वाराणसी में भोजपुरी सम्मेलन/ महंगाई पर चिंता/ ग्रामीण चिकित्सकों पर चर्चा/ हरिनारायण राम का निधन

दो दिवसीय सम्मेलन में समग्र भोजपुरी परिदृश्य पर चर्चा

वाराणसी (उत्तर प्रदेश)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क। विश्व भोजपुरी सम्मेलन के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय भोजपुरी सम्मेलन वाराणसी के बड़ा लालपुरा में जीवनदीप परिसर में 21-22 फरवरी को हुआ। सम्मेलन के कार्यक्रमों का संचालन विश्व भोजपुरी सम्मेलन के मुख्य संयोजक डा. अजय ओझा और राष्ट्रीय महासचिव डा. अशोक कुमार सिंह ने किया। इस सम्मेलन को फिजी के राजदूत नीलेश रोहित कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में और धनबाद के विधायक राज सिन्हा, बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, इंडो-अमेरिकन चैंबर्स आफ कामर्स के अध्यक्ष शूलपाणि सिंह, अखिल भारतीय भोजपुरी साहित्य सम्मेलन के महामंत्री डा. गुरुचरण सिंह आदि ने विशेष अतिथि के रूप में संबोधित किया। इस अवसर पर विश्व भोजपुरी सम्मेल की स्मारिका भोजपुरिया बयार और सोनभद्र जिला (उत्तर प्रदेश) के साहित्यकार-पत्रकार सनोज तिवारी की पुस्तक गुप्तकाशी का विमोचन किया गया। ‘मातृभाषा का महत्वÓ विषय पर संगोष्ठी और सांस्कृतिक कार्यक्रम लोकसंध्या में धोबिया नाच, कहरवा नाच, आल्हा गायन, लोकवाद्य वादन, कठपुतली नाच, भोजपुरी गीत-संगीत आदि आयोजन किए गए।

कमरतोड़ महंगाई पर बुद्धिजीवियों ने की चर्चा

सासाराम (रोहतास)-सोनमाटी संवाददाता। शहर के बुद्धिजीवियों के संवाद कार्यक्रम में पेट्रोलियम उत्पाद, खाद्यान्न की कमरतोड़ महंगाई पर चिंता जाहिर करते हुए चर्चा की गई। चर्चा में महंगाई पर अंकुश लगाने और आम आदमी को राहत पहुंचाने के लिए राज्य और केेंद्र की सरकारों से त्वरित संज्ञान लेने की अपेक्षा की गई। संडे की शाम हम मित्रों के नाम के अंतर्गत यह कार्यक्रम एक निजी होटल परिसर में इं. नवीन सिन्हा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इं. नीरज कुमार, पत्रकार-शिक्षक अर्जुन कुमार, कारोबारी सुनील साहू, सेवानिवृत बैंक अधिकारी जीएन लाल, नरेन्द्रदत्त मिश्रा, गोरखनाथ सिंह, संजय गुप्ता, राजेश कुमार सिंह उर्फ बिहारीजी, संजय सिंह, प्रेम प्रकाश ने अपनी-अपनी बातें रखीं। इस मौके पर अर्जुन कुमार ने हास्य कविता पाठ भी प्रस्तुत किया।

जमुहार में ग्रामीण चिकित्सकों का प्रशिक्षण कार्यक्रम

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष संवाददाता। जदयू चिकित्सा सेवा प्रकोष्ठ की ग्रामीण चिकित्सा सेवा समन्वय समिति के तत्वावधान में नारायण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल (जमुहार) के सभागार में चिकित्सकों की सरकारी सेवा में समायोजन विषय पर चर्चा की गई। इस दौरान नारायण चिकित्सा महाविद्यालय के हृदय रोग विभाग द्वारा हृदय आघात और अन्य बीमारियों में प्राथमिक उपचार से संबंधित प्रशिक्षण का भी आयोजन किया गया। प्रशिक्षण में शामिल होने वालों को संस्थान द्वारा प्रशिक्षण का प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। कार्यक्रम में नारायण चिकित्सा महाविद्यालय के सचिव गोविंद नारायण सिंह, हृदय रोग विशेषज्ञ डा. धनंजय कुमार, अस्पताल के महा प्रबंधक संचालन उपेंद्र कुमार सिंह आदि उपस्थित थे। रोहतास जिला ग्रामीण चिकित्सा सेवा समन्वय समिति के अध्यक्ष तेजमुल अंसारी ने बताया कि सरकार ग्रामीण चिकित्सकों के प्रति संवेदनशील है और उन्हें कोरोना योद्धा के रूप में फ्रंटलाइन वर्कर की श्रेणी में रखा गया है।

कैैंसर पीडि़त हरिनारायण राम का निधन

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। डिहरी अनुमंडल के अनुमंडलाधिकारी रहे हरिनारायण राम के आकस्मिक निधन पर डेहरी-आन-सोन और अनुमंडल क्षेत्र से जुड़ी विभिन्न संस्थानों ने संवेदना व्यक्त की। डालमियानगर रोहतास उद्योगसमूह परिसर में प्रभारी प्रबंधक एआर वर्मा की अध्यक्षता में रोहतास उद्योगसमूह (समापन में) के कर्मचारियों ने अपनी सामूहिक संवेदना व्यक्त की। सोन कला केेंद्र ने भी दयानिधि श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बैठक कर दिवंगत के प्रति सामूहिक श्रद्धांजलि दी। एआर वर्मा ने हरिनारायण वर्मा के निधन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वह नेकदिल प्रशासक और अग्रणी सहयोग भाव वाले पड़ोसी थे। अनुमंडलाधिकारी के रूप में करीब साढ़े तीन साल का कार्यकाल दो दशक गुजर जाने के बाद भी स्मृति में बनी हुई है। सनबीम पब्लिक स्कूल के प्रबंध निदेशक राजीवरजन सिन्हा, मोहिनी समूह के प्रबंध निदेशक उदय शंकर आदि ने भी उनके निधन की खबर पर दुख प्रकट किया और कहा कि वह बेहतर प्रशासनिक अधिकारी होने के एक उदाहरण थे। हरिनारायण राम बिहार राज्य के बंटवारा होने और झारखंड राज्य बनने से ठीक पहले यहां अनुमंडलाधिकारी के रूप में कार्यरत थे। सांस्कृतिक गतिविधियों में उनका गहरा लगाव था और वह 26 जनवरी, 15 अगस्त जैसे सरकारी कार्यक्रमों की औपचारिकता के बीच भी स्थानीय स्कूलों, संगठनों को जोड़कर कार्यक्रम संपन्न करने की अग्रणी पहल करते थे। झारखंड राज्य में विशेष सचिव के पद से सेवानिवृत होने के बाद हरिनारायण राम एक गैर-सरकारी संगठन के जरिये समाज के कमजोर वर्ग की सहायता करने में सक्रिय रहे थे। उनकी मृत्यु कैैंसर से पीडि़त होने के कारण हुई।

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