घोषणा : लक्ष्मीकांतमिश्र स्मृति सम्मान इस वर्ष विभिन्न क्षेत्र के 16 लोगों को

पटना/मुंगेर (विशेष प्रतिनिधि)। आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र स्मृति राष्ट्रीय सम्मान-2018 इस वर्ष साहित्य के लिए अलका सिन्हा, डा. भावना, प्रतिभा चौहान, पत्रकारिता के लिए डा. अनुपमा कुमारी, मनोज पाठक, निराला, ताविश रजा, शिक्षा के लिए दीपेन्द्र वाजपेयी, फादर वर्गीज पन्नघट, समाजसेवा के लिए रामरतन चुड़ीवाल, विजयंत सिंह, मानवाधिकार के लिए ओमप्रकाश पोद्दार, सामाजिक सरोकार के लिए आनंद, लोकगायन के लिए चंदन तिवारी संगीत के लिए प्रवीर और अभिनय के लिए राजन कुमार (उर्फ चार्ली चौपलिन) को दिया जाएगा। मुंगेर के श्रीकृष्ण सेवासदन पुस्तकालय के नवनिर्मित सभागार में 18 नवंबर को आयोजित समारोह में इन्हें पद्मभूषण परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती सम्मानित करेंगे। समारोह में पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हेमंतकुमार श्रीवास्तव, बिहार पुलिस अकादमी एवं बिहार सैन्य पुलिस अकादमी के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, मुंगेर प्रमंडल के आयुक्त पंकज कुमार पाल, पुलिस महानिरीक्षक जितेन्द्र मिश्र, दिल्ली की वरिष्ठ चिकित्सक डा. ममता ठाकुर बतौर विशेष अतिथि होंगे। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने अपने संदेश में कहा है कि आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र और परमहंस स्वामी निरंजनानंद सरस्वती उनके भी प्रेरक रहे हैं।

पांच सदस्यीय चयन समिति ने किया है नामों का चयन
सम्मान समारोह के संयोजक कुमार कृष्णन ने बताया कि इस वर्ष के आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र स्मृति राष्ट्रीय सम्मान के लिए अपने-अपने क्षेत्र में विशेष कार्य करने वालों का चयन प्रसून लतांत, डा. रामनिवास पांडेय (सूचना-जनसंपर्क के पूर्व उपनिदेशक), डा. नृपेंद्र प्रसाद वर्मा (तिलकामांझी विश्वविद्यालय के पूर्व विभागाध्यक्ष), अमरेंद्र मिश्र और मनोज सिन्हा की समिति ने किया है। आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र बिहार के चर्चित पत्रकारों में रहे हैं। इससे पहले यह सम्मान पत्रकारिता के लिए रविशंकर रवि (दैनिक पूर्वोदय, गुवाहाटी के संपादक), साहित्य के लिए संजय सिंह (दैनिक जागरण, भागलपुर के मुख्य उप संपादक), गजलकार अनिरुद्ध सिन्हा, कलाकार यशस्वी विश्वास और समाजसेवी पंचम नारायण सिंह (वीरपुर) को दिया गया। प्रथम आचार्य लक्ष्मीकांत मिश्र सम्मान पत्रकारिता के लिए राणा गौरीशंकर, साहित्य के लिए अतुल कुमार, शिक्षा के लिए अमिता मोइत्रा, समाजसेवा के लिए वंदना झा और पर्यावरण के लिए अनिल राम को दिया गया था।

(रिपोर्ट व तस्वीर : पटना में निशांत राज, सूचना : कुमार कृष्णन)

 

नारायण वल्र्ड स्कूल में तीन दिवसीय नेत्र परीक्षण कार्यक्रम

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)- कार्यालय प्रतिनिधि। जमुहार स्थित नारायण वल्र्ड स्कूल में बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण उपक्रम के अंतर्गत तीन दिवसीय नेत्र परीक्षण कार्यक्रम चलाया गया और विद्यालय के सौ फीसदी बच्चों की आंखों की चिकित्सकीय जांच की गई। नेत्र जांच परीक्षण में जमुहार स्थित नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल (एनएमसीएच) के नेत्र चिकित्सक डा. आशीष शर्मा और नेत्र रोग विभाग पैथोलाजी के तकनीशियन शमशाद आलम के साथ नेत्र रोग विभाग की टीम ने भाग लिया।
नारायण वल्र्ड स्कूल की प्रशासक मोनिका नारायण के अनुसार, जिन बच्चों की आंखों में किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या पाई गई हैं, उन्हें एनएमसीएच के डाक्टर की रिपोर्ट और चिकित्सकीय सलाह भेज दी गई है। स्कूल की ओर से समस्याग्रस्त बच्चे के उपचार में भी संभव सहयोग दिया जा रहा है।

(रिपोर्ट व तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, एनएमसीएच)

 

खुले में शौचमुक्त होने के लिए फेयर-प्राइस डीलर निकालेंगे मशाल जुलूस

दाउदनगर (औरंगाबाद)-सोनमाटी संवाददाता। खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित किए जाने के मद्देनजर ग्रामीणों को प्रेरित-जागृति करने के लिए 5 नवम्बर की शाम दाउदनगर अनुमण्डल के फेयर-प्राइस डीलर अपने-अपने पोषक क्षेत्र में कार्ड-धारकों के सहयोग से मशाल जुलूस निकालेंगे। फेयर-प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के प्रदेश संगठन सचिव सुरेंद्रकुमार सिंह के अनुसार, जगह-जगह नुक्कड़ सभा के माध्यम से जनता को यह संदेश देने का प्रयास होगा कि शुद्ध निरोगी वातावरण, शुद्ध पानी और सुंदर परिवेश के निर्माण के लिए सबका सहयोग जरूरी है। हर गांव जब तक ओडीएफ हो जाता, तब तक गांव का विकास नहींमाना जाएगा और अगर गांव ही विकसित नहीं होगा तो प्रदेश-देश कैसे विकसित होगा?
फेयर-प्राइस डीलर एसोसिएसन के औरंगाबाद जिला अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह और जिला सचिव सुरेन्द्रकुमार सिंह ने प्रेस बयान जारी कर फेयर-प्राइस के डीलरों और उपभोक्ताओं से अपील की है कि ओडीएफ के लिए ग्रामीणों का अग्रणी सहयोग अपेक्षित है। डीलरों की सक्रियता से देश में कई सामाजिक कार्यों को सफलता हासिल हुई है। डीलरों जुड़ाव घर-घर होता है। हजारों सालों से चली आ रही खुले में शौच की प्रवृत्ति अब सामाजिक कुरीति बन चुकी है। यह अब राष्ट्रीय शर्म की बात बन गई है। इसलिए इलाका, प्रदेश और देश की प्रतिष्ठा इस बात में है कि हर गांव ओडीएफ हो जाए। इसीलिए डीलरों के लिए नारा है- जन वितरण ने ठाना है स्वच्छ भारत बनाना है और उपभोक्ताओं के लिए यह नारा है- आधी रोटी खाएंगे, शौचालय जरूर बनाएंगे।

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