– बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मननकुमार मिश्र ने कहा, बार काउंसिल पहल कर सरकार से लागू करा सकती है वकीलों के लिए पेंशन योजना
– अनुमंडल न्यायालय में सब-जज और एडीजे कोर्ट का आश्वासन, अनुमंडल विधिज्ञ संघ को फर्नीचर के लिए दिया एक लाख रुपये का चेक
डेहरी-आन-सोन, रोहतास (बिहार)-सोनमाटी समाचार। बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मननकुमार मिश्र ने डेहरी विधिज्ञ संघ के सदस्य अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें बार काउंसिल आफबिहार की नई कार्यकारिणी के लिए बेहतर प्रतिनिधि चुनने का आह्वान किया, ताकि वे सक्रिय व तार्किक पहल कर अधिवक्ताओं के कल्याण की योजनाएं लागू कराने में सक्षम हों।श्री मिश्र ने कहा कि बार काउंसिल आफ बिहार के मौजूदा 25 में 11 प्रतिनिधि ऐसे हैं, जिनका मुख्य पेशा वकालत नहींहोकर कुछ और है। इस कारण वे अधिवक्ताओं के कल्याण जैसे मेहनताना नहीं मिलने वाले समाजसेवा के कार्य में अपना समय नहींदे पाते हैं। योग्य प्रतिनिधि ही कल्याण की विभिन्न योजनाओं पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, दुर्घटना बीमा आदि के लिए सघन पहल कर सरकार से अंशदान दिला सकते हैं।
64 हजार अधिवक्ता बार काउंसिल से पंजीकृत
उन्होंने बताया कि राज्य में 64 हजार अधिवक्ता बार काउंसिल आफ बिहार से पंजीकृत हैं, जो बार काउंसिल के होने जा रहे चुनाव में मतदान करने के पात्र हैं। चुनाव अधिकारी पूर्व मुख्य न्यायाधीश नारायण राय (पटना उच्च न्यायालय) के चुनाव निर्देशन में हो रहे बार काउंसिल आफ बिहार के लिए चुनाव में हर मतदाता अधिवक्ता को न्यूनतम 5 और अधिकतम 25 उम्मीदवारों के लिए मतदान करना है।
फर्नीचर के लिए दिया एक लाख रुपये का चेक
श्री मिश्र ने डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ के पदाधिकारियों व सदस्य अधिवक्ताओं को आश्वस्त किया कि वे बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन की हैसियत से बिहार के मुख्य न्यायाधीश से वार्ता करेंगे, ताकि अनुमंडल न्यायालय परिसर में सब-जज और अपर जिला न्यायाधीश (एडीजे) के सर्किट कोर्ट जल्द शुरू हो सके। इसके लिए अनुमंडल विधिज्ञ संघ की ओर से बिहार के मुख्य न्यायाधीश को आवेदन दिया जाना और उसकी प्रतिलिपि बार काउंसिल आफ इंडिया को दिया जाना चाहिए। उन्होंने डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ को फर्नीचर के लिए एक लाख रुपये का चेक बार काउंसिल आफ इंडिया की ओर से प्रदान किया।
अंगवस्त्र, गुलदस्ते व माला से स्वागत
आरंभ में डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष उमाशंकर पांडेय उर्फ मुटुर पांडेय ने बार काउंसिल आफ इंडिया के चेयरमैन मननकुमार मिश्र का स्वागत करते हुए संघ की ओर से अंगवस्त्र भेंट किया और अंत में सचिव मिथिलेशकुमार सिन्हा ने श्री मिश्र को संघ को समय-समय पर दिए जाने वाली मदद के लिए आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन किया। इस मौके पर संघ के पदाधिकारियों कोषाध्यक्ष कमल सिन्हा, अंकेक्षक संतोष सिंह, बैरिस्टर सिंह, मीना कुमारी, सुरेन्द्र राय, मुनमुन पांडेय, धर्मेन्द्र पांडेय आदि व अन्य वरिष्ठ अधिवक्तओं ने अपनी-अपनी बातें रखीं और मननकुमार मिश्र को गुलदस्ते व माला से स्वागत किया।
