– सुदूर आदिवासी-वनवासी बहुल गांवों सहित अपने क्षेत्र में अति निर्धन महिलाओं को दिए करीब 5500 रसोई गैस कनेक्शन
– सुदूरवर्ती पहाड़ी क्षेत्र के आदिवासियों-वनवासियों के लिए की गई है अलग व्यवस्था, ताकि सुनिश्चित हो सके रसोई गैस की आपूर्ति
– समाज के सबसे कमजोर तबके के बीच स्वच्छ ईंधन व बेहतर जीवन की सामाजिक जवाबदेही के कार्य में के लिए जुटी हुई है मोहिनी इंटरप्राइजेज की टीम
-देश भर में अति निर्धन महिलाओं को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत पांच करोड़ रसोई गैस कनेक्शन (आरंभिक तौर पर मुफ्त) देने का है लक्ष्य
डेहरी-आन-सोन (बिहार)-कृष्ण किसलय। हजारों सालों से महिलाएं लकड़ी, गोईठा, कोयला, राख में अपनी पूरी जिंदगी खपाती रही है। रसोई गैस की ईजाद होने के बावजूद बड़ी संख्या में दूर ग्रामीण क्षेत्र की मध्यवर्ग समाज की महिलाओं के लिए भी रसोई गैस की पहुंच के अभाव के कारण लकड़ी-गोईठा-कोयला-राख से मुक्ति आसान नहींरहा था। आदिवासी-वनवासी और अति निर्धन परिवार की महिलाओं ने तो पहले कभी सोचा ही नहींथा कि उनकी जिंदगी कभी लकड़ी-गोईठा-कोयला-राख की नियति से मुक्त भी हो सकेगी। मगर प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के कारण ऐसा संभव हो सका है। देश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत पांच करोड़ रसोई गैस कनेक्शन (आरंभिक तौर पर मुफ्त) अति निर्धन, दलित व आदिवासी-वनवासी परिवारों की महिलाओं को दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित है, ताकि उनका जीवन धुआं मुक्त हो, उनका भविष्य स्वास्थ्य की दृष्टि से सुरक्षित हो और लकड़ी के धुएं से फैलने वाले प्रदूषण के कारण पर्यावरण को होने वाले व्यापक नुकसान से भी मुक्ति मिल सके।
- प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत खाद्य सुरक्षा कार्ड धारक (बीपीएल) परिवारों की महिलाओं को पूरी तरह मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जा रहा है, जिन्हें दिए जाने वाले चूल्हा, रसोई गैस से भरा सिलेंडर-रेगुलेटर आदि के लिए आरंभ में कोई शुल्क नहींलिया जा रहा है। एपीएल श्रेणी की तरह बीपीएल श्रेणी के परिवारों को भी एक साल में 14.2 किलो के 12 सिलेंडर रसोई गैस अनुदानित दर पर मिलना है। इन परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत आरंभिक तौर पर निशुल्क दिए गए चूल्हे-सिलेंडर आदि की अनुदानित कीमत का समायोजन उन्हें मिलने वाली रसोई गैस के अनुदान (सब्सिडी) से होता है और इसके बाद उनके बैंक खाते में रसोई गैस की सब्सिडी नियमानुसार आटोमैटिक तरीके से ट्रंसफर हो जाती है।
एफटीएल स्कीम में भी बिहार व झारखंड राज्यों में नंबर-वन
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत मोहिनी इंटरप्राइजेज (डेहरी-आन-सोन) ने करीब 5500 कनेक्शन दिए हैं, जिनमें तीन हजार से ज्यादा कनेक्शन कैमूर पहाड़ के पाश्र्ववर्ती आदिवासी-वनवासी बहुल इलाकों में दिए गए हैं। मोहिनी इंटरप्राइजेज के संंचालक निदेशक उदय शंकर ने सोनमाटीडाटकाम को बताया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत तीन हजार से ज्यादा रसोई गैस कनेक्शन रोहतास जिले के सुदूर पहाड़ी कस्बों-गांवों नौहट्टा, यदुनाथपुर, तिऊरा पिपराडीह, चुटिया, रोहतास, बौलिया, परछा, तुंबा, टीपा, रसूलपुर आदि में दिए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में डेहरी-आन-सोन और इससे जुड़े क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के साथ मोहिनी इंटरप्राइजेज ने अपनी टीम के श्रम-समर्पण व सुविधाजनक किस्त भुगतान के जरिये रसोई गैस कंपनी की पांच केजी एफटीएल (फ्री ट्रेड एलपीजी) स्कीम के तहत भी बिहार व झारखंड राज्यों में अपना शीर्ष स्थान (नंबर-वन) बनाया है।
