फोरेंसिक पैथोलाजी एवं टेक्सोलाजी पर बिहार में राष्ट्रीय संगोष्ठी पहली बार

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कार्यालय प्रतिनिधि। इंडियन कांग्रेस आफ भारतीय फोरेंसिक मेडिसिन एवं टेक्सोलाजी (आईसीएफएमटी) का राष्ट्रीय अधिवेशन (कांफ्रेेंस) जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के सभागार में 15 और 16 सितम्बर को होने जा रहा है। आईसीएफएमटी का यह 17वां सम्मेलन (कांग्रेस) है. यह सम्मेलन पहली बार बिहार में हो रहा है। इसमें देश भर से फोरेंसिक (न्यायिक) विज्ञान से संबंधित चिकित्सक और चिकित्सा शोधार्थी भाग लेंगे।

राष्ट्रीय विचार-विमर्श  गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात

गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह की ओर से दी गई सूचना के अनुसार, इस सम्मेलन में पास्को एक्ट और घरेलू हिंसा निवारण कानून के प्रति जागरूकता : वर्तमान समय की अनिवार्यता विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है, जिसमें चिकित्सकीय जांच पक्ष के अलावा कानूनी पक्ष पर भी विचार-विमर्श होगा। आईसीएफएमटी के 17वें राष्ट्रीय अधिवेशन के प्रधान संरक्षक सांसद गोपालनारायण सिंह (विश्वविद्यालय के कुलाधिपति), संरक्षक गोविंदनारायण सिंह (सचिव), त्रिविक्रमनारायण सिंह (प्रबंध निदेशक) व डा. एमएल वर्मा (विश्वविद्यालय कुलपति) और आयोजक सचिव डा. विनोद कुमार (मेडिकल कालेज के प्राचार्य) हैं। यह बिहार प्रदेश और नवसृजित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है कि आईसीएफएमटी के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन का अवसर नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल को दिया गया है।

फोरेंसिक पैथोलॉजी (जांच) न्यायिक विज्ञान का एक हिस्सा भी
दरअसल, फोरेंसिक पैथोलॉजी (जांच) न्यायिक विज्ञान का एक हिस्सा भी है, जिसके अंतर्गत किसी दुर्घटना में मृत व्यक्ति के शव या उसके शरीर के किसी अंग की जांचकर मृत्यु के कारण को निर्धारित किया जाता है। चिकित्सकीय जांच न्यायपालिक को परिणाम तक पहुंचने अर्थात फैसला लेने में सहायता करती है। पुलिस या न्यायिक जांच के दौरान कई तरह के ऐसे सवाल उठते हैं, जिनके जवाब पाने के लिए फोरेंसिक शास्त्र ही मदद कर सकता है। फारेंंसिक विज्ञान अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर अपराधस्थल से एकत्र सुरागों को अदालत में स्वीकार करने योग्य सबूत के तौर पर पेश करने में मदद करता है। चिकित्सकीय जांच-प्रकिया में खून का कतरा, मुंह से निकलने वाला लार, पेशाब या शरीर के अन्य हिस्से का तरल पदार्थ, बाल, उंगलियों के निशान, जूते-टायरों के निशान, विस्फोटक पदार्थ आदि शामिल होते हैं, जिनकी जांच में मौजूदा कानून के मद्देनजर विशेषज्ञता की जरूरत होती है और अदालत में संबंधित सवालों का भी सामना करना पड़ता है। इससे चिकित्सकीय-परीक्षकीय अध्ययन के अलावा आपराधिक कानून, नागरिक कानून, समाजशास्त्रीय अध्ययन और न्यायिक अध्ययन भी जुड़े हुए हैं।

रिपोर्ट : भूपेन्द्रनारायण सिंह,   इनपुट : निशांत राज ,प्रबंधक संपादक, सोनमाटीडाटकाम (तस्वीरें प्रतीकात्मक )

 

 राधा-शांता महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका नवसर्ग (2018) का विमोचन

तिलौथू (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। राधा-शांता महाविद्यालय की वार्षिक पत्रिका नवसर्ग (2018) का विमोचन वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डा.) नंदकिशोर साह और नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डा.) रविंद्र कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया।

