संवेदना का स्थापना दिवस / सोन कला केेंद्र की सांस्कृतिक श्रृंखला / रांची-डेहरी एक्सप्रेस ट्रेन / हेलमेट अभियान पर बल

संवेदना : समाज को समर्पित है सामूहिक चिकित्सा सेवा

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-विशेष प्रतिनिधि। संवेदना की सामूहिक सेवा समाज के हर जरूरतमंदों को इंसानियत के अहसास के साथ समर्पित है। संवेदना के निर्माण में समाज की ही भूमिका है। इसकी नींव में इस शहर, इस धरती का कर्ज है और हमारी सोच उस कर्ज को लौटाने, उतारने की है। यह उद्गार-विचार शहर के प्रसिद्ध न्यूरो चिकित्सक डा. उदय कुमार सिन्हा ने संवेदना न्यूरो साइकियाट्रिक रिसर्च सेन्टर के 23वें स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि संवेदना न्यूरो साइकियाट्रिक रिसर्च सेन्टर 2017 में आनलाइन हुआ। इस अवधि में बिहार, झारखंड के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दक्षिण भारत के सुदूर इलाके के 47 हजार से अधिक मरीजों का डाटाबेस एकत्र हो चुका है, जो कई तरह के चिकित्सकीय शोध के लिए उपयोगी है। उन्होंने बिहार में न्यूरो चिकित्सक और मनोचिकित्सक की न्यून उपलब्धता का जिक्र करते हुए कहा कि इस अभाव के कारण 60 फीसदी वैसे मरीजों को निजी चिकित्सकों के पास जाना पड़ता है, जिनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति सरकारी अस्पतालों से निशुल्क चिकित्सा प्राप्त करने वाली होती है।

संकल्प न्यूरो चिकित्सा के विश्वसनीय शोध केेंद्र बनाने का
संवेदना न्यूरो साइकियाट्रिक रिसर्च सेन्टर की अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक डा. मालिनी राय ने आगतों का स्वागत करते हुए अपने संबोधन में कहा कि 22 साल पहले हमने अपनी छोटी-सी क्लिनिक का नाम संवेदना रखा, ताकि अपनी सेवा मरीजों को संवेदना के साथ दे सकेें। संवेदना की परिकल्पना की प्रवाहमान अंतरधारा दो दशक बाद आज एक रिसर्च सेन्टर के रूप में समाज के सामने है। इसे न्यूरो चिकित्सा के विश्वसनीय शोध केेंद्र के रूप में वटवृक्ष बनाने का हमारा संकल्प है। उन्होंने बताया कि हमने किराये के छोटे कमरे में क्लिनिक का बीज बोया था, जो आज अपने भवन में पल्लवित-पुष्पित हो रहा है।
डा. उदय कुमर सिन्हा ने बचपन, पढ़ाई और रेलवे कर्मचारी पिता की पारिवारिक पृष्ठभूमि की जानकारी सार्वजनिक करते हुए बताया कि उनकी स्कूली शिक्षा डेहरी, बारून के स्थानीय आंचलिक क्षेत्र के स्कूलों में हुई। न्यूरो चिकित्सक बनने के बाद उन्हें मनोवैज्ञानिक सहयोगी की दरकार थी। इस अभाव को दूर करने का संकल्प उनकी पत्नी (डा. मालिनी राय) ने लिया, जिन्होंने श्रमपूर्वक पढ़ाई कर मनोचिकित्सक की योग्यता हासिल की। इस अवसर पर डा. उदय कुमार ने डेहरी और बारून हाईस्कूल के अपने शिक्षकों श्यामविलास प्रसाद, विनय कुमार गुप्ता, हजारी सिंह, दामोदर दास गुप्ता और डीएन सिंह को अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया।
(रिपोर्ट : कृष्ण किसलय, तस्वीर : निशान्तकुमार राज)

14 को हिन्दी दिवस कार्यक्रम और 22 की शाम प्रीति-राजू-अमृता के साथ डा. प्रसाद के नाम

