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माफिया : पहले खा गए करवंदिया पहाड़, अब गटक रहे सोन का बालू

-राजधानी पटना से जिले तक विभागों की मिलीभगत से सोन नदी से बालू की अवैध निकासी, खानापूर्ति के लिए दर्ज होती है एफआईआर
-वर्चस्व की जंग की नई कहानी, एक पूर्व विधायक समेत पांच पर नामजद व करीब 40 अज्ञात पर प्राथमिकी
-आदित्य मल्टीकाम कंपनी को नीलामी के जरिये मिला है 114 करोड़ रुपये में बालू निकासी का एकाधिकार
-पहले भी विवादों में रही है कंपनी, दर्ज हो चुके हैं एक दर्जन एफआईआर
डेहरी-आन-सोन (बिहार)- कृष्ण किसलय। बिहार सरकार के वन विभाग में दर्ज रिकार्ड व मौजूदा पैमाईश और सुप्रीम कोर्ट के अधीन नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में होने वाली सुनवाई इस बात का प्रमाण है कि राजनेताओं, बाहुबलियों, धनपशुओं और सरकारी अधिकारियों के गठजोड़ से तैयार पत्थर माफिया रोहतास जिले में वह करवंदिया पहाड़ ही खा गए, जो कभी पुरानी जीटी रोड़ (डेहरी-सासाराम सड़क) को छूता हुआ खड़ा दिखता था। अब प्रदेश के पर्यावरण, खनन, श्रम, परिवहन, वाणिज्य, विपणन आदि से जुड़े स्पष्ट कानूनों को गच्चा देकर राजधानी से जिले तक विभिन्न सरकारी विभागों के अफसरों की मिलीभगत से बालू माफिया तीन किलोमीटर चौड़ाई वाले सोन का बालू गटक रहे हैं। नीलामी से प्राप्त वैधता के नाम पर सोन नदी से बालू की अवैध निकासी धड़ल्ले से जारी है। इस अवैध खेल में माफियाओं के बीच वर्चस्व की जंग भी होती रही है। पिछले दशकों में पुलिस में दर्ज अनेक आपराधिक कांड इस बात के गवाह हैं कि इस जंग में खूनी खेल भी खेला जाता रहा है।

एसपी ने भेजी 300 पेज की रिपोर्ट भेजी, छह महीने में हो गया तबादला

तीन साल पहले रोहतास के पूर्व एसपी शिवदीप लैंडे (2 फरवरी-2अगस्त 20015) का ट्रंसफर पत्थर माफिया के दबाव पर छह महीने में ही कर दिया गया था, जबकि पुलिस एक्ट (2007) में निर्धारित है कि पुलिस अधिकारी की कार्य अवधि न्यूनतम दो साल होगी। उन्होंने अवैध पत्थर खनन और पत्थर माफिया पर 300 पेज की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी। वे जीतनराम मांझी सरकार के कार्यकाल में नियुक्त किए गए थे। पत्थर माफिया इंट्री माफिया को प्रति वाहन कोडवर्ड के आधार पर 200 रुपये देते थे। इस धंधे के कोडवर्ड वैसे ही हैं, जैसे टीटीई द्वारा ट्रेन के अवैध यात्रियों को दिया जाता है। इंट्री माफिया में पुलिस, बिक्री कर, खनन, वन, परिवहन विभाग आदि के लोग शामिल रहे हैं। मुख्य तौर पर गया, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर में सक्रिय पत्थर माफिया दो तरह के हैं, एक पहाड़ के पत्थर काटने वाले और दूसरे परिवहन करने वाले। दो साल पहले ही जनवरी 2016 में इस बाबत इंटेलिजेंस ब्यूरो ने केेंद्र सरकार को भेजी गई रिपोर्ट में बताया था कि शिवदीप लैंडे का तबादला पत्थर माफिया के दबाव पर किया गया।

ताजा आरोप माफियाओं के वर्चस्व की जंग की नई कहानी

तीन करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने व तोडफोड़ करने का ताजा आरोप माफियाओं के वर्चस्व के इसी जंग की नई कहानी है। डेहरी-आन-सोन के पाली रोड स्थित आदित्य मल्टीकॉम के दफ्तर में रंगदारी मांगने व तोडफोड़ करने के मामले में पुलिस की आरंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस दफ्तर में तीन करोड़ रुपये लूटने का आरोप गलत था। बाद में लूटी जाने वाली रकम के तीन लाख रुपये होने की बात कही गई। आदित्य मल्टीकॉम के स्थानीय कार्यालय के प्रभारी बब्लू सिंह द्वारा 18 मार्च को  एक पूर्व विधायक समेत पांच लोगों पर नामजद व करीब 40 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। बाद में इस कंपनी के प्रतिनिधि ने कहा कि घटना के बाद बदहवासी में तीन लाख रुपये को तीन करोड़ रुपये बता दिया गया था।

