सीबीएसई के 66 अग्रणी विद्यार्थी सम्मानित
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। स्थानीय संस्था सोन कला केेंद्र द्वारा शाहाबाद रिसोर्ट परिसर में आयोजित समारोह में सीबीएसई पाठ्यक्रम में 10वीं, 12वींकक्षा में 90 फीसदी से अधिक अंक से उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र के साथ संस्था का स्मृति-चिह्नï भेंटकर सार्वजनिक अभिनंदन किया गया और संस्था की ओर से उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई। अभिनंदित होने वालों में सनबीम पब्लिक स्कूल (डेहरी-आन-सोन), माडल स्कूल (डालमियानगर), डीएवी स्कूल (कटार) और डीएवी स्कूल (भड़कुरिया) के 66 छात्र-छात्राएं शामिल थे। संस्था के संरक्षकों प्रतिष्ठित स्त्रीरोग विशेषज्ञ डा. रागिनी सिन्हा, पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह यादव, वरिष्ठ चिकित्सक डा. निर्मल कुमार सिंह, डा. एसबी प्रसाद, मोहिनी समूह के निदेशक उदय शंकर और माडल स्कूल के प्राचार्य डा. आरपी शाही के साथ संस्था के सभी पदाधिकारियों ने अग्रणी स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को प्रमाणपत्र, स्मृतिचिह्नï प्रदान किया। समारोह का आरंभ संरक्षकों द्वारा सामूहिक दीप प्रज्ज्वलन कर संस्था के संरक्षकों-पदाधिकारियों की जानकारी देने के बाद हुआ। सोन कला केेंद्र के संरक्षकों विशेष अतिथियों ने समाजसेवा के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को देश का भविष्य बताया। कार्यक्रम का संचालन संस्था के सलाहकार पारस प्रसाद ने किया और अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव ने धन्यवाद-ज्ञापन किया।
तस्वीर : अनिल कुमार
आनलाइन रेतकला प्रदर्शनी में मधुरेंद्र की भी रचना
पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। बिहार ललित कला शिक्षक संघ, पटना द्वारा आयोजित अंतरराष्ट्रीय आनलाइन कला प्रदर्शनी के लिए पूर्वी चंपारण जिला के चर्चित युवा रेत कलाकार मधुरेंद्र की भी कलाकृति चयनित हुई। बिहार विधानसभा चुनाव में रेत पर बनाई गई उनकी बालू कला-कृति ‘वोट फार बेटरÓ को डिजिटल प्लेटफार्म पर प्रदर्शित किया गया। प्रदर्शनी के संयोजक राजकुमार सिंह ने ई-मेल भेजकर रेतकला प्रर्दशनी में उन्हें सम्मिलित करने का आमंत्रण दिया था। सभी रेतकला प्रविष्टियां बिहार ललित कला शिक्षक संघ के फेसबुक-वाल और यूट्यूब पर प्रदर्शित की गईं। इस कला प्रदर्शनी में भारत के साथ यूएसए, नेपाल, बांग्लादेश, तुर्की, इंडोनेशिया, श्रीलंका, दक्षिण अफ्रीका, पेरू, जाम्बिया के युवा बालू कलाकारों की शामिल कलाकृतियों में कोविड-19 काल में आस्था, प्रेम, त्याग, नारी सशक्तिकरण, संघर्ष आदि के भाव को जीवंत तरीके से मूर्तिमान करने का प्रयास किया गया है। कला प्रदर्शनी का आनलाइन उद्घाटन बिहार सरकार के कला-संस्कृति मंत्री मंगल पांडेय ने किया। मंगल पांडेय और बिहार ललित कला अकादमी के अध्यक्ष आनंदी प्रसाद बादल, बिहार प्रदेश ललित कला शिक्षक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार नेचर, प्रदेश उपाध्यक्ष शिल्पा कुमारी सिंह, सचिव आदित्यकुमार सिंह आदि ने रेतकला कृतियों का अवलोकन कर मधुरेंद्र सहित सभी कलाकारों को डिजिटल प्लेटफार्म पर शामिल होने के लिए बधाई दी।
नगर की गलियों में बह रहा नालियों का पानी
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। डेहरी-डालमियानगर नगर परिषद को राज्य में आखिर किस पैमाने पर स्वच्छता प्रबंध में नंबर-वन घोषित किया गया था? नागरिकों में यह सवाल नगर की सफाई व्यवस्था की हालत देखकर सहज ही खड़ा होता है, क्योंकि हर तरफ जाम नालियां, बिखरा कूड़ा-कचरा कभी भी देखा जा सकता है। हालांकि कचरा फेेंकने में जिम्मेदारी का निर्वाह बेशक नागरिकों की भी है, मगर नगर परिषद की भूमिका भी मनमानी है। इस नंबर-वन घोषित नगर परिषद का आलम यह है कि यहां की खुली हुई नालियां सालों भर सड़ांध से बजबजाती रहती हैं। बरसात गुजर गया, फिर भी नालियों का पानी गलियों में बह रहा है। जोड़ा मंदिर रोड से जुड़ी प्रेस गली ( वार्ड-संख्या 25) सहित कई गलियों में जलभराव की वजह से नागरिकों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई वार्ड का पानी नाली निकालकर जोड़ा मंदिर से जुड़ी नाली में डाल दिया गया है। इससे पानी का दबाव अधिक हो गया है। जबकि जोड़ा मंदिर रोड नाला की उड़ाही न तो बरसात पहले की गई थी और न बरसात के बाद ही। नालियों की की नियमित सफाई कई महीनों से नहीं की गई है। पूछे जाने पर संबंधित वार्डों के कमिश्नर, स्थाई समिति के सदस्य और नगर परिषद के अधिकारी कहते हैं कि पानी निकासी के लिए जक्खी बिगहा पुल के पास मिलने वाले गहरे नाला के निर्माण की कोई योजना नहींहैं। नगरपरिषद अध्यक्ष का जवाब टाल-मटोल वाला होता है और कार्यपालक पदाधिकारी कहते हैं कि बरसात में बारिश के कुछ देर बाद पानी का स्तर कम हो जाता है। अब तो बरसात के गुजरे तीन महीने हो चुके हैं। कोई देखने वाला है क्या? नगर परिषद की रूचि मनमाना अतिक्रमण हटाने में, किसी तरह नाली-गली का निर्माण कर लेने में, नो पार्किंग जोन में खड़ी कार पर कूड़ा फेेंककर मनमानी अवैधानिक रीत बनाने में ज्यादा है। जहां नागरिक उचित मांग करते हैं, वहां गंदगी फैल जाने का भयादोहन किया जाता है। वस्तुस्थिति यही है कि बढ़े हुए टैक्स भुगतान के बावजूद सफाई की व्यवस्था कागज पर अधिक है।