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सलेक्ट : देश के यंग मैनेजर बने मैनेजरियल एक्सीलेंस के विद्यार्थी, एनबीटी ने की कृष्ण किसलय की पुस्तक प्रकाशित

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। जमुहार स्थित गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के अंर्तगत संचालित नारायण एकेडमी आफ मैनेजरियल एक्सीलेंस केआठ छात्र-छात्राओं का चयन देश की एक बड़ी कंपनी अपोलो मुनिक कार्पोरेशन लिमिटेड ने यंग मैनेजर पद के लिए कैंपस सेलेक्शन के जरिये किया। संस्थान के सचिव गोविंदनारायण सिंह और प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने बताया कि फाइनल सेमेस्टर के छात्र प्रज्ज्वलित कुमार, राहुल राय, अभिषेक कुमार, राहुल कुमार गुप्ता, सोनू कुमार, मनीष पांडेय और छात्राएं खुशबू कुमारी, आराधना कुमारी को कंपनी की ओर से यंग मैनेजर पद नियुक्ति किए जाने का आफर लेटर दिया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों के बेहतर शिक्षण-प्रशिक्षण के मद्देनजर भविष्य में देश की अन्य कंपनियों ने भी संस्थान की ओर आकर्षित होने का संकेत दिया है। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. कुमार आलोक प्रताप ने कहा कि संस्थान में इस बात के लिए संस्थान में हर संभव श्रम-प्रयास किया जाता है कि विद्यार्थियों का शत-प्रतिशत चयन हो सके। प्रबंधन संस्थान के अध्यापक कुमुद रंजन, निखिल निशांत, वरुण कुमार सिंह, पम्मी कुमारी ने कैम्पस सलेक्शन के संयोजन में योगदान किया।
(रिपोर्ट-तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)

 

नेशनल बुक ट्रस्ट ने की कृष्ण किसलय की पुस्तक सुनो मैं समय हूं प्रकाशित

दैनिक भास्कर में उपेंद्र कश्यप की विशेष रिपोर्ट :  10वीं-12वीं कक्षा के किशोर विद्यार्थियों के लिए है पुस्तक, विज्ञान पर बेहतर पुरातन ज्ञान के साथ नूतन वैज्ञानिक जानकारी  है 184  पृष्ठ की किताब में, आदमी की हजारों सालों की जिज्ञासाओं पर प्रमाणिक शोध-निष्कर्ष के रूप में अब तक उपलब्ध उत्तर हैं इसमें, हिन्दी में प्रकाशन के साथ अन्य भाषाओं के लिए भी हैं अनुबंध।
डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-उपेंद्र कश्यप। देश के  सबसे बड़े प्रकाशक नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया (एनबीटी) ने डेहरी-आन-सोन के कृष्ण किसलय की पुस्तक (सुनो मैं समय हूं) को प्रकाशित किया है। यह रोहतास जिला ही नहीं, बल्कि बिहार के सोन नद अंचल के एक बड़े इलाके के सन्दर्भ में उपलब्धि है। रोहतास जिले में अनेक प्रतिष्ठित लेखक हैं, जिनकी किताबों का प्रकाशन दूसरे कई प्रकाशकों द्वारा हुई हैं। डेहरी-आन-सोन के लिए यह गर्व है कि छोटे शहर में रह रहे लेखक-पत्रकार की किताब एनबीटी द्वारा सबसे पहले स्वीकृत-प्रकाशित प्रकाशित हुई है। रोहतास जिले के इतिहास पर शोध पुस्तक लिख चुके डा. श्यामसुन्दर तिवारी ने इस सन्दर्भ में कहा कि यह गौरव की बात है। देश में प्रकाशन विभाग के बाद एनबीटी सबसे बड़ा प्रकाशक है। इस अद्र्धसरकारी संस्थान से किताब छपना महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
किताब अभी हिन्दी में प्रकाशित हुई है। लेखक-प्रकाशक के बीच हुए एग्रीमेंट के मुताबिक, अनुबंध अंग्रेजी और अन्य भारतीय भाषाओं के लिए भी है। यह पुस्तक पाठकों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर संवाद स्थापित करने का काम करेगी। पुस्तक 12-14 वर्ष उम्र के किशोरवय को लक्ष्य में रखकर लिखी गई है, ताकि उनके मानस में विज्ञान-दृष्टि का विकास-विस्तार हो सके। 184 पृष्ठों की इस किताब में दो खंड हैं- ब्रह्मांड और जीवन। लेखक कृष्ण किसलय का कहना है कि हिन्दी में वैज्ञानिक सोच विकसित करने वाली अपने विषय-वस्तु संयोजन पर ऐसी कोई दूसरी किताब नहीं प्रकाशित हुई है। ब्रह्मांड कब पैदा हुआ? कहां फैल रहा है? इसके विस्तार का अंत कब होगा? ईश्वर ने सृष्टि बनायी तो फिर ईश्वर को किसने बनाया? नियम से विकसित हुए ब्रह्मांड में ईश्वर का क्या काम? जीवन पृथ्वी पर पनपा या आकाश से टपका? क्या एलियन है आदमी? सभी जीवों में एक ही जैव पदार्थ तो पृथ्वी पर आदमी का एकछत्र राज्य क्यों? इन प्रश्नों का प्रमाणिक उत्तर किशोर मन को देने की कोशिश है यह किताब। लेखक को अपने विषय संयोजन और उद्देश्य में पाठकीय ग्राह्यïता-सफलता कितनी मिलती है, यह वक्त तय करेगा। इस किताब के लिए दर्जनों चित्र कोलकाता के प्रतिष्ठित चित्रकार कला स्नातक अरूप गुप्ता ने बनाया है।

