कब जिला बनेगा डेहरी-आन-सोन?

एक साल पहले डेहरी विकास मोर्चा ने चलाया था अभियान,

डेहरी-आन-सोन के क्षेत्र के लोगों के स्वाभिमान को जगाने का किया था प्रयास

 डेहरी-आन-सोन, रोहतास (बिहार)-सोनमाटी समाचार। आखिर कब जिला बनेगा बिहार राज्य और रोहतास जिले का प्रमुख शहर डेहरी-आन-सोन? शहर को जिले के रूप में देखने से संबंधित यह सवाल करने वाले 20वींसदी से 21वींसदी में पहुंच चुके हैं और इस सदी के भी अब दो दशक गुजर जाने को हैं, मगर डेहरी-आन-सोन के जिला बन जाने का सपना पूरा नहीं हो सका है।

अंग्रेजी राज में ही महत्वपूर्ण बन गए डेहरी-आन-सोन को जिला बनाने की प्रक्रिया बीती सदी के सातवें दशक के आरंभ में ही शुरू की गई थी और इसीलिए यहां पुलिस अधीक्षक का मुख्यालय स्थापित किया गया था, मगर देश के दमदार नेता जगजीवन राम के कारण डेहरी-आन-सोन जिला नहीं बन सका और उनकी पहल पर 1972 में जिला का दर्जा सासाराम (रोहतास जिला का मुख्यालय) को मिल गया।

बिहार सरकार द्वारा निर्धारित नए मानक में सात प्रखंडों पर जिला का निर्माण किया जाना है। इस दायरे में डिहरी नहीं है, क्योंकि डिहरी अनुमंडल में पांच ही प्रखंड हैं। मगर जब 2017 में डिहरी में रजिस्ट्री कार्यालय खोला गया, तब बिक्रमगंज अनुमंडल से दो प्रखंडों नासरीगंज और राजपुर को डेहरी के रजिस्ट्री कार्यालय में शामिल किया गया है। इस प्रकार अब तकनीकी तौर पर डिहरी अनुमंडल में सात प्रखंड हो गए हैं। डिहरी को जिला बनाने के लिए नक्शा, क्षेत्रफल, आबादी आदि से संबंधित डाटा तैयार किया गया है। डिहरी में जिला पुलिस मुख्यालय, डीआईजी कार्यालय, मुख्य अभियंता कार्यालय  सड़क विभाग का सबसे बड़ा डिविजन, बीएमपी-2 का मुख्यालय आदि हैं। बड़ी आबादी, वनस्पति कारखाना, बड़ा राइस प्लांट व औरंगाबाद जिला में सोन नदी के किनारे स्थापित एनटीपीसी की दो बिजली निर्माण इकाइयों के निकट का शहर होने की वजह से डेहरी-आन-सोन आज सरकार को राजस्व देने वाला प्रमुख शहर बन चुका है।जिला का दर्जा मिलने का बाद यह क्षेत्र नक्सली गतिविधि पर अंकुश लगाने मेें कारगर हो सकेगा। जिला बन जाने पर कैमूर पहाड़ पर बीते दशक तक जारी रहने वाली अंतरराज्यीय नक्सली गतिविधियों पर कारगर तरीके से अंकुश लग सकेगा और भविष्य में भी नक्सली गतिविधि के सक्रिय होने की आशंका नहीं होगी, क्योंकि पहाड़वर्ती प्रखंडों रोहतास व नौहट्टा की निर्धन आदिवासी आबादी तक जिला बनने पर विकास तेजी से पहुंचेगा और वह पूरी तरह समाज की मुख्यधारा से जुड़ जाएगी।
डिहरी के विधायक इलियास हुसैन का दावा है कि डेहरी-आन-सोन को जल्द जिला का दर्जा मिलेगा। महागठबंधन की सरकार में डेहरी-आन-सोन को जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई थी, पर महागठबंधन की सरकार नहीं रहने के बाद संबंधित फाइल बंद हो गई। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री से बातचीत हुई है। उम्मीद है कि डेहरी-आन-सोन को जिला बनाने की फाइल खुलेगी।

जगाना होगा शहर का स्वाभिमान
जबकि विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़े डेहरी-आन-सोन के एक वरिष्ठ अभियंता (पटना में पदस्थापित) का कहना है कि स्टीब्लिशमेंट खर्च के लिए राजस्व नहीं जुट पाने के कारण फिलहाल राज्य में कोई जिला या अनुमंडल भी नहीं बनेगा। इसके लिए शहर के स्वाभिमान को जगाना होगा और यहां के लोगों को डेहरी को जिला बनाने के लिए संगठित व तार्किक तरीके से हर मोर्चे पर आवाज उठानी होगी।

  निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति का अभाव 

डेहरी-आन-सोन के युवा नेता अमितकुमार कश्यप बबल (भाजपा उद्योग मंच के राज्य सचिव व डेहरी विकास मोर्चा के अध्यक्ष) का कहना है कि बिहार के प्रमुख शहर डेहरी-आन-सोन को जिला का दर्जा देने के लिए पहल करने की इच्छाशक्ति का अभाव पूर्ववर्ती निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में रहा है। डेहरी जैसे शहर के स्वाभिमान से जुड़े इस महत्वपूर्ण मुद्दे के प्रति उनकी उदासीनता चकित करने वाली रही है। यही वजह है कि पांच प्रखंड वाले और व्यापक भूक्षेत्र व जनसंख्या वाला अनुमंडल होने के बावजूद डेहरी जिला नहीं बन सका, जबकि शेखपुरा, शिवहर, अरवल अनुमंडल को जिला बना दिया गया। इनके पास एक-एक प्रखंड ही थे और बाद में इनमें चार-चार प्रखंड बनाए गए।
श्री बबल का कहना है कि डेहरी-आन-सोन की जनता को अपने इस स्वाभाविक स्वाभिमान के लिए संगठित होकर जगना पड़ेगा। उनका कहना है कि डेहरी विकास मोर्चा की ओर से 2016 में ही जिला  बनाने के लिए मैराथन दौड़ (रन फान डेहरी) का आयोजन किया गया था और डेहरी अनुमंडल क्षेत्र की जनता की ओर से 11 हजार 700 पोस्टकार्ड मुख्यमंत्री को भेजे गए।

(वेब रिपोर्टिंग : तस्लीमुल हक, निशांत राज)

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    One thought on “कब जिला बनेगा डेहरी-आन-सोन?

    1. Jan tak hum humare bahumulya vote in ghatia rajniti karne wale netao ko dete rahenge , jab tak hum apne sahar ke swabhimaan ko apna nahi manenge… tab tak na to Dehri Zila banega aur na hi Dalmianagar me Rail factory ban paayega.. Change the MLA and MP…

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