921 घरों के गाँव के मुखिया को इंटरनेशनल फोरम में मिला सम्मान
पटना क्षेत्र (बिहार-झारखंड) में 350 डिस्ट्रीब्यूटरों में डेहरी-आन-सोन के वितरक को मिला यह यश
डेहरी-आन-सोन (बिहार)-उपेन्द्र कश्यप। डेहरी अनुमंडल के मथुरी पंचायत का 921 घरों का गांव भेडिय़ा रोहतास जिले का पहला धुआंमुक्त गांव बन चुका है और इस गांव के सौ फीसदी घरों में कोयले नहीं, रसोई गैस का उपयोग होता है। जीटी रोड के किनारे स्थित पोड़े व कच्चे कोयले के कारोबार के कारण काली धूल व धुआं के लिए बदनाम भेडिय़ा-सखरा-पहलेजा गांवों में से एक गांव भेडिय़ा का धुआंमुक्त होना अहम बात इसलिए है कि यहां के बाशिंदों को जलावन का कोयला दशकों से आसानी से उपलब्ध रहा है। इंडियन आयल की पहल पर इस गांव के मुखिया और इंडेन (इंडियन आयल कारपोरेश्न) की अग्रणी वितरक एजेंसी मोहिनी इंटरप्राइजेज ने गांव को स्मोकलेस बनाने के लिए सघन संपर्क-श्रम के साथ प्रयास किया था। इंडियन आयल और अन्य राष्ट्रीय तेल कंपनियों के संयोजन में रांची में पिछले महीने आयोजित अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेेंस में गांव के मुखिया कन्हैया राम (अब पूर्व) को महत्वपूर्ण अतिथि की तरह हवाई जहाज की यात्रा के साथ आमंत्रित कर और पंचतारा होटल (रेडीशन ब्लू होटल) में ठहरा कर सम्मानित किया गया। 2006 से 2016 तक मुखिया रहे कन्हैया राम के लिए जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है। वह ईस्टर्न रिजन से यह सम्मान पाने वाले एकमात्र मुखिया हैं।
सबके सम्मिलित प्रयास और सकारात्मक पहल से मिली सफलता : उदय शंकर
मोहिनी गैस एजेंसी के प्रबंध निदेशक उदय शंकर ने सोनमाटी को बताया कि रांची में आयोजित उस अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेेंस में देश के इंडेन के आपूर्ति-क्षेत्र वाले पांच ग्राम पंचायतों के मुखिया को सम्मानित किया गया था, जिसमें एक भेडिय़ा गांव के मुखिया कन्हैया राम भी शामिल थे। श्री राम ईस्टर्न रिजन से चुने गए एकमात्र मुखिया थे, जबकि पटना रीजन (बिहार और झारखंड) में 350 डिस्ट्रीब्यूटर (रसोई गैस वितरक) हैं। उदय शंकर के अनुसार, वैसे गांव का धुआंमुक्त होना अर्थात सौ फीसदी रसोई गैस पर निर्भर होना अपने-आप में बहुत बड़ी बात है, जिसमें निर्धन परिवारों की संख्या बहुत अधिक हो। इस दिशा में हमने मोहिनी गैस एजेंसी के स्टाफ के साथ मेहनत तो किया ही, मुखिया ने अपना श्रेयस्कर श्रम लगाया और इंडेन के पटना कार्यालय ने भी सपोर्ट किया। इंडियन ऑयल के उस वक्त के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण कुमार ने गांव का दो बार दौरा किया था। सबके सम्मिलित योगदान से यह उपलब्धि हासिल हुई। अब गाँव की महिलाओं को धुंआ का सामना नहीं करना पड़ रहा, जिनकी जिन्दगी को इससे पहले धुआं और कोयले की कालिख ने मुश्किल बना रखा था।
एसडीएम कार्यालय से पूर्ण रसोई गैस कनेक्शन का प्रमाणपत्र निर्गत
डेहरी-आन-सोन शहर का पश्चिमी सीमावर्ती गांव भेडिय़ा में जनगणना के अनुसार 1213 घर हैं, मगर पीडीओ सूची की सरकारी रिकार्ड में 921 घर हैं। इन्डियन ऑयल कारपोरेशन द्वारा इस गांव में पहले से 646 घरों में एलपीजी कनेक्शन मौजूद था, मगर किसी भी रसोई गैस कंपनी द्वारा कोई भी कनेक्शन बीपीएल-एपीएल श्रेणी में नहींदी गई थी। स्मोकलेस विलेज बनाने के लिए 122 बीपीएल और 153 एपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन दिए गए। कुल 275 नए कनेक्शन दे कर पूरे गाँव को स्मोकलेस किया गया। इस संदर्भ में एसडीएम कार्यालय से सभी घरों में रसोई गैस कनेक्शन हो जाने का प्रमाणपत्र भी निर्गत किया गया।
कोयले का ढेर, बीपीएल परिवार, फिर भी सफलता की कहानी
भेडिय़ा का स्मोकलेस होना बेहद सुखद बात है, क्योंकि कोयले की ढेर के बीच होने और बीपीएल परिवारों की बहुलता होने के बावजूद यहां सौ फीसदी रसोई गैस कनेक्शन देने में सफलता हासिल हुई। डेहरी-आन-सोन का यह सीमांत इलाका कोयले के कारोबार वाले कोयला डीपो के नाम से जाना जाता है।। पोड़ा के अवैध कारोबार के बीच कई परिवारों को मुफ्त में भी कोयला उपलब्ध होता रहा है। दरअसल इस गांव को सौ फीसदी रसोई गैस कनेक्शन से लैस करने की सफल कहानी के पीछे यह कहावत चरित्रार्थ हुई है कि ठान लेने के बाद कठिन नहीं मुकाम।
देश का पहला धुआंमुक्त गांव कर्नाटक में
देश में हर गांव को धुआंरहित बनाने की स्कीम चल रही है। इस स्कीम के तहत बिहार का धुआंरहित हुआ पहला गांव अरवल जिले के कलेर ग्राम पंचायत का पुराकोठी है। करीब ढाई सौ घरों के गांव पुराकोठी को 31 दिसंबर 2015 में स्मोकलेस गांव घोषित किया गया था। जबकि कर्नाटक में बेंगलुरू से 77 किलोमीटर दूर स्थित व्याचाकुराहल्ली गांव देश का प्रथम स्मोकलेस गाँव है। 275 घरों वाला यह महिला प्रधान गांव नवम्बर 2015 में धुंआरहित बना था।
(साथ में निशांत राज)
अवैध बालू ने ली फिर एक जान
सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी समाचार। मंगलवार (10 अप्रैल) की सुबह अपनी शिक्षक पत्नी को नहौना गांव स्थित स्कूल छोड़कर मोटरसाइकिल से लौट रहे बाइक सवार युवक को तेज रफ्तार से आते बालू लदे ट्रैक्टर से टक्कर में मौत हो गई। बुरी तरह घायल युवक ने अस्पताल पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया। यह दुर्घटना स्थानीय जीटी रोड पर रोहित इंटरनेशनल होटल के पास हुई। मृतक धनजी सिंह स्थानीय न्यू एरिया मोहल्ले का निवासी था और सासाराम प्रखंड के नहौना गाँव के शोभनाथ सिंह का पुत्र था। इस सम्बन्ध में सासाराम नगर थाने में ट्रैक्टर चालक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है। माना जा रहा है कि अवैध बालू लादे होने के कारण चालक बदहवासी में ट्रैक्टर चला रहा था।