डेहरी-आन-सोन-विशेष संवाददाता। गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय जमुहार के अंतर्गत संचालित नारायण स्कूल ऑफ लॉ के तत्वावधान में आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर मंडल कारा सासाराम के कैदियों के बीच मानवाधिकारों की रक्षा के लिए जेल में प्रदत उचित उपायों को जानने के लिए शिक्षकों के नेतृत्व में विधिशास्त्र के छात्र-छात्राओं ने भ्रमण किया। भ्रमण के दौरान विधि छात्रों ने कैदियों से उनकी दिनचर्या एवं उन्हें दी जा रही सहूलियतों की जानकारी प्राप्त किया।
उपरोक्त जानकारी देते हुए संस्थान के डीन डा. राकेश वर्मा ने बताया कि भले ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने 10 दिसंबर 1948 को मानवाधिकार दिवस घोषित किया परंतु भारत का इतिहास एवं स्वभाव वसुधैव कुटुंबकम की रही है जो प्राचीन काल से मानव सभ्यता में रची बसी है। फिर भी सामाजिक कुरीतियों के कारण जो समस्याएं सामने आई उसे प्रबुद्घ समाज, न्यायपालिका एवं सरकारों ने उन कुरीतियों को कानून के माध्यम से समाप्त करने का प्रयास किया है तथा आगे भी हम सबको इसके लिए निरंतर प्रयास करते रहनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि मानव को समानता का अधिकार दिलाने हेतु मानवाधिकार दिवस की शुरुआत की गई थी। इस वर्ष का मानवाधिकार दिवस का थीम सभी के लिए गरिमा स्वतंत्रता और न्याय है। विद्यार्थियों के साथ यहां के शिक्षक सिमल कुमार सिंह, डा. नर्मदा सिंह, श्रीमती अंजलि सिंह और अखिलेश उपाध्याय ने भी सासाराम मंडल कारा का भ्रमण किया। इसके पूर्व गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डा. कुमार आलोक प्रताप, काशी विद्यापीठ विश्वविद्यालय वाराणसी लॉ के प्रोफेसर डा. सत्येंद्र कुमार सिंह, विभाग की शिक्षिका डा. संगीता कुमारी की उपस्थिति में संकाय प्रमुख डा. वर्मा ने विद्यार्थियों की टीम को रवाना किया।
(रिपोर्ट, तस्वीर: भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)