डेहरी-आन-सोन (बिहार)-विशेष प्रतिनिधि। गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के अंतर्गत कार्यरत नारायण स्कूल आफ ला स्तरीय संसाधन और उत्तमतापूर्ण संरचना के मामले में पूर्वी भारत के बिहार-झारखंड राज्यों का एकलौता शिक्षण संस्थान है। भारतीय विधिज्ञ परिषद (बार काउंसिल आफ इंडिया) ने 7 अक्टूबर को अपनी अति संतुष्ट अनुशंसा के साथ इस संस्थान के प्रथम सत्र (वर्ष 2018-19, 2019-20) की पढ़ाई की अनुमति प्रदान कर दी है और यह कहा है कि सितम्बर से मान्य (आरंभ) सत्र के करीब डेढ़ महीने पीछे छूट गए अध्यापन-कार्य की पूर्ति नियमानुसार विद्यार्थियों की अतिरिक्त कक्षाएं लेकर की जाएंगी। यह जानकारी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यसभा सांसद गोपालनारायण सिंह, कुलपति डा. एमएल वर्मा और प्रबंध निदेशक त्रिविक्रमनारायण सिंह ने प्रेस-कान्फ्रेन्स में संयुक्त रूप से देते हुए यह बताया कि बीसीआई (बार काउंसिल आफ इंडिया) से हरी झंडी मिलते ही नारायण स्कूल आफ ला में नामांकन शुरू कर दिया गया है। प्रेस कान्फ्रेन्स में विश्वविद्यालय के कुल सचिव (रजिस्ट्रार) डा. आरएस जायसवाल, परीक्षा नियंत्रक कुमार आलोक प्रताप सिंह, ला-कालेज के प्राचार्य अरुण कुमार सिंह और विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी भूपेन्द्रनारायण सिंह मौजूद थे।
परिकल्पना-प्रदर्शन (अभ्यास) के लिए ला-कालेज में है भव्य मूट-कोर्ट : गोपालनारायण सिंह
विश्वविद्यालय के कुलाधिपति गोपालनारायण सिंह ने बताया कि मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और लोअर कोर्ट में पक्ष-विपक्ष की वकालतन बहस और न्यायाधीश द्वारा सुनवाई की परिकल्पना व प्रदर्शन (अभ्यास) के लिए ला-कालेज का जैसा भव्य मूट-कोर्ट तैयार किया गया है, वैसा मूट-कोर्ट बिहार और झारखंड राज्यों के किसी ला-कालेज में नहींहै। कालेज प्रशासन इस मूट-कोर्ट में विद्यार्थियों के ज्ञान-विस्तार और आत्मबल-वृद्धि के लिए हर महीने सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट या लोअर कोर्ट (जिला व अनुमंडल न्यायालय) से जज और वरिष्ठ अधिवक्ता को आमंत्रित करेगा। ला-कालेज में पांच साल की पढ़ाई पूरी कर चुके विद्यार्थियों को एक साल का सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में इंटर्नशिप कराया जाएगा, ताकि इसके बाद उन्हें जरूरत और इच्छानुरूप कारपोरेट कंपनियों में नौकरी पाने या वकालत का स्वरोजगार करने में परेशानी का सामना नहींकरना पड़े। ला-कालेज परिसर में लीगल एड क्लिनिक की स्थापना की जा रही है, जिसके तहत समाज के हर तरह के जरूरतमंदों को निशुल्क विधिक परामर्श दिया जाएगा।
नारायण स्कूल आफ ला में तीन तरह के पाठ्यक्रम : डा. एमएल वर्मा
गोपालनारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एमएल वर्मा ने बताया कि बीसीआई (बार काउंसिल आफ इंडिया) ने नारायण स्कूल आफ ला में तीन तरह के पाठ्यक्रम की स्वीकृति प्रदान की है, जिनमें 60-60 विद्यार्थियों के दो सेक्शन होंगे। ये पाठ्यक्रम तीन वर्षीय एलएलबी, पांच वर्षीय बीए एलएलबी और पांच वर्षीय बीबीए एलएलबी इन्टेग्रेटेड हैं। पांच वर्षीय दोनों कोर्स इंटरमीडिएट और तीन वर्षीय कोर्स स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों के लिए हैं।
एमबीए कालेज के प्रथम बैच के सभी छात्रों का कैम्पस सलेक्शन : त्रिविक्रम नारायण सिंह
प्रबंध निदेशक त्रिविक्रम नारायण सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य देश-समाज के लिए बेहतर प्रोफेशनल तैयार करना है और विश्वविद्यालय प्रशासन का यह प्रयास जारी है कि इसके विद्यार्थियोंं के उत्तीर्ण होते ही उनके लिए प्रथम रोजगार की व्यवस्था हो। विश्वविद्यालय के एमबीए कालेज (इंस्टीट्यूट आफ मैनेजरियल एक्सीलेंस) के प्रथम बैच के सभी 60 छात्रों का कैम्पस सलेक्शन के जरिये नौकरी हासिल हो चुकी है।
(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय, साथ में भूपेन्द्रनारायण सिंह, तस्वीर : उपेन्द्र कश्यप)