आदित्य मल्टीकाम कंपनी पर एक दर्जन मामले

आदित्य मल्टीकाम कंपनी ने सोन नदी के बालू घाटों (औरंगाबाद जिले के बारुन और रोहतास जिले के डेहरी) से वर्ष 2014 में 114 करोड़ रुपये की ऊंची बोली बोलकर बालू निकासी का अधिकार प्राप्त किया है। इस कंपनी पर करीब एक दर्जन मामले दर्ज किए जा चुके हैं। सोन नदी के घाटों से बालू की निकासी में दशकों से माफियाओं का वर्चस्व है और बालू निकासी के इस वर्चस्व कई बार खूनी जंग भी हो चुकी है।

रोहतास के एसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो का कहना है कि सोन नदी के बालू की कंपनी द्वारा विवादित निकासी की रिपोर्ट बनाकर सरकार को कार्यवाही के लिए भेज दी गई है। आदित्य मल्टीकाम कंपनी बालू निकासी के मामले में अनियमितता को लेकर पहले से ही विवादों में रही है। 2016 में इस कंपनी पर खनन विभाग द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। इसके बाद 2017 में भी खनन विभाग द्वारा चालान व ओवरलोडिंग से संबंधित चार प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। एसडीपीओ अनवर जावेद अंसारी के अनुसार, यह बालू घाटों को लेकर आपसी वर्चस्व का मामला है। थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार के मुताबिक, शहर के एक कद्दावर नेता का नाम लेकर तोडफोड़ की गई और धौंस दी गई। मांगी गई रंगदारी नहीं देने पर घटना को अंजाम दिया गया।

(तस्वीर : संजय चौधरी/निशांत राज)

24.03.2016

युवक की हत्या शराब के भूमिगत धंधे का नतीजा!

डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी समाचार)। ईदगाह मोहल्ले में युवक शाहरूख खान (सोनू) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक के पिता हलीम खान के बयान पर 8 लोगों को प्राथमिकी में नामजद किया गया है। शुक्रवार की रात करीब 10 बजे हमलावरों ने बाबूगंज मुहल्ला निवासी शाहरुख खान को ईदगाह मुहल्ला में गोलियों से हमला किया था। सोनू को घायल अवस्था में अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना से आक्रोशित मृतक के परिजन शव को लेकर थाने पर पहुंचकर प्रदर्शन किया। शनिवार की सुबह आंबेडकर चौक पर मृतक का शव रखकर सड़क जाम किया गया, दुकानें बंद कराई गई। रामनवमी के मौके पर हुई इस हत्या को स्वार्थी तत्वों ने साम्प्रदायिक रूप देने का भी प्रयास किया, मगर मिल्लत के इस शहर में शहरवासियों की सूझबूझ से जल्द ही मामले को शांत करने में सफलता प्राप्त कर ली गई। तनाव को देखते हुए शहर में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गयी है।

अवैध धंधे में वर्चस्व व बंटवारे का नतीजा
इस हत्याकांड को शराब के अवैध धंधे में वर्चस्व व बंटवारे का नतीजा माना जा रहा है, क्योंकि मृतक और हमलावर भी शराब के धंधे से जुड़े बताये जाते हैं। पूर्व में अनेक घटनाओं से तो यह तो जाहिर है कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब का भूमिगत अवैध धंधा हर जगह जारी है और अधिसंख्य मामलों में पुलिस का भी संरक्षण प्राप्त रहा है। आरंभिक तौर पर पुलिस भी मान रही है कि हत्या शराब के अवैध धंधे में आपसी प्रतिस्पद्र्धा का नतीजा हो सकता है। मृतक दो बार जेल जा चुका था। बहरहाल, हत्यारों की गिरफ्तारी और पुलिस के विस्तृत अनुसंधान के बाद वस्तुस्थिति सामने आ सकेगा।

उधर,  रोहतास जिले के डेहरी अनुमंडल के तिलौथू थाने की पुलिस ने शनिवार को क्षेत्र के लेवड़ा गांव में छापा मारकर एक पोल्ट्री फॉर्म से अंग्रेजी शराब की 3852 बोतलें बरामद की है।  मौके पर पुलिस को शराब  के धंधे में उपयोग की जानेवाली एक बाइक मिली। धंधेबाज भाग निकले।

