नाम हटाने पर राष्ट्रपति सचिवालय ने लिया संज्ञान
बेगूसराय (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद का नाम सदर अस्पताल, बेगूसराय से मिटाए जाने के मामले में राष्ट्रपति सचिवालय ने संज्ञान लिया है। राष्ट्रपति सचिवालय की पहल पर भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय, दिल्ली के अनुभाग अधिकारी हेमेंद्र सिंह ने 23 फरवरी 21 को बिहार के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर कारवाई करने को कहा है। जिला स्वयंसेवी महासंघ, बेगूसराय के अध्यक्ष दिलीप कुमार सिन्हा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भेजकर ध्यान आकृष्ट कराया था। विधि मंत्रालय के अनुभाग अधिकारी द्वारा मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र की प्रति दिलीप कुमार सिन्हा को भेजी गई है। पूर्व सांसद डा. भोला प्रसाद सिंह की पहल पर बेगूसराय सदर अस्पताल परिसर में डा. राजेन्द्र प्रसाद की मूर्ति स्थापित की गई थी और सदर अस्पताल के बोर्ड पर डा. राजेन्द्र प्रसाद का नाम लिखा गया था। वर्ष 2014 में अस्पताल भवन के जीर्णोद्धार और मुख्य-द्वार निर्माण के समय बोर्ड और अस्पताल भवन से डा. राजेन्द्र प्रसाद का नाम हटा दिया गया। व्हाट्सएप ग्रुप विवेकानंद सेवा संघ के अश्विनी कुमार की पोस्ट के अनुसार, कई राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों और विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र भेजकर राजेन्द्र प्रसाद का नाम फिर से जोडऩे का अनुरोध किया, लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
कोविड-19 टीकाकरण पर आनलाइन वेबीनार
पटना (कार्यालय प्रतिनिधि)। प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (पीआईबी), पटना तथा यूनिसेफ, बिहार के संयुक्त तत्वावधान में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के बिहार स्थित मीडिया इकाइयों के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए कोविड-19 टीकाकरण से संबंधित भ्रांति निवारण पर आनलाइन कार्यशाला का आयोजन किया गया। अध्यक्षता पीआईबी के अपर महानिदेशक एसके मालवीय ने की। कहा कि कोविड-19 से मुक्ति का एकमात्र बेहतर उपाय टीकाकरण ही है। अतिथि वक्ता के रूप में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर महानिदेशक मनीषा वर्मा ने कहा कि कोविड-19 की जानकारी के लिए विश्वसनीय स्रोत पीआईबी, स्वास्थ्य मंत्रालय, माईगोव, राज्य सरकार की वेबसाइट आदि से सूचनाएं प्राप्त करनी चाहिए। राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. एनके सिन्हा ने कहा कि कोविड-19 का टीका पूरी तरह सुरक्षित है। अभी तक बिहार में 22 लाख 45 हजार से अधिक लोगों को टीका दिया गया है। केवल 128 मामले में टीका लेने के बाद प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। आईजीआईएमएस, पटना के डा. अमित कुमार, यूनिसेफ, बिहार की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता, यूनिसेफ इंडिया, नई दिल्ली की संचार अधिकारी सोनिया सरकार, शीना शर्मा ने आनलाइन कार्यक्रम को संबोधित किया। संचालन पीआईबी, पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार ने किया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन फील्ड आउटरीच ब्यूरो, छपरा के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार सिन्हा ने किया। वेबिनार में आरओबी, पटना के निदेशक विजय कुमार और पीआईबी, पटना के निदेशक दिनेश कुमार के साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मीडिया इकाइयों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए।
नर्सिंग कालेज में विदाई समारोह, ला कालेज में नवागंतुक-स्वागत
