीत के जुड़ाव और महत्व पर प्रकाश डाला।

प्रस्तुति : ऋचा वर्मा, सचिव, भारतीय युवा साहित्यकार परिषद, (मोबाइल -923 4760365)
( इनपुटः निशांत राज)

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