आयुष्मान भारत महत्वाकांक्षी योजना : गोपालनारायण सिंह
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय संवाददाता। आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड के माध्यम से लाभ पा चुके लोगों और अन्य के बीच अपनी राय रखते हुए राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत बहुत ही महत्वाकांक्षी जीवनदाता स्वास्थ्य योजना है। इसके अंतर्गत कोई भी आर्थिक दृष्टि से असमर्थ व्यक्ति अपनी बीमारी का महंगा इलाज करा सकता है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत आयुष्मान भारत गरीबों को मदद देने के उद्देश्य से आरंभ किया गया है। श्री सिंह जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) में आयुष्मान भारत गोल्डन कार्ड के लाभर्थियों के साथ संवाद-सह-दिवालीमिलन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आयुष्मान भारत कार्ड को प्राप्त करने की अहर्ता और इसकी प्रक्रिया की जानकारी देते हुए यह भी बताया कि इसके जरिये गंभीर बीमारियों का कैसे उपचार कराया जा सकता है? उन्होंंने एनएमसीएच में इस योजना के तहत उपचार करा चुके और उपचार करा रहे मरीजों के अनुभवों को साझा किया। मरीजों की ओर से सासंद से यह अपील की गई कि जिन गंभीर बीमारियों के इलाज और चिकित्सकीय परीक्षण को आयुष्मान भारत योजना में शामिल नहींकिया गया है, उसे शामिल कराने का प्रयास वह करें ताकि गरीबों को लगभग सभी गंभीर बीमारी के इलाज में मदद मिल सके। कार्यक्रम में रोहतास जिला के अलावा औरंगाबाद, कैमूर और अन्य जिलों से आयुष्मान भारत के लाभार्थी उपस्थित थे। सांसद गोपालनारायण सिंह ने नए गोल्डन कार्ड का वितरण भी किया। दिवाली मिलन समारोह को एनएमसीएच के प्राचार्य डा. एसएन सिन्हा, चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रभात कुमार, संस्थान के सचिव गोविंदनारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में एनएमसीएच के अस्पताल महाप्रबंधक (संचालन) उपेन्द्र कुमार सिंह, जनसंपर्क पदाधिकारी भूपेंद्रनारायण सिंह और संस्थान के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर मरीजों का निशुल्क चिकित्सकीय परीक्षण और उपचार किया गया।
डेंगू के उपचार की खास व्यवस्था
डेंगू के प्रकोप के मद्देनजर एनएमसीएच में विशेष व्यवस्था की गई है। एनएमसीएच के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह और चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रभात कुमार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, अस्पताल में रात-दिन चिकित्सा सेवा के लिए दक्ष चिकित्सकों की टीम बनाई गई है। अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग वार्ड और बेड की व्यवस्था के साथ आधुनिक तकनीक वाली प्रमाणिक पीसीआर टेस्ट की भी व्यवस्था है। डेंगू से बचाव के लिए घरों के आसपास विशेष स्वच्छता और सफाई की जरूरत है, ताकि मच्छरों का फैलाव न हो। गंदे पानी में ब्लिचिंग पावडर का छिड़काव किया जाना चाहिए। अधिसंख्य मामलों में जमे हुए साफ पानी में भी डेंगू के मच्छरों को पनपते पाया गया है। उन्होंने जानकारी दी कि डेंगू का उपचार आयुष्मान भारत (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) में भी शामिल है।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेन्द्रनारायण सिंह, पीआरओ)
एआईएमआईएम का खाता खुला, राजद का प्रदर्शन अच्छा, जदयू पिछड़ा
पटना (विशेष प्रतिनिधि)। अगले साल होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सेमी फाइनल माने जा रहे उपचुनाव में सत्तारूढ़ राजग का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। जबकि मुस्लिम राजनीति करने वाली असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का खाता बिहार में पहली बार खुला। सोनमाटी ने अपने समाचार विश्लेषण स्तंभ में आंकड़ों के आधार पर यह पूर्वानुमान लगाया था कि बिहार के मुसलमान मतदादाताओं का लालू प्रसाद की पार्टी राजद से मोहभंग हो रहा है और वे एआईएमआईएम में अपनी पहचान देख रहे हैं। (ओवैसी : बिहार में मुस्लिमों के नए रहनुमा, समाचार विश्लेषण/कृष्ण किसलय, 05 जुलाई अंक)
