बिहार में कोरोना की खतरनाक दस्तक, 31 मार्च तक लाकडाउन

संदिग्ध मरीजों की लगातार बढ़ती जा रही संख्या


( डेहरी-आन-सोन के पाली रोड में घर की छत पर स्वैच्छिक जनता कफ्र्यू का ताली-थाली बजा स्वागत करते मोहिनी समूह की निदेशक मीना शंकर और प्रबंध निदेशक उदय शंकर)

पटना/डेहरी-आन-सोन/डालमियानगर/सासाराम/दाउदनगर/कुदरा/तिलौथू (सोनमाटी टीम)। दुनिया भर में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस की तीसरे चरण की अति खतरनाक दस्तक बिहार में भी हो चुकी है। कोरोना वायरस के संक्रमण से एक मरीज की मौत के बाद बिहार सरकार ने 31 मार्च तक राज्य में लाकडाउन ( पूरी तरह बंद) की घोषणा की है। इससे पहले 13 मार्च को स्कूल-कालेजों को इस अवधि तक बंद करने का फैसला लिया था। मुंगेर के 38 वर्ष की किडनी कोरोना संक्रमण के बाद फेल हो गई थी। बिहार में यह कोरोना से पहली मौत है। तीन अन्य पुष्टि वाले मरीजों को पटना में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। नीतीश कुमार ने मृतक के परिजन को मुख्यमंत्री राहत कोष से निर्धारित सहायता राशि देने की बात कही है। उन्होंने 16 मार्च को बिहार विधानसभा में कोरोना वायरस से मृत्यु होने पर चार लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा कर दी थी।
दाउदनगर (औरंगाबाद) से विशेष संवाददाता के अनुसार, उत्तर मुगलकालीन इस शहर में जनता कफ्र्यू के दौरान सुबह से शाम तक सन्नाटा पसरा रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर एक दिन के स्वैच्छिक जनता कफ्र्यू का आम लोगों ने शहरी क्षेत्र में पूरी तरह पालन किया और शाम में शंख ध्वनि कर इसकी सफलता का घोष किया। ज्ञान ज्योति शिक्षण केन्द्र और संपूर्णानंद एजुकेशनल एंड सोशल डेवलपमेंट ट्रस्ट की ओर से कोरोना वायरस से बचाव के लिए मास्क, साबुन आदि का प्रतीकात्मक वितरण कर लोगों को जागरूक बने रहने की अपील की गई। संस्था के निदेशक चंचल कुमार ने कहा कि जिंदगी बेहद कीमती है, इसकी सुरक्षा खुद करनी है और ऐसा कर ही देश-दुनिया को बचाया जा सकता है।
सासाराम से सोनमाटी संवाददाता के मुताबिक, रविवार की सुबह से शाम सात बजे तके जिला मुख्यालय और इससे जुड़ी सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा। दवा दुकानों को छोड़कर सभी दुकानें बंद रहीं। चाय-पान के ठेले-काउंटर भी बंद रहे। यहां तक शहर की गलियां भी हलचल से वंचित रहीं। बसों-टेंपो का आवागमन ठप रहा। लोग-बाग अपने घरों में परिवार के सदस्यों के साथ दुबके रहे। शहरवासी कोरोना से जंग की एकजुटता के लिए स्वैच्छिक जनता कफ्र्यू का हिस्सा बने और शाम पांच बजे ताली-थाली-शंख बजाकर समर्थन किया।
डेहरी-आन-सोन से कार्यालय प्रतिनिधि ने जमुहार स्थित गोपालनारायणसिंह विश्वविद्यालय (जीएनएसयू) के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह के हवाले से खबर दी है कि संदिग्ध व्यक्तियों के लिए जीएनएसयू के अंतर्गत संचालित नारायण मेडिकल कालेज में संदिग्ध मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड की और जांच के लिए रक्त का नमूना पटना भेजने की व्यवस्था की गई है। डालमियानगर से वरिष्ठ संवाददाता की खबर है कि रेलवे स्टेशन और स्टेशन रोड बस अड्डा पर तीन शिफ्टों में डेहरी, अकोढ़ीगोला के कृषि और मनरेगा के छह अधिकारियों को पुलिस बल और चिकित्स दल के साथ बाहर से आने वाले लोगों पर निगाह रखने के लिए तैनात किया गया है। तैनात अधिकारियों के फोन नम्बर 9507533108, 9431419831, 947225202, 8271237206, 8294193695, 9934467907 हैं।
तिलौथू (रोहतास) से खबर है कि खांसी, बुखार से पीडि़त दो संदिग्ध मरीजों चंदनपुरा के शंभू साव (50 वर्ष) और मिर्जापुर के विजेन्द्र सिंह (54 वर्ष) को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (तिलौथू) से एनएमसीएच (पटनाा) जांच के लिए अग्रसारित किया गया। कुदरा (भभुआ) से संवाददाता के अनुसार, जनता कफ्र्यू का असर कुदरा और ग्रामीण इलाके में भी देखा गया। लोकगायिका कैमूर कोकिला राधाकृष्ण रस्तोगी ने कोरोना वायरस से मौजूदा वैश्विक संघर्ष में संयम, धीरज, परहेज बरतने की अपील की है।

