दाउदनगर (औरंगाबाद)-विशेष संवाददाता। प्रकृति की रक्षा में ही मानव की सुरक्षा है। पौधरोपण से ही पर्यावरण का संरक्षण संभव है। वनस्पति के अभाव में प्रकृति का जीवनदायी स्वरूप और आदमी सहित जीव-जंतुओं का अस्तित्व असंभव है। पर्यावरण जिस तेजी के साथ प्रदूषित होता जा रहा है, उसकी दुष्परिणाम की तीव्रता को महसूस करते हुए उसी तेजी के साथ समाज को सतर्क और सक्रिय होना होगा। यह विचार रखते हुए विवेकानंद मिशन स्कूल परिसर में स्कूल के संस्थापक-निदेशक डा. शंभूशरण सिंह ने आत्मोदय अभियान माह का आरंभ करने की औपचारिक घोषणा की।
पौधरोपण सुलभ और आसान तरीका
डा. शंभूशरण सिंह ने कहा कि विकास और उपभोग की आपाधापी में प्राकृतिक संसाधनों का निरंकुश मनमाना दोहन-शोषण मनुष्य द्वारा किया जाता रहा है। इसका ही दुष्परिणाम पर्यावरण प्रदूषण है। इसे हर साल बढ़ती जा रही गर्मी और मौसम के बिगड़ते मिजाज के रूप में साफ तौर पर देखा जा सकता है। इसलिए व्यक्ति और समाज के सामने पर्यावरण संरक्षण की अनिवार्यता का एक नया गंभीर दायित्व खड़ा हो गया है। पर्यावरण संरक्षण एक व्यापक प्रक्रिया है, जिसके लिए कई तरह के प्रयास और तरीकों को अपनाने की जरूरत है। पौधरोपण सबके लिए एक तरह का सर्वसुलभ और आसान तरीका है। निरंतर पौधरोपण से जो वृक्ष संपदा तैयार होगा, वह वायु प्रदूषण और मिट्टी प्रदूषण को संतुलित करेगा।
जागरूकता के लिए गांवों में पहुंचेगा विद्यालय का दल
आत्मोदय अभियान के अंतर्गत विवेकानंद मिशन स्कूल के शिक्षक-विद्यार्थियों के दल द्वारा गांवों में जाकर जागरूकता प्रसार और पौधरोपण का कार्य किया जाएगा। आत्मोदय अभियान के आरंभ के अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य चंद्रशेखर नायक, प्रबंधक सुनील कुमार सिंह, शिक्षक लोकेश पांडेय, दिनकर प्रसाद शर्मा, ब्रजेश कुमार, विमल मिश्रा के साथ छात्र-छात्राओं ने पौधरोपण किया और संक्षिप्त सांस्कृतिक प्रस्तुति भी की। छात्र निशांत कुमार और सौरभ कुमार ने पर्यावरण के मूल्य विषय पर लेख-पाठ और कविता-पाठ किया।
(रिपोर्ट व तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप, निशांत राज)
देश के युवा कृतसंकल्प और दृढ़संकल्प हो तो भारतीयों की हो सकती है 21वींसदी
डेहरी-आन-सोन/सासाराम (बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। सामाजिक संस्था डेक्सटोरिटी ग्लोबल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शरद सागर ने युवाओं से कड़ी मेहनत के साथ समाज के विभिन्न क्षेत्रों में नेृतत्व करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवा आगेआएंगे, नेतृत्वकर्ता के रूप में सक्रियहोंगे, तभी बेहतर नई पीढ़ी का निर्माण नहींहोगा और पुरानी अनुपयोगी, अनुत्पादक, सुस्त, यथास्थितिवादी नेतृत्व परंपरा में बदलाव होगा। समाज के तीव्र बदलाव के लिए केवल चिकित्सा, शिक्षा, इंजीनियरिंग में ही युवाओं की जरूरत नहींहै, बल्कि राजनीति, इतिहास, पुरातत्व, विज्ञान-तकनीक, कला-साहित्य, समाज विज्ञान के क्षेत्रों में भी युवाओं की जरूरत है। सदियां गवाह है कि जिधर जवानी चलती है, इतिहास उधर ही चलता है। इस दृष्टि से विशाल आबादी वाले भारत के विशाल युवा समुदाय में असीम ऊर्जा अंतरनिहित है, जरूरत सोच और शोध के उपयोग की।
