प्रतिस्पर्धा आधारित शिक्षा प्रयोग पर कार्यशाला
दाउदनगर (औरंगाबाद)-कार्यालय प्रतिनिधि।। मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग और महात्मा गांधी नेशनल काउंसिल आफ रूरल एजुकेशन (एमजीएनसीआरई) के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की नई तालीम नीति के अंतर्गत ‘एक्सपेरेंटिएल लर्निंग : ए कंपटेंसी बेस्ड एप्रोचÓ विषय पर अंतर-विश्वविद्यालय कार्यशाला का तीन सत्रों में आनलाइन आयोजन किया गया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डा. राजेन्द्र प्रसाद और विशिष्ट अतिथि प्रति-कुलपति प्रोफेसर डा. विभूतिनारायण सिंह थे। कुलपति प्रो. (डा.) राजेन्द्र प्रसाद ने महात्मा गांधी के हिन्द स्वराज को सभी को पढऩे पर बल दिया और बताया कि देश प्रेम, भाईचारा, सर्वधर्म सद्भाव, शिक्षा के साथ रोजगार ही देश के लिए वसीयत हैं। इस कार्यशाला को एमजीएनसीआरई के अध्यक्ष डा. डब्लूजी प्रसन्ना कुमार, सहायक निदेशक देबेन्द्रनाथ दास, आर्यभट ज्ञान विश्वविद्यालय (पटना) के डीन ज्ञानदेवमणि त्रिपाठी, विनोबाभावे विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष (एमएड) डा. तनवीर यूनुस, मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के प्रमुख डा. प्रवात कुमार ढल, एसोसिएट प्रोफेसर डा. संजीव कुमार पांडेय, डा. कुमार उपनिषद ने भी मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया।
नई तालीम आज भी प्रासंगिक :
प्रतिस्पर्धा आधारित शिक्षा प्रयोग की इस कार्यशाला में सभी वक्ताओं ने गांधीजी द्वारा 1937 के वर्धा शिक्षा सम्मेलन में प्रस्तुत नई तालीम को देश की आत्मनिर्भरता के लिए आज के समय में भी प्रासंगिक बताया। महात्मा गांधी केेंद्रीय विश्वविद्यालय (मोतिहारी) के स्कूल आफ एजुकेशन के डीन प्रोफेसर डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अपने की-नोट संबोधन से कार्यशाला का विषय प्रवर्तन किया। आरंभ में स्वागतभाषण में मगध विश्वविद्यालय के निदेशक (शिक्षा) प्रो. सुशील कुमार सिंह ने सबका स्वागत किया। कार्यशाला के तीनों सत्रों का कार्यक्रम-समन्वय मगध विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफेसर परवेज अख्तर ने और तकनीकी समन्वय बतौर टेक्निकल एक्सपर्ट सोनमाटी के प्रबंध संपादक निशांत राज (भगवानप्रसाद शिवनाथप्रसाद बीएड कालेज, दाउदनगर) ने किया। कार्यशाला अंजलि कुमारी प्रशिक्षु बीएड (2019-21) की सरस्वती वंदना के गायन से आरंभ और राष्ट्रगान से समाप्त हुई।
रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज
व्यापारियों की एकजुटता का आह्वान, मांगी राय
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और अग्रणी स्वर्ण आभूषण व्यवसायी सच्चिदानंद प्रसाद ने शहर के सभी क्षेत्र के कारोबारियों का आह्वन शहर की सूरत बनाने-सुधारने के लिए एकजुट होने और रायशुमारी की अपील की है। सच्चिदानंद प्रसाद ने सवाल-जवाब की भाषा में कहा है कि नेता शहर की सीरत बनाने का वादा करते हैं और अधिकारी सूरत संवारने का दावा करते हैं। मगर दशकों से शहर की बेतरतीबी जस-की-तस कायम है। आखिर क्यों? चूंकि जवाब सबको पता है, इसलिए कामन-काज के मुद्दे पर एक-स्वर, एक-मत और एक-दम की जरूरत है। जरूरत है जागने की। समस्या है कि डेहरी-आन-सोन के पाली रोड में रिंग रोड कैसे बने? फुटपाथ दुकानदारों के लिए दुकान कैसे बने? एनीकट में वाटरपार्क कैसे बने? पड़ाव मैदान कैसे स्टेडियम में तब्दील हो? डालमियानगर में बड़ा उद्योग कब लगेगा, जिसके लिए ही हाईकोर्ट ने 13 साल पहले 250 एकड़ का रोहतास उद्योग समूह का कारखाना परिसर रेलवे को बेचने की इजाजत दी थी। सच्चिदानंद प्रसाद ने कहा है कि व्यवसायी समुदाय सर्वसमाज प्रतिनिधि समुदाय है, क्योंकि लोग चाहे किसी समाज-समुदाय के हों, सबका वास्ता व्यवसायी समुदाय है। सवाल किया है कि तब क्या व्यवसायी समुदाय को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए? और, यह अपेक्षा भी की है कि व्यापार-कर्ता आगे आएंगे और अपनी सलाह देंगे।
कोविड-19 : हर ओर डैने पसार रही महामारी
सासाराम (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। कोरोना का बढ़ता सामुदायिक प्रसार लगातार डरावना होता जा रहा है। पुलिस, प्रशासन भी सजग है और लोग भी, मगर राज्य में कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या 54 हजार पार कर चुकी है और इससे मौत की संख्या 358 हो चुकी है। राज्य के सभी 38 जिलों में संक्रमण फैल हुआ है और संक्रमण की दर राष्ट्रीय दर से अधिक 9.3 फीसदी हो गई है। हालांकि 35473 लोग ठीक भी हो चुके हैं। सबसे अधिक 9358 लोग संक्रमित राजधानी जिला पटना में हैं। राज्य में दो हजार संक्रमितों वाले जिले भागलपुर (2638), नालंदा (2350), रोहतास (2224), मुजफ्फरपुर (2459) और गया (2209) हैं। रोहतास जिला में अप्रैल, मई, जून में 344 संक्रंिमत पाए गए, वहीं सिर्फ जुलाई में 1784 संक्रमित पाए गए। 18 मरीज की मौत हुई। रोहतास जिला में 1355 लोग ठीक हो चुके हैं। संक्रमित 863 में 766 होम आइसोलेशन में हैं, बाकी अस्पताल में।