डेहरी-आन-सोन के प्रेस गली (जोड़ा मंदिर) में थाली बजाते, शंख फूंकते नवयुवा, बच्चे।

जीवित हुआ 123 साल पुराना महामारी कानून :

पटना प्रतिनिधि के अनुसार, देश में इस वायरस का प्रभाव तीसरे चरण में पहुंच चुका है। बिहार की बड़ी आबादी के मद्देनजर सभी 38 जिलों में नमूना लेने की व्यवस्था तो कर ली गई है मगर अपेक्षित संख्या में चिकित्सकों और अस्पतालों का नहीं होना चिंता का विषय है। संदिग्ध मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है और पाजिटेव केस की संख्या भी। आधिकारिक तौर पर तीन कोराना पाजिटिव की पुष्टि हो चुकी है। इसलिए माना जा रहा है कि 31 मार्च के बाद अप्रैल भी राज्य के लिए काफी सतर्कता वाला होगा। कानून की किताबों और सरकारी दस्तावेज में धूल फांक रहा 123 साल पुराना महामारी अधिनियम 1897 को जीवित कर इसमें निहित शक्ति के तहत सभी निजी प्रतिष्ठानों के कार्यालयों और सार्वजनिक परिवहन को 31 मार्च तक बंद किया गया है। राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड ने फैसला लिया है कि 31 मार्च तक पटना के महावीर मंदिर सहित राज्य के साढ़े चार हजार मंदिर बंद रहेंगे, सिर्फ पुजारी सुबह-शाम मंदिर में पूजा-पाठ करते रहेंगे। पटना का प्राचीन हनुमान मंदिर पहली बार श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया है। हालांकि चिकित्सा सेवा, दूरसंचार, पोस्टआफिस, कूरियर, बैंक, एटीएम, डेयरी, राशन-किराना, फल-सब्जी, दवा दुकाने, पेट्रोल पंप, रसोई गैस एजेंसी, इलेक्ट्रिानिक-प्रिंट मीडिया, मालवाही वाहन, एम्बुलेंस परिवहन, सरकारी वाहन आदि प्रतिबंध से बाहर रखे गए हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों से संकट की घड़ी में सचेत रहने और धैर्य रखने की अपील की है। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार सरकार ने केेंद्र सरकार से पटना के लिए उड़ान स्थगित करने की अपील की है। संक्रमण रोकने के कदम को जनसमर्थन देकर कोरोना वायरस के आक्रमण से निजात पा सकते हैं। रामनवमी समारोह के अध्यक्ष नितिन नवीन ने बताया कि पटना डाकबंगला चौराहा पर हर साल निकलने वाली रामनवमी झांकी नहीं निकलेगी और स्वागत समारोह भी नहीं होगा।
(सोनमाटी टीम के उपेन्द्र कश्यप, निशांत राज, अर्जुन कुमार, सुरेंद्रकृष्ण रस्तोगी आदि की रिपोर्ट पर आधाािरत, तस्वीर : संजीव कुमार बंटी)

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