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के अंतर्गत संचालित नारायण नर्सिंग कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच), जमुहार के सत्र 2016-19 पूरा कर चुके विद्यार्थियों के लिए संस्थान के जूनियर कक्षाओं के विद्यार्थियों की ओर से विदाई समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जीएनएसयू के सचिव गोविंदनारायण सिंह, प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा, कुलसचिव डा. राधेश्याम जायसवाल, नारायण चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सा अधीक्षक डा. एस अली इमाम, एकाडेमिक निदेशक डा. दिलीप यादव, परीक्षा नियंत्रक कुमार आलोक प्रताप और नर्सिंग कालेज के उप प्राचार्य नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन कर किया। विदाई समारोह में एनएमसीएच के सीनियर और जूनियर छात्र-छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया। संस्थान से सत्र की पढ़ाई पूरी कर चुके विद्यार्थियों को आगत अतिथियों द्वारा प्रतीक चिन्ह देकर विदा किया गया।
ला कालेज में फ्रेशर्स पार्टी :
इससे पहले जीएनएसयू के नारायण स्कूल आफ ला में नवागंतुक विद्यार्थियों के लिए आयोजित फ्रेशर्स पार्टी में कानून के विद्यार्थियों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम संपन्न किया गया प्रस्तुति दिया गया। कार्यक्रम का संचालन-संयोजन संस्थान की सहायक अध्यापक अंजली सिंह, दीपाली सिन्हा, संजीव कुमार सिंह, प्रियंका कुमारी, राहुल मिश्रा, अनुकृति ने किया।
राजनीति की फिसलन को संभालता है साहित्य : सभापति
पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। जगदम्बी प्रसाद यादव स्मृति प्रतिष्ठान और अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद की ओर से बिहार विधान परिषद सभागार में राजभाषा संगोष्ठी का का उद्घाटन करते हुए बिहार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा कि भारत और भारतीयता को सुदृढ़ बनाने की दिशा में राष्ट्रभाषा हिंदी की भूमिका महत्वपूर्ण है। भाषा समाज, देश की पहचान और उसके संस्कृति मूल्यों की संवाहक होती है। राष्ट्रभाषा हिंदी के प्रति नई दृष्टि और नए युग के अनुरूप कार्य करने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि के रूप में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि राजनीति की फिसलन को संभालने का काम साहित्य करता है। किताबें सच्चे साथी की तरह होती हैं। अध्यक्षता संबोधन में भारत सरकार के हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य और अंतरराष्ट्रीय हिंदी परिषद के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार यादव ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के मद्देनजर यह सवाल खड़ा है कि सरकारी कामकाज में अंग्रेजी भाषा के प्रयोग के लिए 15 साल का जो समय तय किया गया था, वह अंग्रेजी आखिर 74 साल बाद भी अंगद पांव की तरह क्यों कायम है? विशिष्ट अतिथि बिहार-झारखंड के प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त कौशलेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि माध्यमिक तक शिक्षा मातृभाषा में ही दी जानी चाहिए, ताकि नई पीढ़ी के बच्चों का समग्र विकास हो सके। राजभाषा संगोष्ठी में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी प्रवीन मोहन सहाय, रेलवे के वरीय अधिकारी दिलीप कुमार, तूफैल कादरी खान, कैलाश ठाकुर, डा. साकेत सहाय ने भी अपनी बातें रखीं। उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने वरिष्ठ साहित्यकार और बिहार गौरव गान की रचयिता पद्मश्री डा. शांति जैन को विशेष सम्मान के साथ लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत, कवयित्री आराधना प्रसाद, डा. आरती कुमारी, अर्चना त्रिपाठी, नीतू कुमारी नूतन को भी सम्मानित किया।
काव्य-गोष्ठी भी :
राजभाषा संगोष्ठी के अंत में राजभाषा दर्पण स्मारिका का विमोचन किया गया और डा. शांति जैन की अध्यक्षता में काव्य-गोष्ठी का भी आयोजन किया गया। काव्य-गोष्ठी में वरिष्ठ कवियों भगवती प्रसाद द्विवेदी, मधुरेश नारायण, सिद्धेश्वर, अर्चना राय भट्ट, डा. विजय कुमार पांडेय, डा. रेखा सिन्हा, चितरंजन भारती, लता ज्योतिर्मय, राजकुमार प्रेमी, डा. सुमेधा पाठक, डा. नीलिमा सिंह ने कविताओं का पाठ किया।
रिपोर्ट, तस्वीर : सिद्धेश्वर फोन 9234760365