राज्य में विधानसभा की पांच सीटेंं (किशनगंज, दरौंदा, सिमरी बख्तियारपुर, बेलहर, नाथनगर) इनके विधायकों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने से और समस्तीपुर लोकसभा सीट सांसद रामचंद्र पासवान के निधन से रिक्त हुई थी। समस्तीपुर लोकसभा सीट को राजग के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी ने अपना कब्जा बरकरार रखा। लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार प्रिंस राज ने कांग्रेस के निकटतम प्रतिद्वंद्वी अशोक कुमार को 1.02 लाख मतों से हराया। प्रिंस राज के पिता रामचंद्र पासवान लगातार दो बार इस सीट से निर्वाचित हुए थे। प्रिंस राज लोजपा नेता रामविलास पासवान के भतीजा हैं। प्रिंस राज को 390276 और अशोक कुमार को 288186 वोट मिले। समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र में अशोक कुमार 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में दूसरे स्थान पर थे।
किशनगंज : असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के प्रत्याशी कमरुल होदा को किशनगंज विधानसभा सीट से जीत मिली है। यहां भाजपा की स्वीटी सिंह दूसरे और कांग्रेस की सईदा बानो तीसरे स्थान पर रहीं। यहां 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डा. जावेद आजाद को जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन्हें किशनगंज लोकसभा सीट से उतारा। वह सांसद बन गए तो किशनगंज सीट खाली हो गई। कमरुल होदा को 70469, स्वीटी सिंह को 60258 और सईदा बानो को 25285 मत प्राप्त हुए।
बेलहर : बेलहर में राजद के रामदेव यादव ने जदयू के उम्मीदवार लालधारी यादव को हाराया। 2015 के विधानसभा चुनाव में बेलहर से जदयू उम्मीदवार गिरिधारी यादव को जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने गिरिधारी यादव को बांका सीट से उतारा और वह लोकसभा का चुनाव जीत गए। रामदेव यादव (राजद) को 76339, लालधारी यादव (जदयू) को 57103 और विनोद पंडित (निर्दलीय) को 6739 मत प्राप्त हुए।
नाथनगर : जदयू के लक्ष्मीकांत मंडल और राजद की राबिया खातून के बीच कड़ा मुकाबला रहा। लक्ष्मीकांत मंडल ने 5112 वोट से जीत हासिल की। 2015 के विधानसभा चुनाव में नाथनगर से जदयू उम्मीदवार अजय मंडल को जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में अजय मंडल को भागलपुर से टिकट मिला। उनके सांसद बन जाने के कारण नाथनगर विधानसभा सीट खाली हुई। यहां लक्ष्मीकांत मंडल (जदयू) को 55936, राबिया खातून (राजद) को 50824 और अशोक कुमार (निर्दलीय) को 13437 मत मिले।
सिमरी बख्तियारपुर : में राजद के जफर आलम को जीत मिली है। उन्होंने जदयू के डॉण् अरुण कुमार को हराया। सहरसा जिले में स्थित विधानसभा क्षेत्र सिमरी बख्तियारपुर लोकसभा क्षेत्र मधेपुरा का हिस्सा है। 2015 के चुनाव में सिमरी बख्तियारपुर से जदयू के दिनेश चंद्र यादव को जीत मिली थी। 2019 के चुनाव में दिनेश मधेपुरा से सांसद चुने गए। जफर आलम (राजद) को 71435, डा. अरुण कुमार (जदयू) को 55927 और दिनेश कुमार निषाद (वीआईपी) को 25225 मत मिले।
दरौंदा : विधानसभा क्षेत्र दरौंदा में कांटे की लड़ाई में निर्दलीय उम्मीदवार कर्णजीत सिंह ऊर्फ व्यास सिंह को जीत मिली। 2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार कविता सिंह को दरौंदा से जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने कविता सिंह को सीवान से टिकट दिया और वह जीतकर संसद में चली गईं। उपचुनाव में दरौंदा विधानसभा क्षेत्र से जदयू ने कविता सिंह के पति अजय सिंह को टिकट दिया। कर्णजीत सिंह ऊर्फ व्यास सिंह (निर्दलीय) को 51207, अजय कुमार सिंह (जदयू) को 23895 और उमेश सिंह (राजद) को 20891 मत मिले।
(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय)