पेच : सीट हमें दो ज्यादा, नीतीश ही नेता क्यों?

-बिहार के सियासी समर में लोस सीट और सीएम पद की दावेदारी का अंतरसंघर्ष सतह पर

-पटना की बैठक और एनडीए के मेल-मिलाप के प्रसंग को छोड़कर रालोजपा सुप्रीमो सासाराम पहुंचे

-पूछे जाने पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि काम है उनकी प्राथमिकता

 पटना/डेहरी-आन-सोन/सासाराम (कृष्ण किसलय)। सीट हमें दो ज्यादा, नीतीश ही नेता क्यों? बिहार में सियासत के इसी पेच और कुछ इसी अंदाज में एनडीए के घटक दलों के बीच नेतृत्व के चेहरे और लोकसभा की सीटों पर अपनी-अपनी अधिक से अधिक दावेदारी-हिस्सेदारी को लेकर जारी टकराव और अंतरसंघर्ष अब तेज हो चुका है। घटक दलों का पहला अंतरसंघर्ष करीब एक साल बाद 2019 में आसन्न लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों में अधिक-से-अधिक सीटों को झपट लेने के लिए है। दूसरा अंतरसंघर्ष इसके एक साल बाद 2020 में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में नेतृत्व अर्थात मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश की है।

एनडीए गठबंधन की रालोसपा के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने को अंदरूनी तौर पर मुख्यमंत्री की दावेदारी की रेस में शामिल कर रखा है। उपेन्द्र कुशवाहा के पास कांग्रेस वाले गठबंधन में जानेे का विकल्प है, मगर सवाल यह है कि क्या बिहार में लालू प्रसाद यादव के ताकतवर नेतृत्व वाली पार्टी राजद क्या अब किसी दूसरे दल के नेता को मुख्यमंत्री बनाना चाहेगी? हालांकि ऊपरी तौर पर रालोजपा सुप्रीमो भविष्य मेें राजद के साथ जाने की बात को बकवास बताते हैं।

उपेन्द्र कुशवाह के तेवर और  सुर-स्वर के मद्देनजर कयासों का नया दौर

7 जून की शाम भाईचारा भोज में एनडीए के सभी दलों के नेताओं ने शिरकत की, मगर रालोसपा अध्यक्ष केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा शामिल नहीं हुए और इसके दूसरे दिन बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की इफ्तार पार्टी में भी जाने से इंकार कर दिया। 8 जून की सुबह दिल्ली से पटना पहुंचने के बावजूद उपेन्द्र कुशवाहा पटना में बिना रूके अपने संसदीय क्षेत्र करगहर (रोहतास जिला और औरंगाबाद जिला) चले आए। उपेंद्र कुशवाहा ने रोहतास में जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में भाग लिया और पूछे जाने पर यह कहा कि उनकी प्राथमिकता काम एवं क्षेत्र का विकास है, इसलिए वे जिला स्तरीय समन्वय एवं अनुश्रवण समिति की बैठक में भाग लेने पहुंचे हैं।

इससे भी जाहिर है कि एनडीए में सब कुछ ठीक-ठाक नहींचल रहा है। उपेन्द्र कुशवाह के तेवर और उनकी पार्टी के सियासी सुर-स्वर के मद्देनजर इस नए घटनाक्रम पर बिहार की राजधानी और राजनीतिक हलकों में कयासों का नया दौर शुरू हो चुका है। हालांकि उपेन्द्र कुशवाहा का कहना है कि कोई विवाद नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भरोसा है और राजग अटूट है। उन्होंने बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय को फोन कर भोज में शामिल नहीं होने की जानकारी पहले ही दे दी थी।

रालोसपा का नीतीश कुमार को नेता मानने से इनकार
एक तरफ जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में खुद को बड़ा भाई मान रही है और भाजपा पर दबाव बना रही हो तो दूसरी तरफ 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भाजपा के साथ आई राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने नीतीश कुमार को अपना नेता मानने से ही इनकार कर दिया है। राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष नागमणि ने कहा है कि बिहार में हमारे पास लोकसभा की तीन सीटें हैं, जबकि जदयू के पास दो ही सीट हैं। हम नीतीश कुमार को अपना नेता कैसे स्वीकार करें? क्या वह फिर से यू-टर्न लेकर लालू प्रसाद यादव के खेमे में नहींजा सकते हैं? नागमणि ने बिहार का अगला चुनाव उपेन्द्र कुशवाहा के नेतृत्व में लड़े जाने की मांग की है और कहा है कि एनडीए गठबंधन के सभी भागीदारों के बीच सर्वसम्मति से नेतृत्व पर फैसला होना चाहिए।
भाईचारा भोज में शामिल हुए रालोसपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नागमणि का कहना है कि बिहार में विधानसभा का चुनाव एनडीए की ओर से उपेंद्र कुशवाहा के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा, क्योंकि बिहार में हमारा भी जनाधार है। इसके लिए केंद्रीय नेतृत्व से बात की जाएगी। रालोजपा की राजनीतिक महत्वाकांक्षा प्रकट करते हुए नागमणि ने साफ-साफ कहा कि जदयू से अधिक सांसद रालोसपा के हैं। पार्टी का जनाधार भी बढ़ा है। इसलिए गठबंधन में लोकसभा चुनाव में रालोजपा की हिस्सेदारी (सीटों की संख्या) बढऩी चाहिए।

लोजपा ने भी नकारा नीतीश का नेतृत्व
उधर, लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) प्रमुख रामविलास पासलान के पुत्र और सांसद चिराग पासवान ने भी लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार के नेतृत्व को नकारते हुए कहा है कि एनडीए की तरफ से लोकसभा का चुनाव नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जाएगा, भले ही विधानसभा चुनाव का चेहरा नीतीश कुमार हैं। बिहार में चुनाव का चेहरा सुशील मोदी और रामविलास पासवान क्यों नहीं हो सकते? लोजपा के नेता पशुपति कुमार पारस ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि लोकसभा में जीती हुई सीटें छोडऩे का प्रश्न ही नहीं है।

भाजपा नेतृत्व ने नहीं की भोज से पहले बातचीत
संभवत: उपेंद्र कुशवाहा की यह इच्छा थी कि भोज से पहले उनसे बातचीत हो। वे सीटों की वृद्धि बात पहले भी रख चुके हैं और बिहार की भोज बैठक में इस मुद्दे पर अपनी स्पष्ट स्थिति जानना चाहते थे। मगर ऐसा नहीं हुआ और भाजपा नेतृत्व ने इस मुद्दे पर उनसे बातचीत नहीं की। पटना में ज्ञान भवन में 7 जून को आयोजित भाईचारा भोज में भाग लेने वालों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और बिहार से केेंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्य (मंत्री) रविशंकर प्रसाद, राधामोहन सिंह और अश्विनी कुमार चौबे के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह भी शामिल थे।

सीटों के तालमेल में मुश्किल नहीं : सुशील मोदी
इस घटनाक्रम के बीच जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने कहा है कि बिहार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री हैं तो जाहिर है कि बिहार में नीतीश कुमार ही एनडीए का चेहरा हैं। बिहार विधानसभा में एनडीए के घटक दलों में जदयू सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल में मुश्किल नहीं होगी। बिहार में एनडीए की पहली पारी में जदयू बड़े भाई की भूमिका में थी। 2009 में जदयू और भाजपा ने साथ मिलकर लोकसभा का चुनाव लड़ा था। बिहार की 40 सीटों में से जदयू के प्रत्याशी 25 और भाजपा के प्रत्याशी 15 सीटों पर चुनाव लड़े थे। 2014 में परिस्थिति बदली और जदयू एनडीए से अलग होकर चुनाव मैदान में उतरी।

कांग्रेस की विपक्षी एकता की कोशिश जारी
जहां बिहार मेंं सत्तारूढ़ एनडीए के घटक दलों के बीच नेतृत्व के चेहरे और सीटों को लेकर टकराव जारी है, वहीं कांग्रेस विपक्षी एकजुटता की कोशिश में लगी हुई है और इसी क्रम में दिल्ली पहुंचकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए महागठबंधन की संभावना पर चर्चा की। इसके बाद 7 जून को बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों को लेकर जारी खींचतान के बीच तेजस्वी यादव ने उपेन्द्र कुशवाहा को महागठबंधन में शामिल होने का निमंत्रण दे दिया है।