 

फरियाद करने वाले अब देंगे फैसला

सासाराम (बिहार)। रोहतास जिले के तीन वकील अब कोर्ट में फरियाद करने के बजाय फैसला देंगे। पटना हाई कोर्ट की वेबसाइट के मुताबिक, डिस्ट्रिक्ट जज (एंट्री लेवल) में सफल हुए 98 प्रतिभागियों की सूची में रोहतास जिले के तीन वकीलों के नाम भी शामिल हैं, जिनके वरीयता क्रमांक 34 (रोल नं. 15579 संदीप सिंह), क्रमांक 48 (रोल नं. 14069, धीरेन्द्र बहादुर सिंह) और क्रमांक 60 (रोल नं. 12206, विवेक कुमार) हैं।
रोहतास जिले के बिक्रमगंज अंचल के जोन्ही ग्राम के निवासी धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने वर्ष 2004 में सासाराम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की थी और वरिष्ठ अधिवक्ता राममूर्ति सिंह के साथ काम शुरू किया था। 14 वर्षों की प्रैक्टिस में वे सासाराम कोर्ट के सिविल और क्रिमिनल क्षेत्र के व्यस्त वकील रहे हैं। धीरेन्द्र बहादुर सिंह के पिता कन्हैया सिंह सेवानिवृत कृषि पदाधिकारी हैं। इससे पहले वह एडीजे की लिखित परीक्षा में सफल हुए थे।
संदीप सिंह रोहतास जिले के गढऩोखा निवासी मदनमोहन सिंह के पुत्र हैं। इन्होंने शुरूआत में सासाराम जिला न्यायालय में प्रैक्टिस शुरू की थी किये और बाद में पटना हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करने चले गए। संदीप सिंह का विद्यार्थी जीवन अद्र्धग्रामीण परिवेश में ही बीता है। बिक्रमगंज के पिपरी ग्राम निवासी विवेक कुमार बिक्रमगंज अनुमंडलीय न्यायालय में प्रैक्टिस करते रहे हैं। इनके पिता रंगनाथ तिवारी को फक्र है कि उनका बेटा जज बन गया।

हत्या  के मामले में दो आरोपितों  को आजीवान कारावास

सासाराम। आठवें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीएन सिंह की अदालत ने  हत्या  के मामले में दो आरोपितों (मिठू चौधरी और मिंटू चौधरी) को आजीवान कारावास की सजा सुनाई। सजा पाने वालों डेहरी-आन-सोन के हैं।  27 जून 2012 को दिन-दहाड़े डेहरी-आन-सोन के शिवगंज निवासी लल्लू सिंह की गोली मारकर ह्त्या कर दी गयी थी।

(सिटीलाइवडाटकाम में वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार)

 

अजयकुमार राय नए कार्यपालक अधिकारी

डेहरी-आन-सोन (बिहार)-सोनमाटी समाचार। डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद में अजयकुमार राय ने कार्यपालक अधिकारी का पदभार ग्रहण कर लिया। नगर परिषद के प्रभारी कार्यपालक अधिकारी डा. जमाल मुस्तफा (अवर निर्वाचन पदाधिकारी) ने उन्हें पदभार सौपा। इस अवसर पर उप मुख्य पार्षद बिंदा देवी और नगर परिषद के कनीय अभियंता सुरेन्द्र गुप्ता ने नगर परिषद की ओर से गुलदस्ता देकर स्वागत किया। अजयकुमार राय ने कहा है कि पार्षदों और प्रशासन के सहयोग से नगर परिषद का समुचित विकास करने की दिशा में उनका हर संभव बेहतर प्रयास होगा। सफाई की व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त की जाएगी और नाले की सफाई की नियमित व्यवस्था होगी।

 

 

सुदूरवर्ती गांव में पाठ्य सामग्री का वितरण 

 नौहट्टा, डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी समाचार)। बिहार, झारखंड तथा उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित रोहतास जिले के नवहट्टा प्रखंड के सुदूरवर्ती डुमरखोह गांव में जरूरतमंदों को समाजिक संस्था ‘पहलÓ द्वारा चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया गया तथा नि:शुल्क दवाइयां दी गर्इं। पहल द्वारा संचालित एकल विद्यालय के छात्र-छात्राओं को पाठ्य सामग्री, बैग आदि का वितरण किया गया। मरीजों की जांच डा, अभय कुमार राय ने की।

 

 

 

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