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संदर्भ बिहियां कांड : स्त्री-रक्षा पर्व के रूप में मनाया जाए रक्षाबंधन

-शिक्षण संस्थान, जविप्र केेंद्र, आंगनबाड़ी बन सकते हैं बदलाव के संदेश के वाहक
-समाज के हर संवेदनशील व्यक्ति को झकझोर गई बिहियां की वीभत्स घटना, मानवता को शर्मशार करने वाले इस काण्ड से समूचे समाज के कटघरे में होने की दी गई दलील
-फ्लुएंट हाई स्कूल में रक्षा-बंधन से पूर्व समाज से संवाद करने का हुआ संयोजन

दाउदनगर (औरंगाबाद) से विशेष संवाददाता उपेंद्र कश्यप। बिहार के भोजपुर जिला के बिहियां में जो झकझोर देने वाली वीभत्स घटना हुई और जिसकाण्ड को अंजाम दिया गया, क्या उससे स्त्री-अस्मिता के मुद्दे पर समाज कटघरे में खड़ा नहीं हो गया है? क्या हैवानियत हावी नहीं है और आदमीयत के स्तर के गिरने की यह पराकाष्ठा नहीं है? बलहीन स्त्री को नंगा शहर में घुमाया जाना और पूरी निर्लजता, शैतानी अट्टाहास के साथ महिला को जानवर की तरह सड़क पर हांकने वाला झुंड क्या समाज के नैतिक पतन का उदाहरण नहीं हैं? इन्हीं तीखे सवालों को लेकर बिहार के दाउदनगर (औरंगबाद) के फ्लुएंट हाई स्कूल में समाज से संवाद का कार्यक्रम का संयोजन बिहियां की घटना के विरोध में सकारात्मक, त्वरित, स्वाभाविक मानवीय प्रयास है, जो सामूहिक प्रतिरोध की अकुलाहट है और बतौर पसरी खामोशीे सुसुप्त समाज को घुप्प अंधेरे में एक दिया जलाकर रौशनराह करने की कोशिश का उपक्रम भी।
सबका सामाजिक दायित्व है निर्बल की सुरक्षा में खड़ा होना
भाजपा के मंडल अध्यक्ष व डीलर संघ के प्रदेश संगठन मंत्री सुरेन्द्र यादव और फ्लुएंट हाई स्कूल के प्राचार्य सर्वेश कुमार की ओर से संयोजित कार्यक्रम में रक्षाबंधन के पूर्व अवसर पर छात्र-छात्राओं को समझाया गया कि निर्बल की सुरक्षा और उसके पक्ष में खड़ा होना सामाजिक दायित्व है। यही कारण है कि आज आधुनिक समाज में कानून निर्बल अर्थात महिला के साथ है, महिला के पक्ष में है। मौजूदा आधुनिक समाज में महिलाएं पुरुषों से मेधा और क्षमता में कहीं भी कम नहींहैं। मगर, स्त्री शारीरिक बल के स्तर पर पुरुष के मुकाबले प्राकृतिक तौर पर ही कमजोर है, जिसका फायदा उठाकार सीमित संख्या वाला स्वार्थी और सिरफिरा पुरुष वर्ग स्त्रियों को प्रताडि़त करने का पुंसत्वीहन कार्य करता है।
हर विद्यालय में हो सामूहिक संकल्प का आयोजन
कहा गया कि इस घटना से पूरा समाज, पूरा देश शर्मसार हुआ है। हर व्यक्ति की सामाजिक जिम्मेदारी बनती है कि वह इस तरह की घटना के प्रतिकार के लिए आगे आए। हर विद्यालय में स्त्री-मर्यादा की रक्षा के लिए सामूहिक शपथ-संकल्प का आयोजन होना चाहिए। इस तरह की घटना को कानून के जरिए रोकना संभव नहींहै। इसके लिए तो सामाजिक परिवर्तन की दरकार है। नई पीढ़ी के नौजवानों को यह संकल्प लेना होगा कि वे कोई ऐसा काम नही करेंगे, जिससे पूरे समाज को शर्मिंदा होना पड़े। इस दिशा में बदलाव और प्रेरणा का केेंद्र बनने का आह्वान शिक्षण संस्थानों, जनवितरण प्रणाली की दुकानों और आंगनबाड़ी के संचालकों से किया गया। हर बहन को अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र (राखी) बांधते समय उनसे दो मांगना चाहिए। पहला कि स्त्री-अस्मिता की वह रक्षा करेगा और दूसरा कि शौचालयीहन घर में शौचालय बनाएगा।

(तस्वीर : स्कूली छात्र:छात्राओं को संबोधित करते सुरेन्द्र यादव और सर्वेश कुमार)

 

वाजपेयी की अस्थि-कलश पहुंचा दाउदनगर, हुआ श्रद्धापूर्ण स्वागत

दाउदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी संवाददाता। भारतरत्न प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थि-कलश की देशव्यापी यात्रा के क्रम में दाउदनगर में हजारों कार्यकर्ताओं-श्रद्धालुओं ने अस्थि-कलश का स्वागत किया और श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। दाउदनगर में स्वागत करने वालों में भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष सुरेंद्र यादव, के जिला संयोजक विनोदकुमार सिंह, संयोजक सुमित भारती, भाजयुमो के जिला महामंत्री प्रकाश सोलंकी, अभाविप के सचिव सन्नी राज, कोषाध्यक्ष धीरज कसेरा, भाजयुमो के मीडिया प्रभारी राजन कुमार आदि शामिल थे। अस्थि-कलश का स्वागत गोह विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं भाजपा प्रदेश प्रवक्ता मनोज शर्मा, एमएलसी अवधेशनारायण सिंह, भाजपा के प्रदेश मंत्री धीरेंद्र शर्मा, भाजपा औरंगाबाद के जिला प्रवक्ता अश्विनी तिवारी, भाजयुमो के जिला मंत्री विवेकानंद मिश्रा ग्रामीण मंडल के महामंत्री रंजन वर्मा, सहसंयोजक सदाम वर्मा ने भी किया।

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