हालांकि 10 जून को उपेंद्र कुशवाहा ने ने अपनी तरफ से साफ कहा कि राष्ट्रीय जनता दल ने अपना जनाधार खो दिया है। देशहित के लिए यह जरूरी है कि मोदी पीएम बने रहें।

(इनपुट व तस्वीर : निशांत राज)

 

जनसम्पर्क अभियान के जरिये ग्रामीणों को दी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

दाउदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी संवाददाता। भाजपा ग्रामीण मण्डल के अध्यक्ष सुरेन्द्र यादव ने गांव-गांव जनसम्पर्क अभियान के तहत ग्रामीणों को केंद्र सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। इस क्रम में मखरा ग्राम में नुक्कड़ सभा कर ग्रामीणों को केंद्र की जनहित योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने किसान-मजदूर, छात्रों-महिलाओं और नवजवानों के लिए भारतीय सेना में कई तरह की योजनाएं लागू की हैं।

उन्होंने बताया कि भाजपा नेृतत्व वाली सरकार की ही सोच और देन है कि गरीबो के घर भी खाना गैस पर बनने लगा है। किसान आज खाद की उपलब्धता और उसके सरलता से मुहैया होने को लेकर निश्चिन्त है। सीमा पर सेना अपना काम बिना दबाव कर रही है। कौशल विकास योजना का लाभ युवा उठा रहे हंै। बेरोजगारों, फुटपाथी दुकानदारों को मुद्रा योजना के तहत लाभ मिल रहा है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्वच्छ भारत मिशन योजना जैसी समाजकल्याण की योजनाएं लागू हैं और लोग लाभान्वित हो रहे हैं। मजदूरों को दुर्घटना बीमा कराने मेंं समर्थ नहींथे। अब प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना एक साल अवधि के लिए एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मात्र 12 रुपये में उपलब्ध है।
केेंद्र सरकार के चार साल पूरा करने पर चलाए गए इस जनसंपर्क अभियान के जत्थे में भाजपा ग्रामीण मंडल के समाज के विभिन्न ग्रामीण समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले सुनील शर्मा, संजय कुशवाहा, राजेश यादव, मुकेश चंद्रवंशी, लखन पासवान, रंजीत पाल, दिलीप राम, सेवक रजक आदि शामिल थे।

  • Related Posts

    टीबीटी 2024 अवार्ड के लिए नौ शिक्षकों को किया गया चयन

    दाउदनगर (औरंगाबाद ) कार्यालय प्रतिनिधि। जिले के सरकारी स्कूलों के नौ शिक्षकों का द बिहार टीचर्स-हिस्ट्री मेकर्स टीबीटी के द्वारा राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए चयन किया गया है।…

    अनुश्रवण समिति की बैठक में राशन वितरण की समीक्षा

    डेहरी-आन-सोन (रोहतास) -कार्यालय प्रतिनिधि।  अनुमंडल सभागार में अनुश्रवण समिति की बैठक  शुक्रवार को एसडीएम सूर्य प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई।  जिसमें राशन कार्ड बनाने व राशन के सुचारु रूप…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    पटना जीपीओ की स्थापना के 107 वर्ष पूर्ण होने पर जारी हुआ स्टाम्प

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    सोनपुर मेला में एक महीने तक चलने वाले “फोटो प्रदर्शनी सह जागरुकता अभियान” का हुआ शुभारंभ

    कार्यालय और सामाजिक जीवन में तालमेल जरूरी : महालेखाकार

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा में हुई थी आभूषण कारोबारी सूरज की हत्या

    25-26 नवंबर को आयोजित होगा बिहार संवाद कार्यक्रम

    25-26 नवंबर को आयोजित होगा बिहार संवाद कार्यक्रम

    विधान परिषद के सभागार में ‘सुनो गंडक’ का हुआ लोकार्पण

    विधान परिषद के सभागार में ‘सुनो गंडक’ का हुआ लोकार्पण