21वींसदी भारतीयों की हो सकती है, मगर…
उन्होंने कहा कि चंद लोकप्रिय, रोजगार सुलभ, आसान मार्ग वाले क्षेत्रों में प्रवेश करने के बजाय यदि युवाओं का प्रवेश समाज के विभिन्न क्षेत्रों में होता है तो कोई शक नहींकि विशाल भारत का युवा समुदाय दुनिया के हर हिस्से में अपना वर्चस्व कायम कर सकेगा और 21वीं सदी भारतीय युवाओं की होगी। मगर यह बदलाव रातोरात संभव नहीं है, इसके लिए सघन श्रमशील, समयसाध्य, लक्ष्यसिद्ध बनने के लिए अभी से कृतसंकल्प और दृढ़संकल्प होना होगा। इस समय कार्य करने की उम्र और मौजूदा मानव संसाधन के हिसाब से भारत दुनिया के सबसे युवा देशों में एक है। इसके लिए जरूरी यह भी है कि समाज के सामथ्र्यवान युवा संरक्षण के लिए आगे आएं और सरकार भी धरातल पर उतरने लायक सक्रिय नीति बनाएं। यह समय है कि भारतीय ग्रामीण युवा पूरी सक्रियता और तेजी के साथ ज्ञान-विज्ञान की मुख्यधारा से जोड़े जाएं।
अंतरराष्ट्रीय युवा नवोन्मेषक हैं शरद सागर
बिहार के रोहतास जिले के मुख्यालय सासाराम में उद्यमिता और युवा नेतृत्व पर संवाद कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और शरद सागर से अनेक ने प्रश्न पूछ कर अपनी-अपनी जिज्ञासाओं का शमन किया। देश के प्रथम राष्ट्रपति डा. राजेंद्र प्रसाद के गाव जिरादेई (बिहार का सीवान जिला) के शरद सागर का नाम अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फोब्र्स पत्रिका ने पिछले वर्षों विश्व के 30 प्रतिभाशाली युवाओं की सूची में शामिल किया था, जिस सूची में फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग, नोबेल पुरस्कार प्राप्त मलाला युसुफजाई भी शामिल किए गए थे। राकफेलर फाउंडेशन ने 2013 में इन्हें आसन्न सदी के विश्व के सौ युवा नवोन्मेषकों (इनोवेटर्स) की सूची में स्थान दिया था। रामकृष्ण मिशन ने 2018 के अपने कैलेंडर में यूथ आईकान के रूप में शरद सागर को स्थान दिया है। इन्हें सर्वस्वीकृत भारतीय यूथ आईकान स्वामी विवेकानंद का धार्मिक-दार्शनिक क्षेत्र से अलग 21वींसदी के समाज का विचार ब्रांड माना जा रहा है।
(रिपोर्ट व तस्वीर : निशांत राज, अर्जुन कुमार)
शिक्षाविद एसपी वर्मा के साथ रोहित वर्मा भी सम्मानित
नोखा/सासाराम (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य के लिए प्राइवेट स्कूल्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के कोलकाता में संपन्न हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में बिहार के रोहतास जिले के प्रमुख शिक्षाविद और इस संगठन के महासचिव एसपी वर्मा को सम्मानित किया गया। उन्हें मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद चौरसिया ने राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया। कोलकाता राष्ट्रीय अधिवेशन में संतपाल सीनियर सेकेंड्री स्कूल के प्रबंधक रोहित वर्मा को भी राज्यपाल ने सम्मानित किया। प्राइवेट स्कूल्स एंड सोशल वेलफेयर एसोसिएशन के कोलकाता राष्ट्रीय अधिवेशन में 28 राज्यों के निजी स्कूल के संचालकों ने भाग लिया था। एसपी वर्मा सासाराम के प्रतिष्ठित संतपाल सीनियर सेकेेंडरी स्कूल, नोखा प्रखंड (रोहतास जिला) के मेयारी के शकर पब्लिक स्कूल और सासाराम के बाल विकास विद्यालय के भी चेयरमैन हैं।
(रिपोर्ट व तस्वीर : निशांत राज, अर्जुन कुमार)