प्रवासियों की वापसी शुरू, एनएमसीएच में ठीक हुए 06 मरीज / रेड जोन में रोहतास, मुहल्ले-गलियां सील, प्रवासी श्रमिक सड़क पर

छात्र-छात्राओं को लेकर बरौनी जंक्शन पहुंची पहली स्पेशल ट्रेन

(एनएमसीएच से छुट्टी हुए स्वस्थ मरीजों पर हु पुष्पवर्षा। तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह)

पटना/डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी टीम)। प्रवासी विद्यार्थियों और श्रमिकों की घर वापसी शुरू हो गई है। राजस्थान के कोटा से करीब 1200 छात्र-छात्राओं को लेकर बिहार में पहली स्पेशल ट्रेन 04 मई को बरौनी जंक्शन (बेगूसराय जिला) पहुंची। स्टेशन पर ही स्वास्थ्यकर्मियों ने इनकी स्वास्थ्य की जांच की और उन्हें बसों से उनके घर भेजा गया, जहां वे क्वारंटाइन केेंद्रों में रखे जाएंगे। कोरोना के कहर के मद्देनजर बिहार को दो ही जोन रेड और आरेंज में रखा गया है। फिलहाल राज्य के पांच जिले राजधानी पटना, मुंगेर, रोहतास, बक्सर और गया रेड जोन में हैं, जिनमें सिर्फ आवश्यक वस्तु दुकान-प्रतिष्ठान ही खुलेंगे। जबकि आरेंज जोन वाले जिलों में सैलून, ई-कामर्स, सभी तरह के निर्माण कार्य आदि की इजाजत दी गई है। 04 मई से शुरू लाकडाउन पार्ट-3 में कड़ाई बरतने का निर्देश अपर मुख्य सचिव (गृह) आमिर सुबहानी ने सभी जिलाधिकारियों को भेजा है। बिहार में उन्हीं प्रवासियों की घर वापसी होगी जो लाकडाउन पार्ट-1 के ठीक पहले अपने पैतृक स्थान या कार्य-स्थान से बाहर गए थे और वापस नहींलौट सके थे। वैसे लोगों को लौटने की मंजूरी नहींदी गई है, जो रोजगार, कामकाज, पढ़ाई के लिए बहुत पहले से बिहार से बाहर रह रहे हैं। हालांकि केेंद्र सरकार की इस नई गाइडलाइन से बिहार के 28 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों-विद्यार्थियों की बिहार वापसी प्रभावित होगी या तुरंत संभव नहींहोगी। देश के सभी 733 जिले रेड, आरेंज और ग्रीन जोन में बांटे गए हैं। देश में अभी तक 42533 लोग कोरोना विषाणु से पैदा हुई महामारी कोविड-19 के शिकार हुए हैं, जिनमें 11707 मरीज ठीक भी हो चुके हैं। जानलेवा कोराना ने देश में 1373 लोगों की जान ले ली है, जिनमें बिहार के भी चार मरीज थे। राज्य के 38 में 31 जिलों में कोरोना का प्रसार हो चुका है। कोरोना संक्रमित 516 मरीजों में 123 ठीक हुए हैं। स्वास्थ्य राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है, मगर कम संसाधन वाला यह प्रदेश स्वास्थ्य सेवा में पीछे है। राज्य सरकार की ओर से यह बताया गया है कि 20 हजार से अधिक संदिग्धों के रक्त नमूने जांचे गए हैं। पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर स्क्रीनिंग में 74.59 लाख घरों का सर्वेक्षण हो चुका है। इस सर्वेक्षण के दौरान बुखार-खांसी, सांस लेने में तकलीफ की शिकायत वाले तीन हजार से अधिक लोगों के खून के नमूने जांच के लिए भेजे गए।
स्वस्थ होकर घर गए मरीजों पर पुष्पावर्षा :
उधर, जमुहार विश्वविद्यालय परिसर (एनएमसीएच) से देर शाम में प्राप्त संवाद के अनुसार, कोरोना संक्रमित 06 मरीज स्वस्थ होकर अपने घर लौट गए। इन मरीजों के रक्त नमूने उपचार के बाद निगेटिव आने के बावजूद दुबारा जांच के लिए पटना भेजे गए थे, ताकि किसी प्रकार की शंका बची न रहे। ये मरीज रोहतास जिला के अगरेर, दरिगांव, सासाराम, करगहर, शिवसागर और भभुआ जिले के रहे हैं। एनएमसीएच के संस्थापक अध्यक्ष गोपालनारायण सिंह (राज्यसभा सांसद), सचिव गोविन्दनारायण सिंह और प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने कहा कि एनएमसीएच की चिकित्सकीय टीम कोरोना महामारी से लडऩे के लिए पूरी तरह कृतसंकल्प है और उत्तम चिकित्सा-सेवा के साथ रात-दिन संलग्न है। अस्पताल (एनएमसीएच) से छुट्टी देते समय इन स्वस्थ हुए मरीजों पर अस्पताल स्टाफ की ओर से पुष्पवर्षा की गई। इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा, एनएमसीएच के प्राचार्य डा. एसएन सिन्हा, चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रभात कुमार, महाप्रबंधक (संचालन) उपेन्द्र कुमार सिंह, प्रभारी नर्सिंग अधीक्षक शशांक कुमार, जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्रनारायण सिंह आदि भी उपस्थित थे।
रखा गया दो मिनट का मौन : सोनमाटी के ई-मेल पर प्राप्त सूचना के मुताबिक, हंदवाड़ा में हुए आंतकी हमले में सेना के 5 अफसरों-जवानों की शहादत पर नेशनल एंटी करप्शन एंड आपरेशन कमेटी आफ इंडिया की रोहतास जिला इकाई के पदाधिकारियों ने लाकडाउन के कारण अपने-अपने घरों में दो मिनट का मौन रखा। संस्था के जिला अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव और राष्ट्रीय मुख्य सचिव मनीष शरण ने कहा है कि देश भारतीय सेना की शहादत याद रखेगा।
ललित श्रीवास्तव की पत्नी का निधन : डेहरी-आन-सोन के न्यूएरिया मुहल्ला के वार्ड-25 में आटाचक्की गली स्थित विश्व हिन्दू परिषद और भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता दामोदर प्रसाद श्रीवास्तव के बड़े भाई ललित श्रीवास्तव की पत्नी का निधन रात में हो गया। चित्रगुप्त समाज कल्याण ट्रस्ट के ट्रस्टी सदस्य कृष्णवल्लभ सहाय विनय की सूचना के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार सोन नद के तट पर लाकडाउन के कारण अत्यंत सीमित संख्या में उपस्थित परिवारजनों-मित्रों-पड़ोसियों के साथ किया गया। उनके निधन की जानकारी पाकर ट्रस्ट से जुड़े पदाधिकारियों-सदस्यों ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की।

