मुख्यमंत्री ने की घोषणा, 15 मई तक नाइट कर्फ्यू और शिक्षण संस्थान बंद
दिल्ली/पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। बिहार में एक बार फिर कोरोना संक्रमण की स्थिति खतरनाक सीमा तक जा पहुंचने पर सरकार ने नाइट कर्फ्यू लागू कर शिक्षण संस्थानों को 15 मई तक बंद कर दिया है। यह जानकारी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में प्रेस-वार्ता कर दी। घोषणा से पहले मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से कोरोना संक्रमण पर फीडबैंक लिया। एक दिन पहले 17 अप्रैल को राज्यपाल फागू चौहान ने सर्वदलीय बैठक बुलाकर सुझाव मांगा था। बिहार में कोरोना मरीजों की घटती रिकवरी रेट ने चिंता बढ़ा दी है। गंभीर कोरोना मरीजों की संख्या बढऩे से अस्पतालों में बेड, आक्सीजन, दवा कम पड़ गए हैं। गुजरे 24 घंटे में 21 लोग कोरोना से मौत के मुंह में समा गए। सरकारी अस्पतालों में बेड बढ़ाने, आक्सीजन की आपूर्ति में वृद्धि करने और कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं। संक्रमण प्रसार के मद्देनजर कक्षा-6 से आगे की पढ़ाई करनेवाले नवोदय विद्यालय संगठन ने प्रवेशपरीक्षा, नालंदा खुला विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षा, सीबीएसई ने 10वीं बोर्ड परीक्षा पहले ही रद कर दी है और स्कूल-कालेज विद्यार्थियों के लिए 18 अप्रैल तक पहले से ही बंद कर दिए गए थे। अब कोरोना चेन को तोडऩे के लिए रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। अभी तक देशभर में 12 करोड़ लोगों और बिहार में 55 लाख से अधिक लोगों को टीका लग चुका है। देश में कोरोना के 18 लाख सक्रिय मरीज और बिहार में 40 हजार सक्रिय मरीज बने हुए हैं। कोरोना से देश में पौने दो लाख से अधिक और बिहार में 1750 से अधिक की मौत हो चुकी है। बिहार में 17 अप्रैल को एक दिन में सबसे अधिक 7870 कोरोना मरीज जांच के दौरान पाए गए और में 34 कोरोना संक्रमितों की इलाज के दौरान मौत हो गई।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा भारत कोरोना प्रभावित दूसरा देश
पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार कोरोना का प्रकोप अधिक तेजी से फैल रहा है। इसको लेकर पूरी दुनिया चिंतित है। जिनेवा (संयुक्त राष्ट्र) में पत्रकार वार्ता में विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डा. टैड्रास एडहेनाम ने चिंता जताते हुए कहा है कि पूरी दुनिया में संक्रमण और मरीजों की मौतों का सिलसिला बढ़ रहा है। मौजूदा दिनों में संक्रमण की दर सबसे अधिक है। पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों के तहत आपात समिति की सातवीं बैठक भी आयोजित की गई थी। डा. टैड्रास बताया है कि भारत कोरोना वायरस प्रभावित देशों की सूची में दूसरे स्थान पर आ गया है, जहां ज्यादा तेजी के साथ संक्रमण फैल रहा है। उन्होंने सभी स्वास्थ्य उपायों के पूरी तरह इस्तेमाल की सलाह दी है, ताकि संक्रमण से होने वाली मौत कम की किया जा सके।
गरीब देशों में पांच सौ में एक को ही वैक्सीन :
डा. टैड्रास के अनुसार, पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वैक्सीन की 83.20 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं। करीब 82 फीसदी वैक्सीन उच्च और उच्च-मध्य आय वाले देशों को उपलब्ध करवाई गई है। वहीं केवल 0.2 फीसदी वैक्सीन की खुराक ही निम्न आय वाले देशों को उपलब्ध हुई है। उच्च आय वाले देशों में हर चार में से एक व्यक्ति को वैक्सीन मिल चुकी है, जबकि गरीब देशों में 500 में से एक ही व्यक्ति को वैक्सीन हासिल हुई है। कहा कि समय साझेदारी बढ़ाने का है। अतीत की गलतियों से सबक लेते हुए हम कोरोना से लड़ाई जीत सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल सिंह के मुताबिक, तेजी से बदलते वायरस के प्रकार को समझने का प्रयास जारी है। संक्रमण को लेकर लापरवाही से कोरोना अधिक तेजी से फैलेगा। इसके लिए दो गज की दूरी और मुंह पर मास्क रखना बेहद कारगर दवा है।
(इनपुट, तस्वीर : निशांत राज, प्रबंध संपादक, सोनमाटीडाटकाम)