इस अवसर पर कुलपति डा. नंदकिशोर साह ने अपने संबोधन में कहा कि विज्ञान के आरंभ होने की प्रक्रिया के प्राचीन स्रोत के रूप में भी हमारे आध्यात्मिक-धार्मिक ग्रंथों का महत्व है। चार वेदों का अध्ययन करना मानव सभ्यता के हजारों साल के ज्ञान का अध्ययन करना है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद और पूर्व राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन के जीवन से संबंधित घटनाओं का जिक्र किया।
नालंदा खुला विश्वविद्यालय के कुलपति डा. रविंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि कुछ ऐसा करना चाहिए, जिससे पहचान बने। छात्रों तथा शिक्षकों को जिस विषय में रूचि हो, उसमें अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। मुझे डॉल्फिन मैन कहा जाता है तो आत्मसंतुष्टि होती है। प्रकृति पर नियंत्रण अथवा छेड़छाड़ से संसार की दुर्दशा हो जाएगी। प्रकृति का पर्यवेक्षण होना चाहिए। आज माइक्रो प्लास्टिक इतनी बड़ी समस्या हो गई है कि शरीर के मुख्य अंग किडनी को रोगग्रस्त करने उसकी भूमिका है। उन्होंने प्लास्टिक मुक्त क्षेत्र और समाज बनाने की अपील की। आज परीक्षा में कदाचार के कारण कॉलेज-विश्वविद्यालय डिग्रीधारियों बेरोजगारों की फौज खड़ा कर रहे हैं। सही शिक्षा के बिना सारे विकास बेमानी हैं।
पत्रिका के संरक्षक यशवीर सिन्हा, रंजीत सिन्हा एवं डा. अशोक कुमार सिंह, प्रधान संपादक डा. श्यामबिहारी तिवारी, संपादक प्रो वीरेंद्र कुमार मिश्रा, सह संपादक प्रो गुलाम हैदर और संपादक मंडल के सदस्य प्रो दिनेश तिवारी, डॉ बिजेंद्र पाठक, डॉ प्रदीप कुमार दुबे ने दोनों कुलपितयों का स्वागत किया।

रिपोर्ट व तस्वीर : डा. अनिल सिंह

Share
  • Related Posts

    गंगा पथ के तर्ज पर सोन एक्सप्रेसवे का होगा निर्माण, विधायक विशाल प्रशांत ने मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन

    डेहरी-आन-सोन- (कार्यालय प्रतिनिधि)। भोजपुर जिले के तरारी विधानसभा उपचुनाव में पहली बार जीते बीजेपी विधायक विशाल प्रशांत ने बिहार में गंगा पथ के तर्ज पर सोन एक्सप्रेसवे निर्माण की पहल…

    Share

    पत्रकार उपेंद्र कश्यप को मिला डाक्टरेट की मानद उपाधि

    दाउदनगर (औरंगाबाद) कार्यालय प्रतिनिधि। फोर्थ व्यूज व दैनिक जागरण के पत्रकार उपेंद्र कश्यप को ज्वलंत और सामाजिक मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने, सोन का शोक, आफत में बेजुबान, सड़क सुरक्षा और…

    Share

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई गई

    पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि मनाई गई

    आस्था की डुबकी: महाकुंभ शाही स्नान हेतु आठ निःशुल्क बस प्रयागराज के लिए रवाना

    महाकुम्भ में स्नानार्थियों की संख्या 45 करोड़ के पार

    अकस द्वारा ग़ज़ल संध्या से से ताम्हणकर को दि श्रद्धांजलि

    अकस द्वारा ग़ज़ल संध्या से से ताम्हणकर को दि श्रद्धांजलि

    जन वितरण प्रणाली के डीलरों की हड़ताल से राशन कार्डधारियों की बढ़ी परेशानी

    जन वितरण प्रणाली के डीलरों की हड़ताल से राशन कार्डधारियों की बढ़ी परेशानी

    रेलवे का बिहार में अभूतपूर्व निवेश, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बिहार दौरा

    रेलवे का बिहार में अभूतपूर्व निवेश, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बिहार दौरा