नई दिल्ली/बांदा (उत्तर प्रदेश)-सोनमाटी समाचार। केदारनाथ स्मृति शोध संस्थान द्वारा संयोजित-संचालित उपक्रमों में एक नया उपक्रम केदारनाथ न्यास महेश अंजुम युवा कविता सम्मान भी जुड़ गया है। इस बार का महेश अंजुम युवा कविता सम्मान-2018 घनश्याम कुमार देवांश को उनके कविता संकलन (आकाश में देह) को दिए जाने की घोषणा की गई है। इस सम्मान के निर्णय की घोषणा के साथ कहा गया है कि कवियों-कविताओं के शोर और भीड़ के इस दौर में यह संग्रह एक धीमा सुगम संगीत की तरह आया है। युवा कवि श्री देवांश को महेश अंजुम स्मृति युवा कविता सम्मान के लिए चयन करने का निर्णय प्रो. गोपेश्वर सिंह, प्रो. देवेन्द्र चौबे, मिथिलेश श्रीवास्तव और प्रेम कुमार मणि के निर्णायक मंडल ने सर्वानुमति से किया है। केदारनाथ न्यास के सचिव एवं वरिष्ठ कवि नरेंद्र पुण्डरीक की ओर से सोनमाटीडाटकाम को व्हाट्सएप पर दी गई जानकारी के अनुसार, आगामी 27 नवम्बर को गांधी शांति प्रतिष्ठान नई दिल्ली में केदारनाथ स्मृति शोध संस्थान (बांदा, उत्तर प्रदेश) की ओर से दिया जाएगा।
साहित्य के गंभीर सर्जक और अध्यापक है घनश्याम कुमार देवांश
2 जून, 1986 को गोण्डा, उत्तर प्रदेश में जन्मे हिन्दी के अध्याप एवं साहित्यकार घनश्याम कुमार देवांश की शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से हुई। इनकी कविताएं हंस, नया ज्ञानोदय, वागार्थ, समकालीन भारतीय साहित्य, बया, वर्तमान साहित्य, जनपक्षधर सहित अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। नाटक, कहानी, पटकथा, फिल्म समीक्षा, लेख आदि विधाओं में भी उनकी उल्लेखनयी सक्रियता रही है। इन्होंने चर्चित डॉक्यूमेंट्री फिल्म (गांधी का चंपारण) की स्क्रिप्ट (पटकथा) लेखन किया है। इनके हिंदी नाटक (हस्तिनापुर की एक निर्वासित स्त्री) को साहित्य कला परिषद (दिल्ली सरकार) की ओर से मोहन राकेश सम्मान प्राप्त हो चुका है। देवांश की कविताओं में परम्परा निषेध की उपस्थिति मजबूती से रेखांकित हुई है। युवा कवि धनश्याम कुमार देवांश का कविता संकलन (आकाश में देह) 2017 में भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित हुआ है।
युवा लेखकों की पांडुलिपि का प्रकाशन करेगा सृजनलोक
डालमियानगर (बिहार)-कार्यालय संवाददाता। सृजनलोक समूह अपनी पत्रिका, प्रकाशन और यू-ट्यूब चैनल द्वारा युवा और नवोदित लेखकों को सामने लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। इसके लिए प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय संगोष्ठी, साहित्योत्सव, साहित्य-विचार कार्यशाला, काव्य प्रतियोगिता का आयोजन देश के अलग-अलग हिस्सों में किया जाता है। हर वर्ष युवा लेखकों को सम्मानित भी किया जाता है। इस वर्ष युवा नवोदित रचनाकारों की पांडुलिपियां आमंत्रित की गई हैं। सर्वश्रेष्ठ पांडुलिपि का प्रकाशन किया जाएगा और उसके रचनाकार को अगले साल आयोजित संगोष्ठी में सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए 120 पेज तक की पांडुलिपि भेजी जा सकती हैं। इससे संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्ति संतोष श्रेयांस 7654926060 से फोन या व्हाट्सएप पर संपर्क करेंं। (सोनमाटी के व्हाट्सएप पर प्राप्त सूचना पर आधारित)