(रिपोर्ट, तस्वीर : निशांत राज/भूपेंद्रनारायण सिंह)

नागरिकों से घरों में ही रहने की अपील, सड़क पर निकले प्रवासी श्रमिक

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। कोरोना वायरस के मद्देनजर रेड जोन में शामिल जिला होने पर रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम सहित अन्य नगर निकायों के कई मुहल्लों और कई प्रमुख गलियों को बांस-बल्ली से बैरिकेटिंग कर दंडाधिकारियों के साथ पुलिस का पहरा बैठा दिया गया है। सासाराम शहर में आवश्यक वस्तु या खाद्य सामग्री बाजार को छोड़ सभी जगह सन्नाटा पसरा हुआ है। लाकडाउन (पार्ट-2) की अवधि में कोरोना मरीजों की संख्या में अधिक बढ़ोत्तरी के कारण जिला प्रशासन ने चिह्निïत मुहल्लों-गलियों को सील करने की कार्रवाई की। कोरोना संक्रमण की प्रथम महिला मरीज के बारादरी मुहल्ले को सैनिटाइज कर एक किलोमीटर के दायरे में आवाजाही निषेध कर दी गई है। इस महिला की कोरोना चेन के लोगों की खोज-बीन स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा जारी है। प्रशासन-पुलिस को लाकडाउन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है और लोगों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया है। शहर के नागरिक होने के नाते लायंस क्लब के पूर्व जिलापाल शिक्षाविद डा. एसपी वर्मा, लायंस क्लब के जिलाध्यक्ष रोहित वर्मा, बाल विद्या मंदिर परिवार के अध्यक्ष नवीन सिन्हा, वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता कृष्ण चंद्र, वरिष्ठ सर्जन डा. कमलेश कुमार सिंह, महिला रोग चिकित्सक डा. गीता वर्मा ने वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए शहर के नागरिकों से अपने-अपने घरों में बने रहने की अपील की है।
रोजगार नहीं, पेट खाली, घर जाने को निकले सड़क पर : लाकडाउन पार्ट-3 शुरू होने के दिन सासाराम में कलक्ट्रेट गेट के सामने जीटी रोड पर कोई चार दर्जन प्रवासी श्रमिक खड़े थे। सबके हाथों में सदर अस्पताल की पर्ची थी और वे किसी साहब के इंतजार में थे। तैनास पुलिस वाले उन्होंने अंदर नहींजाने दे रहे थे। जब 40 दिनों से काम नहीं मिलने के कारण इन बेरोजगारों की पेट पर आफत आ गई, तब इन्हें घर जाने के लिए सड़क पर निकलना पड़ा। सोना-चांदी के गहनों की कारीगरी, दुकानों पर दैनिक मजदूरी या अन्य काम कर अपनी जीविका चलाने वाले बिहार के उत्तरी सीमान्त जिलों कटिहार, पूर्णिया और नौगछिया के साथ कोलकाता के प्रवासी श्रमिकों पप्पू सिंह, मदन कुमार, रखाल विश्वास, मुतहिर हुसैन, संजर आलम, साहेब आलम, अब्दूस सलाम, मुरसलिम अहमद, नादिर आलम, आफताब आलम, सादिर आलम, नाजीस आलम, समीर सरदार, सोमेन चक्रवर्ती आदि के साथ रहकर अपनी पढ़ाई करने वाले इनके कई नाबालिग रिश्तेदार विद्यार्थी भी थे। सबने सदर अस्पताल से अपना-अपना स्वास्थ्य परीक्षण करा रखा था। उनका कहना था कि अब राशन नहींबचा, किराया के लिए भी पैसे भी नहींहैं, कोई मदद कोई नहीं कर रहा। इनके उदास चेहरों पर बस घर लौट जाने की एक उम्मीद बची थी।

(रिपोर्ट, तस्वीर : अर्जुन कुमार)

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