सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है   Click to listen highlighted text! सोनमाटी के न्यूज पोर्टल पर आपका स्वागत है
कारोबारदेशमनोरजंनसमाचारसिनेमासोनमाटी टुडे

कानपुर : बड़े-छोटे फिल्मी पर्दे का बनता नया केेंद्र

कानपुर के परिवेश पर आधारित सीरियल कृष्णा चली लंदन को देखने के लिए लोगों में उत्सुकता है, जो स्टार प्लस पर 21 मई से रात नौ बजे दिखाया जा रहा है। इस सीरियल को लेकर सोनमाटीडाटकाम में प्रस्तुत है हमारी विशेष प्रतिनिधि एवं चर्चित युवा ब्लागर आकांक्षा सक्सेना द्वारा इसके निर्देशक रवित कुमार त्यागी से बातचीत का संपादित अंश।

औरैया, कानपुर (उत्तर प्रदेश)-विशेष प्रतिनिधि। नई धारावाहिक फिल्म कृष्णा चली लंदन की कहानी कानपुर से जुड़ी है। सीरियल की शुरुआत (पहले सीन) में ही कानपुर का सेंट्रल स्टेशन दिखाया गया है और इस शहर के व्यस्ततम चौराहों में से एक घंटा घर के ऊपर के दृश्य भी दिखाए गए हैं। सीरियल में कानपुर की कई जगहों को बेहद खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है।

डायरेक्टर रवित कुमार त्यागी ने 22 मई को कानपुर सेंट्रल स्टेशन, लाल इमली, घंटा घर, चौक सराफा, कोतवाली, बड़ा चौराहा जैसे प्रमुख इलाकों में सीरियल की श्ूाटिंग की। इस सीरियल में कलाकारों की कनपुरिया भाषा भी दर्शकों के लिए एक आकर्षण है।

जब रवित कुमार त्यागी से पूछा गया कि उन्होंने अपने सीरियल के लोकेशन, शूटिंग के लिए कानपुर शहर को ही क्यों चुना? उनका जवाब था कि बड़े और छोटे पर्दे पर कानपुर की लोकेशन ने अपनी विशेष जगह बनायी है। सलमान खान से लेकर कुणालराय कपूर तक यहां शूटिंग कर चुके हैं। बंटी-बबली, दबंग, तनु वेड्स मनु, हम दोनों होंगे कामयाब, कटियाबाज ऐसी ही फिल्में हैं, जिनमें कानपुर के कई लोकेशन हैं। सीरियल भाभी जी घर पर हैं, लापतागंज, शास्त्री सिस्टर्स, नीली छतरी वाले में भी कानपुर के कई सीन दिखाए गए हैं। श्री त्यागी ने बताया कि कानपुर औद्योगिक नगरी है और यहां की बोलचाल की टोन (ध्वनि) अनूठी है। यही वजह है कानपुर पर आधारित सीरियल बनाने की। कानपुर मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध शहर है। यह सब कारण है कि कानपुर छोटे पर्दे पर अपनी अलग पहचान बना चुका है।
सीरियल (कृष्ण चली लंदन) परीन मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनाया गया है। इस सीरियल के प्रोड्यूसर सौरभ तिवारी, केवल सेठी, सुमित चौधरी हैं और इसमेंं मुख्य भूमिका में राधेलाल शुक्ला, गौरव सारेन, कृष्णा, मेघा चक्रवर्ती आदि हैं। सीरियल खट्टी-मीठी नोकझोंक और फैमिली ड्रामे की चाशनी में लिपटी हुई है। इसकी कहानी अमीर घराने के लीड कैरेक्टर (राधेलाल शुक्ला) की चारों ओर घूमती है। यह कानपुर (उत्तर प्रदेश) शहर के परिवेश में पले-बढ़े अमीर परिवार की कहानी है, जिसमें प्यार और तकरार के मोतियों से बुनी हुई कथामाला (पटकथा) है। राधेलाल शुक्ला की शादी कृष्णा से होती है, जिसका सपना डॉक्टर बनने का है। महिला दर्शकों के लिए इस सीरियल में यह सवाल स्वाभाविक जिज्ञासापूर्ण है कि एक बिगड़ैल अमीर युवक राधेलाल के साथ डॉक्टर बनने का सपना देखने वाली कृष्णा कैसे अपना जीवन काटेगी?

उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के गांव भगवानपुर से निकलकर रवित कुमार त्यागी मायानगरी मुम्बई में निर्देशन के क्षेत्र में अलग सशक्त पहचान बना चुके हैं। रवित कुमार त्यागी सोनी टीवी, जी टीवी, स्टार प्लस और एण्ड टीवी के लिये दिया और बाती, महक जिंदगी की, बढ़ो बहू, जिंदगी के क्रॉस रोड, ये वादा रहा, गीता का धर्मयुद्ध, छोटी सी जिंदगी, हाउस वाइफ है सब जानती है, तू मेरा हीरो जैसे चर्चित सीरियल का निर्देशन कर चुके हैं। वह अपनी प्रतिभा का लोहा बालाजीे टेली फिल्म जैसे प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस में काम कर भी मनवा चुके हैं।
बहरहाल, यह तो समय बताएगा कि सीरियल कृष्णा चली लंदन में कलाकारों का कनपुरिया स्टाइल दर्शकों को कितना भाता है? मगर आने वाली फिल्में होटल मिलन (निर्देशक विशाल मिश्रा), सुपर जासूस (निर्देशक इसरार अहमद), मुंगेरीलाल बीटेक यही बता रही हैं कि कानपुर आने वाले दिनों में छोटे ही नहीं, बड़े पर्दे पर भी दिखेगा।

फूलबाग परिसंवाद : प्रेरक प्रसंगों से नई पीढ़ी का मार्गदर्शन

ग्वालियर (मध्य प्रदेश)-विशेष प्रतिनिधि। नारायणी साहित्य अकादमी की ओर से फूलबाग में राष्ट्रीय पुस्तक मेला का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत परिसंवाद, पुस्तक विमोचन और काव्य-गोष्ठी के कार्यक्रम भी सम्मिलित थे। कार्यक्रम का आरंभ डा. करुण के सरस्वती वंदना पाठ से हुआ। इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में श्याम सरीन और विशेष अतिथि के रूप में डा. अन्नपूर्णा भदौरिया ने भाग लिया। साहित्य और इतिहास के प्रेरक प्रसंगों से नई पीढ़ी का मार्गदर्शन विषय पर संयोजित परिसंवाद (संगोष्ठी) की अध्यक्षता संत कृपाल सिंह ने की और संचालन नारायणी साहित्य अकादमी के प्रदेश अध्यक्ष अमिता शर्मा मीत ने किया। इस अवसर पर डा. महावीर प्रसाद चंदसौलिया की पुस्तक रामचरित मानस : एक नई दृष्टि का विमोचन किया गया। अंत में काव्य संध्या में डा. प्रकाश सिंह, साजन ग्वालियरी, मुक्त सिकरवार, विपिन कुमार साहिल, प्रतिभा द्विवेदी, डा. ज्योति उपाध्याय, डा. करुण सक्सेना आदि ने अपनी कविताओं का पाठ किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Click to listen highlighted text!