15 हजार से अधिक दीवानी मुकदमे
डेहरी अनुमंडल में 15 हजार से अधिक दीवानी मुकदमे हैं, जिनमें से तीन हजार को ही सुनने की वैधानिक क्षमता डेहरी अनुमंडल कोर्ट को है। अपर जिला जज या सब-जज के नहींहोने के कारण अनुमंडल कोर्ट (अनुमंडल मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) को डेढ़ लाख रुपये तक के संपत्ति मूल्यांकन वाले मुकदमों को ही सुनने का अधिकार है। इसलिए जरूरी है कि डेहरी अनुमंडल न्यायालय परिसर में एडीजे या सब-जज के सर्किट कोर्ट की व्यवस्था जल्द शुरू हो ताकि दीवानी मामलों का यथासमय निस्तारण हो सके।
यह जानकारी देते हुए डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष उमाशंकर पांडेय (उर्फ मुटुर पांडेय) और सचिव मिथिलेशकुमार सिन्हा ने बताया कि अधिवक्ताओं के लिए स्वास्थय व जीवन बीमा योजना, पेंशन योजना और विभिन्न समस्यों को संघ की ओर से बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) के अध्यक्ष के सामने रखा गया। बिहार में पेंशन योजना के लिए विधिज्ञ संघ के अंशदान की समस्या नहीं है, मगर राज्य सरकार की ओर से इस मद में दिया जाने वाला अंशदान आवंटित नहीं हो सका है।
नियमित उपस्थित होने पर ही रहेंगे बार के सदस्य
उमाशंकर पांडेय ने बताया कि बार काउंसिल आफ इंडिया के सतर्क विरोध के कारण ही अधिवक्ताओं द्वारा जजों पर आरोप लगाने के मामले में सजा देने के प्रावधान को केेंद्र सरकार द्वारा हटाना पड़ा, जो प्रस्तावित विधेयक के रूप में केेंद्रीय विधि आयोग के समक्ष विचार के लिए भेजा गया था। उन्होंने बताया कि डेहरी अनुमंडल विधिज्ञ संघ के पंजीकृत 493 सदस्य अधिवक्ताओं में 203 ही (नौ महिला सदस्य सहित) अधिकृत सदस्य हैं, क्योंकि बार काउंसिल आफ इंडिया का स्पष्ट निर्देश है कि सदस्य अधिवक्ता के लिए बार में नियमित उपस्थिति अनिवार्य है।
बनेगा व्यवहार न्यायालय, हो चुका भूमिपूजन
मुटुर पांडेय ने बताया कि अनुमंडल न्यायालय परिसर में व्यवहार न्यायालय और आवासीय परिसर के लिए आवंटित देहरी घाट नहर के किनारे स्थित सिंचाई विभाग की इस जमीन पर भूमिपूजन हो चुका है।
(तस्वीर : सुरेन्द्र तिवारी)
कृषि वैज्ञानिक सेवानिवृत्त, अब होंगे पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय
डेहरी-आन-सोन (सोनमाटी समाचार)। कृषि वैज्ञानिक अवधेशकुमार सिंह छपरा रेंज के बीज निरीक्षक पद से सेवानिवृत्त हो गए। कृषि विभाग के सारण स्थित छपरा रेंज मुख्यालय में इन्हें कृषि विभाग के अधिकारियों-कर्मियों ने औपचारिक विदाई दी। इन्होंने सरकारी सेवा की शुरुआत 1985 में रक्सौल (पूर्वी चंपारण) में ग्रामीण परामर्शी के पद से की थी। श्री सिंह अब अपने मकराईं (डेहरी-आन-सोन) आवासीय कार्यालय से सामाजिक कार्य, लेखन-पत्रकारिता के क्षेत्र में व सोनघाटी पुरातत्व परिषद के लिए भी सक्रिय होंगे।
sonemattee.com बहुत अच्छा है मैंने रुद्र कॉलेज के बीजेएमसी विभाग में as a HOD join कर लिया है