ऐसे रही पुस्तक प्रकाशन की यात्रा
लेखक कृष्ण किसलय ने बताया कि प्रकाशन के लिए एनबीटी का चयन इसका बहुभाषी और अंतरराष्ट्रीय प्रसार क्षेत्र होने के कारण किया। बताया कि 9 सितम्बर 2016 को पूरी पांडुलिपि प्रकाशक को भेजी थी, जिसका प्रक्रिया के तहत चयन हुआ। 09 मार्च 2017 को प्रकाशन के लिए स्वीकृति मिलने के बाद ट्रस्ट की नीरा जैन (मुप्रसनि) द्वारा एग्रीमेंट 28 अप्रैल 2017 को हुआ। इसके बाद फरवरी 2019 में किताब की लेखकीय प्रति उन्हें डाक से डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी-प्रेस गली, जोड़ा मंदिर) के पता पर प्राप्त हुई। एग्रीमेंट के मुताबिक हिंदी प्रकाशन पर 6 फीसदी और अन्य भाषाओं में 4 फीसदी रायल्टी निर्धारित है। पुस्तक की कीमत 105 रुपये रखी गई है।
छूट गए अंश का प्रकाशन है अब लक्ष्य
कृष्ण किसलय ने बताया कि प्रकाशित किताब में कई हिस्से शामिल नहीं हो सके हैं। पृष्ठ संख्या की सीमा के कारण अंतिम समय में उन हिस्सों को उन्हें हटाना पड़ा था। अब लक्ष्य है छूटे हुए खंड का प्रकाशन कराना। वे एनबीटी से आग्रह करेंगे कि चूंकि पांडुलिपि स्वीकृत है, इसलिए अलग खंड में वही इसका प्रकाशन करे तो बेहतर, यदि कोई कानूनी पेंच न हो। ताकि नई पीढ़ी (विद्यार्थियों-पाठकों) को विज्ञान से जुड़ी संबंधित जानकारी एक साथ मिल सके। कृष्ण किसलय का कहना है कि लोग सीखें सवाल करना और सवाल का सटीक जवाब तलाशना। यही मूल मकसद है इस किताब को लिखने का और यही है विज्ञान-दृष्टि।

कौन हैं लेखक कृष्ण किसलय
डेहरी-आन-सोन के सोनमाटी-प्रेस गली (जोड़ा मंदिर) में रहते हैं कृष्ण किसलय। वर्ष 1978 से लगातार विज्ञान विषयों पर लिखते रहे हैं। चार बड़े अखबार में जिला संवाददाता से लेकर संपादक तक के पद पर काम कर चुके हैं। लेखन के लिए इंडियन साइंस राइटर्स एसोसिएशन समेत कई संस्थाओं द्वारा सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। संप्रति सोन नद अंचल के सबसे बड़े तटवर्ती शहर डेहरी-आन-सोन केेंद्रित आंचलिक पत्रकारिता के अग्रणी समाचार-विचार पत्र सोनमाटी और न्यूज-व्यूज पोर्टल सोनमाटीडाटकाम के समूह संपादक हैं।
गौरव का विषय
काव्य संग्रह (आवाज भी देह है) के कवि-लेखक संजय कुमार शांडिल्य का कहना है कि एनबीटी राष्ट्रीय महत्व की उपयोगी किताबों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्ध है। कम मूल्य पर प्रमाणिक किताबों को देश भर के पाठकों तक पहुंचाने का कार्य यह करता रहा है। यहां से प्रकाशित होना किसी लेखक के लिए गौरव का भी विषय है।
(साथ मे तस्वीर : निशांत राज)

 

सिंदुआर में ग्रामीणों को जनवितरण प्रणाली की दुकान से नहींमिल रहा राशन-किरासन

दाउदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी संवाददाता। सिंदुआर गांव के राशन कार्डधारियों ने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर राशन डीलर पर आरोप लगाया है। सिंदुआर गांव के रामप्रवेश पासवान, सुरेश पासवान, कृष्ण पासवान सहित अनेक पुरुषों और महिलाओं का कहना है कि जिला पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को राशन डीलर को लेकर आवेदन दिया था। जांच भी हुआ, पर निष्कर्ष कुछ नहीं निकला। 4-5 महीनों से ग्रामीण राशन-किरासन से वंचित हैं। यदि जांच के निष्कर्ष पर कानूनी प्रावधान के अंतर्गत प्रशासन ने पहल नहींकी तो लोग सड़क पर उतरेंगे। मालूम हो कि डीलर ने गांव के कार्डधारियों को दुकान से यह कहकर वापस कर दिया कि राशन नहीं मिला है। इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी को लिखित शिकायत गांव वालों ने की थी। इसके बाद जिला पदाधिकारी को भी आवेदन दिया गया।

2 thoughts on “सलेक्ट : देश के यंग मैनेजर बने मैनेजरियल एक्सीलेंस के विद्यार्थी, एनबीटी ने की कृष्ण किसलय की पुस्तक प्रकाशित

  • March 8, 2019 at 6:55 am
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    यह आपके उत्क्रृष्ट लेखन और कठिन मेहनत का प्रतिफल है। हार्दिक बधाई!

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