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-कार्यालय प्रतिनिधि। सांस्कृतिक सर्जना की संवाहक संस्था सोन कला केन्द्र अपने आयोजनों की श्रृंखला में इसी महीने दो और औपचारिक कार्यक्रम करेगा। 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस संक्षिप्त कार्यक्रम का संयोजन होगा। इसके बाद होने वाले कार्यक्रम का नाम रखा गया है–  22 सितम्बर की शाम, प्रीति-राजू-अमृता के साथ डा. प्रसाद के नाम यह फैसला दयानिधि श्रीवास्तव की अध्यक्षता में संस्था की कार्यसमिति की हुई बैठक में लिया गया, जिसमें पिछले कार्यक्रमों की समीक्षा की गई, खूबियों-खामियों पर चर्चा की गई और आय-व्यय प्रस्तुत किया गया। सचिव निशान्तकुमार राज ने प्रगति प्रतिवेदन और कोषाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह ने आय-व्यय प्रस्तुत किया। बैठक में संस्थापक सलाहकार कृष्ण किसलय, सत्येन्द्र गुप्ता, अध्यक्ष दयानिधि श्रीवास्तव, कार्यकारी अध्यक्ष जीवन प्रकाश, उपाध्यक्ष अरुण शर्मा, सचिव निशान्त राज, उप सचिव सुनील कुमार सिंह ओमजी, प्रीति राज, ओमप्रकाश सिंह ढनढन, कोषाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह, राजू सिन्हा, अमृता पांडेय, सिंटू कुमार सोनी, गुलशन कुमार, रामनारायण प्रसाद सिंह आदि उपस्थित थे।
14 सितम्बर की शाम गायन, कविगोष्ठी का संक्षिप्त कार्यक्रम शंकर लाज परिसर में होगा। जबकि 22 सितम्बर को उमंग समारोह परिसर में गायन-नृत्य के संक्षिप्त कार्यक्रम में संस्था के संरक्षक प्रमुख हृदय रोग विशेषज्ञ डा. एसबी प्रसाद, संस्था की उप सचिव शहर की अग्रणी गायिका प्रीति राज, गायक राजू सिन्हा गायन प्रस्तुत करेंगे और अमृता पांडेय नृत्य की प्रस्तुति देंगी। नवगठित सोन कला केन्द्र पिछले दिनों 8 सितम्बर को अंतरजिला गायन प्रतियोगिता, 04 अगस्त को अंतरजिला नृत्य प्रतियोगिता का वृहद और 31 जुलाई को प्रेमचंद पुंयतिथि-किशोर जयंती पर संक्षिप्त गायन कार्यक्रम का आयोजन कर चुका है।
(रिपोर्ट : निशान्तकुमार राज, तस्वीर : रामनारायण प्रसाद सिंह)

डेहरी-आन-सोन से रांची के लिए विशेष दैनिक द्रुतगामी रेलगाड़ी 17 सितम्बर से

डेहरी-आन-सोन (रोहतास)-सोनमाटी समाचार नेटवर्क। दक्षिण-पूर्व रेलवे के उप मुख्य परिचालन प्रबंधक बीएन मंडल ने रेलवे बोर्ड के निर्णय के आधार पर पत्र जारी कर रेलवे और अन्य सभी संबंधितों को यह जानकारी दी है कि 17 सितम्बर से रांची-डेहरी एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन शुरू हो रहा है। रांची से यह रेलगाड़ी शाम में 5.15 बजे खुलेगी और डेहरी-आन-सोन में रात 11.30 बजे पहुंचेगी। यह रेलगाड़ी डेहरी-आन-सोन में हाल्ट करेगी, जहां से सुबह 04 बजे रांची के लिए खुलेगी और रांची करीब 10 बजे दिन में पहुंचेगी। यह एक्सप्रेस ट्रेन डेहरी-आन-सोन और रांची के बीच आठ रेल स्टेशनों जपला, डालटनगंज, बरवाडीह, लातेहार, टोरी, लोहरदगा, नगुवा और पिस्का पर रुकेगी। डेहरी-आन-सोन के स्टेशन प्रबंधक राजीव कमल की ओर से सोनमाटीडाटकाम को दी जानकारी के अनुसार, यह एक्सप्रेस ट्रेन शनिवार की शाम रांची से नहीं खुलेगी और रविवार की सुबह डेहरी-आन-सोन से नहीं खुलेगी। इस एक्सप्रेस ट्रेन में चेयरकार डिब्बा सहित 10 डिब्बा होगा।
(वाह्टसएप सूचना)

हेलमेट के इस्तेमाल का प्रतिशत बढ़ाने पर बल

पटना (सोनमाटी समाचार नेटवर्क)। राज्य प्रशासन का जोर हेलमेट का उपयोग बढ़ाने और सड़क दुर्घटना में होने वाली मौत पर भरसक अंकुश लगाने पर है। बिहार में सड़क दुर्घटना के कारण होने वाली कुल मौत में करीब 40 फीसदी मौत दोपहिया वाहन चालक और सवार की होती है। जबकि सड़कों पर दोपहिया वाहन चालकों में 38 फीसदी ही हेलमेट का इस्तेमाल करते हैं। इस तत्थ के मद्देनजर सीमा त्रिपाठी राज्य परिवहन आयुक्त बिहार सड़क सुरक्षा परिषद की प्रभारी अधिकारी ने सभी जिला परिवहन पदाधिकारी को विशेष हेलमेट जांच अभियान चलाने और हेलमेट धारण करने के प्रतिशत को बढाए जाने का निर्देश दिया है।
(वाह्टसएप सूचना)

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    One thought on “संवेदना का स्थापना दिवस / सोन कला केेंद्र की सांस्कृतिक श्रृंखला / रांची-डेहरी एक्सप्रेस ट्रेन / हेलमेट अभियान पर बल

    1. सोनमती समाचार पत्र बहुत ही अच्छा काम कर रहा है उम्मीद है कि और आगे बहुत ही अच्छा काम करेगा ऐसी शुभकामना है

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