मंत्रिमंडल विस्तार में समीकरण साधने का सूत्र
पटना (निशान्त राज)। अंतत: कोई तीन महीनों में बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया गया। राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने 17 विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई। इनमें भाजपा के 9 और जदयू के आठ विधायक हैं। अब मुख्यमंत्री और दो उप मुख्यमंत्रियों सहित मंत्रिमंडल के 31 सदस्य हैं। मंत्रिमंडल में अभी छह और मंत्रियों की गुंजाइश है, जो भविष्य के गर्भ में है कि तीसरा विस्तार जल्द होगा या भाजपा के मंथन के बाद? बहरहाल मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद सत्ता के गलियारों में जदयू, कांग्रेस, राजद के टूटने-जुटने के जारी अफवाहों-कयासों पर विराम लग गया। नई नीतीश सरकार का गठन 16 नवंबर को हुआ था। मुख्यमंत्री समेत 14 ने मंत्रीपद की शपथ ली थी। मेवालाल चौधरी के इस्तीफे के बाद मंत्रि मंडल में 13 चेहरे रह गए थे, जिनमें भाजपा के 7 जदयू के 4, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के एक और विकासशील इंसान पार्टी के एक थे। बिहार चुनाव में 17वीं विधानसभा में ृसत्ताधारी एनडीए को 125 सीटें मिली हैं, जिनमें सबसे ज्यादा भाजपा की 74 सीटें हंै। जदयू की 43, हम की 4 और वीआईपी की भी 4 सीटें हैं। पिछली एनडीए सरकार में जदयू के मुख्यमंत्री समेत 22 विधायक और भाजपा के उप मुख्यमंत्री सहित 13 विधायक मंत्रिमंडल में थे। पिछली बार 16वीं विधानसभा में जदयू के 71 और भाजपा के 54 विधायक थे।
भाजपा ने मुस्लिम विधायक को मंत्री बनाया है। यह भविष्य के मद्देनजर राजद के ‘माई’ समीकरण में सेंधमारी की कवायद है, क्योंकि पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन को पिछले माह विधानपार्षद बनाया गया है। जदूय ने चैनपुर क्षेत्र से विधानसभा पहुंचने वाले बसपा के एकमात्र विधायक मो. जमा खान को मंत्री बनाया है, जो 23 जनवरी को जदयू में शामिल हुए थे। पूर्ववर्ती नीतीश सरकार में कृषि मंत्री रहेनरेंद्र सिंह के पुत्र एकमात्र निर्दलीय विधायक सुमित सिंह भी और लेशी सिंह भी जदयू कोटा से मंत्री बनी है। भाजपा ने पहले ही महिला प्रतिनिधित्व दे रखा है। पूर्व आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार और लालू प्रसाद यादव के साला साधु यादव को हराने वाले भाजपा विधायक सुभाष सिंह भी मंत्री बनाए गए हैं और भूतपूर्व मंत्री नवीनकिशोर सिन्हा के पुत्र भाजपा विधायक नितिन नवीन और सम्राट चौधरी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए हैं।
(प्रबंध संपादक, सोनमाटी फोन 9955622367)
दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला शासक की हो रही खोज
मिस्र के एलेक्जेंड्रिया के तबोसाइरिस मैग्ना मंदिर क्षेत्र की खुदाई में सैंटो डामिंगो यूनिवर्सिटी के इजिप्शियन मिशन को मिली प्राचीन पुरा-वस्तुएं किसी खजाने से कम नहीं हैं। यहां बड़ी चट्टानों में उकेरी गईं 16 कला कृतियां मिली हैं, जिनके अंदर ममी दफनाई हुई थीं। इस मंदिर के क्षेत्र में प्राचीन मिस्र की सबसे चर्चित, शक्तिशाली बुद्धिमान और खूबसूरती की मिसाल मानी जाने वाली रानी क्लियोपैट्रा का मकबरा की खोज हो रही है। हालांकि चट्टानों के भीतर मिलींसभी ममी अच्छी हालत में नहीं मिली हैं, लेकिन ग्रीको-रोमन तरीके से दफनाने के तरीके के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इनसे मिलती है। यह माना जाता रहा है कि आज जिस मंदिर की बाहरी दीवारें भर बची रह गई हैं, वहां कभी ओसाइरिस और आइसिस देवताओं की पूजा होती थी। यह मंदिर टोलोमी (चतुर्थ) के साम्राज्य में बनाया गया था। एलेक्जेंड्रिया एंटीक्विटीज के महा निदेशक खालिद अलहमज का कहना है कि इस खोज मिशन में मिली ममी के मुंह के अंदर सोने की जीभ के आकार में बने ताबीज पाए गए हैं। संभवत: तब यह धार्मिक विश्वास था कि मरने के बाद दूसरी दुनिया में जाने पर बोलने के लिए जीभ की जरूरत पड़ सकती है। किसी ममी पर मृत्यु के देवता ओसाइरिस की याद दिलाती सोना से की गई कलाकृति है तो किसी पर सींग, सांप बने हुए हैं। एक ममी के सीने पर चौड़ा हार है। इस हार पर बाज चिडिय़ा का सिर है। बाज का सिर होरस देवता का संकेत माना जाता है। एक महिला की ममी में किए गए अंतिम संस्कार पर पहने जाना वाला मास्क, 08 सोने के फ्लेक और 8 मार्बल के मास्क भी मिले हैं।
ढूंढा जा रहा वह मकबरा :
इस खोज की टीम लीडर कैथरीन मार्टिनेज वर्ष 2005 से ही मिस्र के टोलोमी साम्राज्य की आखिरी शासक रानी क्लियोपैट्रा का मकबरा ढूंढ रही हैं। उन्हें विश्वास है कि वह इसी मंदिर के क्षेत्र में मिलेगा। कैथरीन मार्टिनेज की खोज से तीन साल पहले मिस्र और डामिनीकन रिपब्लिक के पुरातत्वविद वर्ष 2002 से ही तबोसाइरिस मैग्ना मंदिर क्षेत्र में खुदाई का कार्य कर रहे हैं। अब तक 27 मकबरे और 10 ममी खोजी जा चुकी हैं। खुदाई में 200 शाही सिक्के मिले हैं, जिन पर बने चेहरा को क्लियोपैट्रा का चेहरा माना जा रहा है। इसके अलावा मिस्र के दो रसूखदार लोगों के अवशेष भी मिले हैं। विश्व के इतिहास में सबसे शक्तिशाली और इस दुनिया से जाने के बाद भी सबसे चर्चित महिला शासक रही मिस्र की क्लियोपैट्रा टोलेमाइक साम्राज्य की आखिरी रानी बनीं थीं। मिस्र की मौजूदा भाषा को बोलने वाली वह पहली इंसान थीं। उस बुद्धिमान और चतुर महिला शासक से जनता इतना प्यार करती थी कि उसके मरने की तीन सदियों बाद तक उसकी पूजा की जाती रही है। (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)