

डेहरी-आन-सोन (रोहतास) विशेष संवाददाता। विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के अवसर पर नारायण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, जमुहार के नेत्र रोग विभाग के तत्वावधान में एनएमसीएच के बहिरंग विभाग में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विभाग के चिकित्सकों ने काला मोतियाबिंद से बचाव को लेकर लोगों के बीच अपने संदेश का प्रसार किया विभाग के चिकित्सकों ने उपरोक्त संबंध में जानकारी देते हुए लोगों को बताया कि 40 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक महिला एवं पुरुष को नेत्र रोग विशेषज्ञों के संपर्क में रहना चाहिए एवं अपने आंखों की नियमित जांच कराते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि काला मोतियाबिंद एक साइलेंट दृष्टि मारक बीमारी है जिसे समय रहते उपचार करने पर ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक स्तर पर उपचार शुरू हो जाने से अंधापन को रोका जा सकता है लेकिन अगर बीमारी बढ़ जाती है तो फिर इसे ठीक करना मुश्किल हो जाता है और खोई हुए रोशनी को वापस नहीं लाया जा सकता। काला मोतियाबिंद दृष्टि को चुपके से आक्रमण कर प्रभावित करता है जो मरीज को पता नहीं चल पाता है। इसीलिए हमेशा नेत्र रोग विशेषज्ञों से नेत्रों की जांच कराते रहनी चाहिए ताकि शुरुआती दौर में ही इसका उपचार शुरू हो जाए। उल्लेखनीय है कि 9 से 15 मार्च तक विश्व ग्लूकोमा सप्ताह के रूप में मनाया जाता है ।इस अवसर पर नेत्र रोग विभाग के डॉ. आशीष कुमार शर्मा, डॉ. अमरेश कुमार, डॉ. निधि, डॉ. पवन प्रताप सिंह, डॉ. मनीष कुमार, डॉ. सुरभि, डॉ. मैत्री विभाग के सभी इंटर्न्स छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
(रिपोर्ट, तस्वीर : भूपेंद्रनारायण सिंह, पीआरओ, जीएनएसयू)