अब चुनौतियां दोनों तरफ

-कृष्ण किसलय-
चाहे लगातार जीत की सीढ़ी चढ़ रही भाजपा हो या फिर सत्ता के शीर्ष से लगातार ढलान की ओर जा रही कांग्रेस हो, दोनों को आने वाले वर्षों में चुनौतियों का सामना करना है। राहुल गांधी के सामने जनता का विश्वास को फिर से हासिल करने की चुनौती है तो नरेन्द्र मोदी के सामने जनता के भरोसे को बरकरार रखने की।

जनता को पसंद नहीं जातिवाद, संप्रदायवाद, तुष्टिकरण, वंशवाद की राजनीति

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भाजपा की जीत का साफ संदेश यही है कि देश की जनता को जातिवाद, संप्रदायवाद, तुष्टिकरण, वंशवाद की राजनीति पसंद नहींहै, भले ही राजनीतिक दल इन्हींधुरियों पर अपनी सियासी रोटियां सेंकते और समाज को बांटकर अपने लिए वोट बैंक का आधार तैयार करते रहे हों। बेशक, गुजरात में भाजपा लगातार छठवींबार सरकार बना रही है, मगर इस बार गुजरात का चुनाव कठिन था। उसे अपेक्षा के अनुरूप काफी कम सीटें मिलीं। कांग्रेस ने गुजरात को जातीय आग में झोंककर अपने लिए सीटों की संख्या में इजाफा किया। फिर भी नरेंद्र मोदी ने अपनी शैली से इसे सुनिश्चत जीत में तब्दील किया।
हिमाचल प्रदेश में 2012 में भाजपा को 38.47 फीसदी मत मिले थे। इस बार करीब 10 फीसदी अधिक 48.5 प्रतिशत वोट मिले हैं। अब त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम और कर्नाटक में चुनाव होने हैं। जाहिर है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश की जीत के बाद इन राज्यों और फिर 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का हौसला बुलंद है।

कांग्रेस को बनानी होगी लोगों के दुख-सुख को लेकर सड़क पर संघर्ष करने वाली पार्टी की पहचान
राहुल गांधी के सामने कांग्रेस का नेतृत्व मिलने के बाद अब सत्ता-विस्तार की चुनौती के साथ साख कायम करने की बड़ी चुनौती है। राहुल गांधी के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उन्हें कांग्रेस को आम लोगों के दुख-सुख को लेकर सड़क पर संघर्ष करने वाली पार्टी की पहचान बनानी होगी, जिस पहचान को कांग्रेस बहुत पहले खो चुकी है। यह तो तय है कि कांग्रेस को फिर से राष्ट्रीय राजनीति क्षितिज पर मजूबती के साथ प्रासंगिक बनना है तो उसे घोटालेबाजों से साफ तौर पर दूरी बनानी होगी और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति को तिलांजलि देनी होगी। अल्पसंख्यकों से कांग्रेस की वोट बैंक को लेकर निकटता के कारण आम लोग कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता को शंका की नजर से देखते रहे हैं।
अब कांगेस को जनता का विश्वास हर हाल में जीतना होगा। उसे गरीब हितैषी और प्रगतिशील छवि बनाने की कोशिश पूरे दम लगाकर करनी होगी। अपने बनाए हुए कानूनों शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, भोजन का अधिकार आदि को अमल में लाने के लिए आम लोगों का नेतृत्व सड़क पर उतर कर पूरी ताकत के साथ करना होगा, जिसका अभी तक कोई उदाहरण पिछले तीन सालों में जनता के सामने नहीं है।

भाजपा हो या कांग्रेस, दोनों को आने वाले वर्षों में करना है चुनौतियों का सामना
कांग्रेस के सामने जैसी चुनौतियां हैं, वैसी पहले कभी नहीं रहीं। राहुल गांधी को तो किसी तरह की सहानुभूति नहीं मिलने वाली है, बल्कि पिता, दादी और परनाना जवाहरलाल नेहरू तक की राजनीतिक गलतियों का ठीकरा उनके ही सिर पर फोड़ा जाना है। कांग्रेस (राहुल गांधी) का मुकाबला नई राजनीतिक शैली का प्रयोग करने वाले नरेंद्र मोदी से है, जिसके मुकाबले में कांग्रेस की पुरानी शैली काम नहीं आएगी।
बहरहाल, चाहे लगातार जीत की सीढ़ी चढ़ रही भाजपा हो या फिर सत्ता के शीर्ष से लगातार ढलान की ओर जा रही कांग्रेस हो, दोनों को आने वाले वर्षों में चुनौतियों का सामना करना है। राहुल गांधी के सामने जनता का विश्वास को फिर से हासिल करने की चुनौती है तो नरेन्द्र मोदी के सामने जनता के भरोसे को बरकरार रखने की।

  • कृष्ण किसलय, समूह संपादक, सोनमाटी मीडिया समूह

  • Related Posts

    शराब का विरोध किया तो फौजी को चाकू मार किया जख्मी

    डेहरी-आन-सोन  (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। शराब के नशे में चूर बदमाशों ने सोमवार की रात एक आर्मी जवान को चाकू से गोद-गोद कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। जिसे गंभीर…

    सर्वर फेल रहने से नहीं जमा कर पा रहे हैं ऑनलाइन बिल का भुगतान

    सासाराम (रोहतास) कार्यालय प्रतिनिधि। शहरवासियों को बिजली बिल जमा करने में पसीने छूट रहे हैं। बिजली बिल का भुगतान ऑनलाइन नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी हुई है यह…

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

    You Missed

    शराब का विरोध किया तो फौजी को चाकू मार किया जख्मी

    शराब का विरोध किया तो फौजी को चाकू मार किया जख्मी

    सर्वर फेल रहने से नहीं जमा कर पा रहे हैं ऑनलाइन बिल का भुगतान

    सर्वर फेल रहने से नहीं जमा कर पा रहे हैं ऑनलाइन बिल का भुगतान

    धान प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया

    धान प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया

    महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास जरूरी

    महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए कौशल विकास जरूरी

    जीएनएसयू में शुरू हुआ नारायण केयर संकाय

    जीएनएसयू में शुरू हुआ नारायण केयर संकाय

    मिठाई दुकानों पर की गई छापेमारी, मचा हड़कंप, लिए गए नमूने

    मिठाई दुकानों पर की गई छापेमारी, मचा हड़कंप, लिए गए नमूने