एफटीएल स्कीम परीक्षार्थियों-विद्यार्थियों, भ्रमणशील श्रमिकों, खानाबदोशों के लिए लाभदायक
एफटीएल स्कीम का उद्देश्य रसोई गैस की अवैध व रिस्की उपयोग से मुक्ति दिलाना और ठेले आदि जैसे सबसे निलची श्रेणी के माइक्रो कारोबारियों तक वैध रसोई गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। एफटीएल स्कीम के सिलेंडर को देश में कहीं भी ले जाया जा सकता है और उनमें रसोई गैस अधिकृत पेट्रोल पंपों, व्यापारिक कांप्लेक्स (माल), राशन व किराना दुकानों से प्राप्त किया जा सकता है। एफटीएल स्कीम परीक्षार्थियों-विद्यार्थियों, भ्रमणशील श्रमिकों, खानाबदोशों आदि के लिए बेहद लाभदायक है। उदय शंकर के अनुसार, सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना और एपटीएल स्कीम के तहत रसोई गैस की नियमित आपूर्ति को मुकम्मल बनाने के लिए मोहिनी इंटरप्राइजेज की ओर से दो ट्रकों, एक चारपहिया वाहन, एक तीनपहिया वाहन और मोटरसाइकिलों की भी व्यवस्था की गई है।
जनजिम्मेदारी नीति के अंतर्गत व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का कवरेज
उदय शंकर ने बताया कि कंपनी की ओर से सभी तरह के रसोई गैस ग्राहकों के लिए जनजिम्मेदारी नीति के अंतर्गत व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा का कवरेज प्रदान किया गया है, जिसमें रसोई गैस सिलेंडर से होने वाली दुर्घटना में कार्डधारक व्यक्ति की मृत्यु होने पर छह लाख रुपये, चिकित्सार्थ दो लाख रुपये और ग्राहक के पंजीकृत परिसर में संपत्ति क्षति के मामले में दो लाख रुपये तक क्षतिपूर्ति भुगतान का प्रावधान किया गया है। मोहिनी इंटरप्राइजेज ने तो अपने स्तर व अपने खर्च पर अपने कर्मचारियों के प्रशिक्षित कर फायर सेवर का वितरण किया है, ताकि वे अपने आस-पास रसोई गैस दुर्घटना की स्थिति में तुरंत पहुंचकर फौरी जरूरी मदद कर सकेें।
पहाड़ी गांवों तक पहुंची मोहिनी टीम
पिछले सप्ताह राज्य प्रशासन की ओर से रसोई गैस कंपनी को दिए गए निर्देश पर इंडेन गैस के विक्रय अधिकारी सनतकुमार पात्रा के आदेश के बाद मोहिनी इंटरप्राइजेज (रसोई गैस एजेंसी) की टीम भी तिलौथू (रोहतास) के गौरव इंडेन और बंजारी (रोहतास) की कल्याणपुर कंज्युमर कोआपरेटिव सोसाइटी की टीम के साथ प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत अति निर्धन परिवार (खाद्य सुरक्षा या बीपीएल कार्ड धारक) की महिलाओं को रसोई गैस कनेक्शन देने रोहतास जिले पहाड़ी क्षेत्र में पहुंची थी। इस योजना के तहत नियमानुसार निर्धन परिवार को प्रशासन की ओर से निर्गत बीपीएल कार्ड में दर्ज महिला से संबंधित एएचएल टिन नंबर का मिलान कर रसोई गैस का कनेक्शन चूल्हा, सिलेंडर आदि के साथ सौंपा जाना है। एएचएल टिन नंबर सामाजिक-आर्थिक-जातीय जनगणना-2011 की सूची के आधार पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित सिस्टम में आनलाइन उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री का दौरा रोहतास जिले के पहाड़वर्ती गांव रेहल में होना था, जो अंतिम समय में बदल गया। इसी कार्यक्रम को लेकर मोहिनी इंटरप्राइजेज की टीम पहाड़वर्ती गांवों में रसोई गैस कनेक्शन का स्थल वितरण करने पहुंची थी, जिसमें कपिल पांडेय, देवेन्द्र सिंह, अनिल पाठक, प्रकाश ठाकुर आदि शामिल थे।
(तस्वीर : निशांत राज)