बिहार में सिर्फ नौ मेडिकल कालेज

12 करोड़ की आबादी वाले राज्य में चिकित्सक बनाने वाले संस्थान की बड़ी कमी – गोपालनारायण सिंह


जमुहार, डेहरी-आन-सोन (बिहार)-सोनमाटी समाचार। बिहार में सिर्फ नौ मेडिकल कालेज हैं और इनमें से कई की स्थिति बहुत बेहतर नहींहै। जाहिर है कि 12 करोड़ की आबादी वाले इस राज्य में चिकित्सक बनाने वाले संस्थान की बड़ी कमी है और यहां चिकित्सकों की न्यूनतम संख्या पर अधिकतम आबादी का बोझ है। जबकि कम आबादी घनत्व वाले राज्यों महाराष्ट्र में 59, कर्नाटक में 52, आंध्र प्रदेश में 45 और चेन्नई में भी 45 मेडिकल कालेज हैं। यह जानकारी देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सांसद गोपालनारायण सिंह ने संस्थान के वार्षिक समारोह (सृजन-2017) के समापन के अवसर पर संबोधित करते हुए दी।

गोपालनारायण सिंह ने बताया कि देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट की योजना है कि चिकित्सक, फार्मासिस्ट, नर्स आदि मिलाकर साल भर में 1200 छात्र-छात्राएं नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल से डिग्री व बेहतर शिक्षा-प्रशिक्षण प्राप्त कर बाहर आएं और बिहार व अन्य राज्यों की भी चिकित्सकीय सेवाओं में अपना योगदान दे सकेें। नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल को राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुरूप कैसे ढाला जाए, इस दिशा में ट्रस्ट के सचिव गोविंद नारायण सिंह और कालेज व हास्पिटल के प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह दिन-रात श्रम करने में जुटे हुए हैं। हमारे श्रम का ही नतीजा है कि यह संस्थान आज विश्वविद्यालय बनने की कगार पर है। यह जानकारी देवमंगल मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं सांसद गोपालनारायण सिंह ने संस्थान के वार्षिक समारोह (सृजन-2017) के समापन के अवसर पर संबोधित करते हुए दी।

अब पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) की शुरू होगी पढ़ाई
नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल के तकनीकी निदेशक सह सलाहकार डा. एलएम वर्मा ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए बताया कि इस चिकित्सा शिक्षण संस्थान में अब पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) की पढ़ाई शुरू होगी। पीजी की पढ़ाई के लिए सात विषयों में अनुमति मिल चुकी है। कुल 11 विषयों में अनुमति मिल जाने की पूरी संभावना है। बिहार में 13 मेडिकल कालेजों के लिए अनुमति प्राप्त हुई थी, मगर मानकों के अनुरूप सतह पर नहींआ पाने के कारण 12 मेडिकल कालेजों को एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) प्राप्त नहींहो सका। निर्धारित मानक पर खरा उतरते हुए नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल ही जमीन पर उतर सका।

संस्थान के प्राचार्य डा. विनोद कुमार ने बताया कि नारायण मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल बिहार में निजी क्षेत्र का सबसे बड़ा चिकित्सा शिक्षण संस्थान बनने जा रहा है। यहां योग्य चिकित्सा शिक्षक कार्यरत हैं और विशेषज्ञ चिकित्सकों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
वार्षिक समारोह सृजन के तहत संस्थान के छात्र-छात्राओं की ओर से गायन, वादन, नृत्य व नाट्य के विभिन्न आकर्षक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह के समापन पर संस्थान के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह ने आगतों का धन्यवाद ज्ञापन किया।

(वेब रिपोर्टिंग : वरिष्ठ संवाददाता वारिस अली, तस्वीर : प्रबंध संपादक निशांत राज)

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