कर्मचारी या आश्रित जरूरी कागजात जमा कर लाभांश प्राप्त करें : एआर वर्मा
डालमियानगर (रोहतास)- सोनमाटी समाचार। हाई कोर्ट ने स्थानीय मृत रोहतास उद्योगसमूह के दो हजार से अधिक कर्मचारियों के बकाए (लाभांश) के भुगतान के लिए अंतिम तिथि (डेड लाइन) 31 दिसम्बर तय की है। देश की आजादी के समय तीन शीर्ष औद्योगिक घरानों (टाटा, बिड़ला व डालमिया) में शुमार एक घराने के डालमियानगर स्थित 500 एकड़ में विस्तृत एशिया प्रसिद्ध कारखाने रोहतास इंडस्ट्रीज में तीन दशक पहले 1984 में तालाबंदी कर दी गई थी और अंतत: एक दशक बाद इसके कारखाने को मृत (समापन में) घोषित कर दिया गया था, जिस कारण इस उद्योग समूह में सीधे तौर पर नियोजित 12 हजार से अधिक कर्मचारी बेरोजगार हो गए थे। कारखानों को फिर से नहींचला पाने के कारण न्यायालय के आदेश पर इसके कारखानों को कबाड़ के भाव में बेच दिया गया और तीन दशक बाद न्यायालय के आदेश पर इसके कर्मचारियों को लाभांश (सेवानिवृत्ति की उम्र तक वेतन के हिसाब से क्षतिपूर्ति) देने की प्रक्रिया आरंभ की गई।
रोहतास उद्योगसमूह (समापन में) के डालमियनगर प्रभारी अधिकारी आरत राय वर्मा ने सोनमाटी को बताया कि हाई कोर्ट के शासकीय समापक (पटना) की रिपोर्ट के आधार पर उच्च न्यायालय ने बाकी बचे कर्मचारियों के लाभांश भुगतान की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी है। श्री वर्मा के अनुसार, करीब 10 हजार कर्मचारियों को उनके बकाए (लाभांश) की रकम (करीब 72 करोड़ रुपये) का भुगतान कर दिया गया है, जबकि करीब 2100 कर्मचारियों के बकाए 06 करोड़ रुपये का भुगतान उनकी ओर से जरूरी कागजात के जमा नहींहोने के कारण रह गया है। न्यायालय द्वारा निर्धारित तारीख तक कर्मचारी या उनके आश्रित कागजात जमा कर अपना भुगतान प्राप्त कर लें।
एक प्रश्न के उत्तर में आरत राय वर्मा ने बताया कि रोहतास उद्योगसमूह के कर्मचारियों को भुगतान का तो आदेश है, मगर इस उद्योगसमूह को बंदी के समय (1984) तक विभिन्न तरह की आपूर्ति (आधिकारिक आदेश पर) करने वाले सप्लायरों आदि के बकाए के भुगतान को लेकर न्यायालय का आदेश नहींहुआ है। इसके लिए बेहतर विकल्प यह है कि बकाए के दावेदर न्यायालय के संज्ञान में अपनी बात साक्ष्यों के आधार लाएं और न्यायालय से भुगतान के लिए प्रार्थना करें।
(वेब रिपोर्टिंग : कुमार अरुण गुप्ता)